दिल्लीः सरकार ने बढ़ती महंगाई को नियंत्रित करने लिए एक और बड़ा कदम उठाया है। पेट्रोल और डीजल पर लगने वाले उत्पाद शुल्क में कटौती करने के बाद सरकार सोयाबीन, सूरजमुख के कच्चा तेल तथ कृषि बुनियादी विकास उपकरण पर लगने वाले सीमा शुल्क को समाप्त कर दिया है।

केंद्र सरकार की ओर से मंगलवार को जारी अधिसूचना में कहा गया कि दो साल यानी वित्त वर्ष 2022-23 और 2023-24 के दौरान सोयाबीन तथा सूरजमुखी के 20-20 लाख कच्चा तेल पर शून्य सीमा शुल्क  पर आयात करने की अनुमति दी गई है।
सरकारी अधिसूचना में कहा गया है कि इससे देश में खाद्य तेल की कीमतों को काबू में रखने में मदद मिलेगी और आम लोगो का राहत पहुंचेगी। सोयाबीन तथा सूरजमुखी के तेल के अलावा कृषि संबंधि बुनियादी विकास उपकर भी अगले दो साल तक सीमा शुल्क नहीं लगेगा।  केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने ट्वीट कर कह, ‘‘यह निणर्य उपभोक्ताओं को महत्वपूर्ण राहत प्रदान करेगा।’’  सरकार के इस फैसले से देश में खाद्य तेलों की बढ़ती कीमतों में नरमी आने की उम्मीद की जा रही है।

आपको बता दें कि सरकार ने पिछले हफ्ते तेल की बढ़ती कीमतों को नियंत्रित करने के लिए पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में कटौती की थी। साथ ही5 स्टील और प्लास्टिक उद्योग में इस्तेमाल होने वाले कुछ कच्चे माल पर आयात शुल्क भी माफ कर दिया था। इसके अलावा लौह अयस्क और लौह छर्रों पर निर्यात शुल्क बढ़ाया गया था।
देश में ईंधन से लेकर सब्जियों और खाना पकाने के तेल तक सभी वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि ने थोक मूल्य मुद्रास्फीति को अप्रैल में 15.08 प्रतिशत के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर धकेल दिया और खुदरा मुद्रास्फीति आठ साल के उच्च स्तर 7.79 प्रतिशत पर पहुंच गई थी। उच्च मुद्रास्फीति ने रिजर्व बैंक को इस महीने की शुरुआत में बेंचमार्क ब्याज दर को 40 आधार अंक बढ़ाकर 4.40 प्रतिशत करने के लिए एक आपात बैठक आयोजित करने पर मजबूर कर दिया था।

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