दिल्लीः खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग के अध्यक्ष विनय कुमार सक्सेना को दिल्ली का नये उप राज्यपाल (LG) होंगे। सक्सेना अनिल बैजल की जगह लेंगे। आपको बता दें कि बैजल ने 18 मई को अपना इस्तीफा राष्ट्रपति को भेज दिया था, जिसे स्वीकार कर लिया गया है।

सक्सेना 27 अक्टूबर 2015 से खादी और ग्रामोद्योग आयोग के अध्यक्ष हैं। उन्होंने कॉर्पोरेट से लेकर एनजीओ क्षेत्र में काम किया। सक्सेना को कॉर्पोरेट साइंटिस्ट के तौर पर भी जाना जाता है। इसके अलावा वह कुशल कुमार पायलट भी हैं। 23 मार्च 1958 को जन्मे सक्सेना कानपुर विश्वविद्यालय के स्टूडेंट रह चुके हैं।

जेके ग्रुप के साथ राजस्थान में एक सहायक अधिकारी के तौर पर विनय कुमार सक्सेना ने ने अपने करियर शुरू किया था। व्हाइट सीमेंट प्लांट के साथ 11 साल काम करने के बाद, उन्हें 1995 में गुजरात में बंदरगाह परियोजना की देखभाल के लिए जनरल मैनेजर के रूप में प्रमोशन दिया गया था।

इसके बाद सक्सेन सीईओ (CEO) यानी मुख्य कार्यकारी अधिकारी बने और बाद में धोलर पोर्ट प्रोजेक्ट के डॉयरेक्टर बनाए गए। अक्टूबर 2015 में सक्सेना को खादी विकास और ग्रामोद्योग आयोग का अध्यक्ष बनाया गया।

विनय कुमार सक्सेना ने केवीआईसी के अध्यक्ष के रूप में कई योजनाओं की शुरुआत की है। उन्होंने हनी मिशन, कुम्हार सशक्तिकरण योजना, लेदर आर्टिसन्स एम्पावरमेंट, जैसी कई योजनाओं की शुरुआत कर चुके हैं। इन सभी योजनाओं से खादी और ग्रामोद्योग को न केवल बढ़ावा मिला है, बल्कि इंडस्ट्री ने नए-नए आयाम बनाए हैं। इसके अलावा उन्होंने चमड़ा कारीगरों को प्रशिक्षित करने के लिए दिल्ली में फुटवियर प्रशिक्षण केंद्र का भी उद्घाटन कर चुके हैं।

आपको बता दें कि व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए अनिल बैजल ने 18 मई को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को अपना इस्तीफा भेजा था। अरुणाचल प्रदेश-गोवा-मिजोरम और केंद्र शासित प्रदेश कैडर के 1969 बैच के आईएएस अधिकारी बैजल ने अपने  पूर्ववर्ती नजीब जंग के पद छोड़ने के बाद दिसंबर 2016 में दिल्ली के उपराज्यपाल के रूप में पदभार संभाला।

बैजल ने 31 दिसंबर 2016 से 18 मई 2022 तक यानी पांच साल और चार महीने तक दिल्ली के 21वें उपराज्यपाल के रूप में कार्य किया। बैजल ने अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के दौरान केंद्रीय गृह सचिव के तौर पर भी काम किया था।

दिल्ली के उपराज्यपाल के पद पर रहते हुए बैजल का कई मुद्दों पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ विवाद भी हुआ था। ​​ केजरीवाल सरकार और बैजल के बीच सबसे बड़ा आमना-सामना 2018 में हुआ था जब सीएम अरविंद केजरीवाल और उनके कैबिनेट मंत्री LG ऑफिस में ही धरने पर बैठ गए।

मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने आरोप लगाया कि आईएएस अधिकारी निर्वाचित प्रतिनिधियों के साथ मिलकर काम नहीं कर रहे हैं। राशन योजनाओं की डोरस्टेप डिलीवरी को लेकर भी अनिल बैजल का केजरीवाल सरकार के साथ टकराव रहा।

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