पटियालाः कांग्रेस नेता बने नवजोत सिंह सिद्धू पटियाला सेंट्रल जेल में बंद है। रोड रेज के मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सिद्धू ने शुक्रवार को पटियाला कोर्ट में आत्मसमर्पण किया था। सूत्रों ने बताया कि सिद्धू कैदी नंबर 241383 हैं और उन्हें बैरक नंबर 7 में रखा गया है।

आत्मसमर्पण करने के बाद बाद पहले सिद्धू को मेडिकल जांच के लिए पटियाला के माता कौशल्या अस्पताल ले जाया गया,  क्योंकि उन्होंने दिन में सीने में दर्द की शिकायत की थी। आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को 1988 के रोड रेज मामले में सिद्धू को एक साल जेल की सजा सुनाई थी।

सूत्रों ने बताया कि पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रधान सिद्धू को जेल में एक टेबल, एक कुर्सी, दो पगड़ी, एक अलमारी, एक कंबल, तीन सेट अंडरवियर, दो तौलिए, एक मच्छरदानी, एक पेन, एक नोटबुक, एक जोड़ी जूते दिए गए। साथ ही उन्हें दो चादरें, चार जोड़ी कुर्ता-पायजामा और दो तकिए के कवर भी दिए गए हैं। सूत्रों ने बताया कि कैदी नंबर 241383 को बैरक नंबर 7 में रखा गया है।

सिद्धू आठ महीने से भी कम समय में जेल से रिहा हो सकते हैं, लेकिन यह सभी उनके आचरण और राज्य सरकार पर निर्भर है। सजायाफ्ता कांग्रेस नेता एवं पूर्व क्रिकेटर सिद्धू अगर अच्छे आचरण और जेल अधिकारी उनके व्यवहार से प्रसन्न होते हैं तथा पंजाब सरकार उन्हें विशेष छूट देती है तो उन्हें आठ महीने से भी कम समय जेल में बिताना पड़ सकता है। आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा एक साल के कठोर कारावास की सजा सुनाए गए सिद्धू को जेल फैक्ट्री में काम करने के एवज में सजा में 48 दिन की छूट स्वत: मिल जाएगी। एक जेल अधिकारी ने कहा, “एक दोषी को प्रति माह चार दिन की छूट मिलती है, जिसमें पहले तीन महीने का प्रशिक्षण भी शामिल है, जहां उसे भुगतान नहीं मिलता है।”

वहीं जेल अधीक्षक के पास दोषी की सजा से 30 दिन और छूट देने का अधिकार है। यह आमतौर पर घोर अनुशासनहीनता में लिप्त लोगों को छोड़कर लगभग सभी दोषियों को उदारतापूर्वक दिया जाता है।

इसी तरह से पुलिस महानिदेशक (जेल) या अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (जेल) को अतिरिक्त 60 दिनों की तीसरी छूट प्रदान करने का अधिकार है, लेकिन यह आमतौर पर असाधारण मामलों में और राजनीतिक सहमति से दिया जाता है। सिद्धू के मामले में मुख्यमंत्री भगवंत मान से निकटता के कारण उन्हें इस छूट का लाभ मिलने का एक अच्छा मौका है। आपको बता दें मान ने हाल ही में सिद्धू के साथ बैठक की थी।

इसके अलावा एक संभावना यह भी है कि यदि राज्य सरकार जघन्य अपराधों में जेल में बंद सभी दोषियों के लिए विशेष छूट की घोषणा करती है, तो सिद्धू को और रियायतें मिल सकती हैं।

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