दिल्लीः एनआईए के जज प्रवीण सिंह ने यासीन मलिक के गांधीवादी होने के दावे को सिरे से खारिज कर दिया। आतंकवाद वित्त पोषण के मामले में दोषी पाए गए जम्मू-कश्मीर के अलगाववादी नेता यासीन मलिक को सजा सुनाते हुए न्यायाधीश सिंह ने कहा कि तुम गांधीवादी नहीं हो और ना ही तुमने गांधी जी के अहिंसा के नीति को अपनाई है।
जज सिंह ने बुधवार को यासीन मलिक को सजा सुनाई, तो वह अदालत के फैसले सुनने के बाद कोर्टरूम में ही रोने लगा। उसने अपने वकील एपी सिंह को गले लगा लिया। एनआईए (NIA) यानी राष्ट्रीय जांच एजेंसी के स्पेशल कोर्ट के जज प्रवीण सिंह ने 20 पन्नों का ऑर्डर पढ़कर सजा का ऐलान किया। जज ने मलिक की सभी दलीलों को खारिज करते हुए उस पर 10 लाख का जुर्माना भी लगाया। आइए अब आपको बताते हैं कि न्यायाधीश सिंह ने अपने फैसले में क्या कहा-
– आपको बता दें कि कोर्ट में जिरह के दौरान मलिक की तरफ से पेश एमिकस क्यूरी एपी सिंह ने दलील दी थी कि मलिक ने 1994 के बाद हथियार छोड़ दिया था और गांधीवाद के रास्ते पर आ गया। कोर्ट ने एपी सिंह के इस दलील को खारिज कर दिया और कहा कि मलिक ने अपने किए पर एक बार भी खेद नहीं जताया, जो बताता है कि उसको हिंसा करने का कोई दुख नहीं है।
– अदालत ने कहा कि मलिक 94 के बाद भी कई हिंसा में अप्रत्यक्ष रूप से शामिल रहा है। उसने एक बार भी कश्मीर में हिंसा का विरोध नहीं किया। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि जब चौरी-चौरा कांड हुआ था, तो गांधीजी इसका विरोध करते हुए आंदोलन वापस ले लिया था।
– न्यायाधीश प्रवीण सिंह ने अपने ऑर्डर में कहा कि यासीन मलिक 1994 के बाद भी अलग जम्मू-कश्मीर की मांग की कई साजिशों में शामिल रहा। ये आइडिया ऑफ इंडिया पर हमला है। कोर्ट ने आगे कहा कि पॉलिटिकल फाइट अपनाने की बात कह आतंकी गतिविधि में शामिल रहे, जो कि विश्वासघात है। मलिक ने दलील दी थी कि उसने 7 प्रधानमंत्रियों के साथ काम किया है।
आपको बता दें कि दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने यासीन को दो मामलों में उम्रकैद और 10 मामलों में 10 साल सजा सुनाई है। सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी। इसके अलावा इस अलगाववादी नेता को 10 लाख रुपए जुर्माना भरना होगा। कोर्ट ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि उम्रकैद का मतलब जिंदा रहने तक है। यासीन पर पाकिस्तान के समर्थन से कश्मीर में आतंकी हमलों के लिए फंडिंग और आतंकियों को हथियार मुहैया कराने से जुड़े कई केस दर्ज थे।
उधर, खुफिया एजेंसियों ने यासीन मलिक को सजा के बाद दिल्ली-एनसीआर (NCR) में आतंकवादी हमले का अलर्ट जारी किया है। इसके बाद सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। वहीं कश्मीर में जवानों की छुट्टी रद्द कर दी गई है। इससे पहले, जब यासीन को सजा सुनाई जा रही थी, तो उस वक्त वहां इंटरनेट भी बंद कर दिया गया था।