दिल्ली: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बीजेपी पर तीखा हमला बोला है। राहुल ने बीजेपी पर देश में नफरत फैलाने का आरोप लगाते हुए कहा है कि बीजेपी ने ने पूरे देश में केरोसीन छिड़क दिया है और एक चिंगारी से आग भड़क सकती है।
कांग्रेस सांसद राहुल ने लंदन के कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में आइडियाज ऑफ इंडिया सेमिनार को संबोधित करते हुए कहा कि बीजेपी देश में ध्रुवीक्ररण का केरोसिन छिड़क रही है। बस आपको एक चिंगारी लगाने की जरूरत है, फिर देश खुद जलने लगेगा।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस समेत समूचे विपक्ष को सबसे पहले इसे रोकने की लड़ाई लड़नी है। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस में अंदरुनी कलह की बात भी स्वीकारी। राहुल ने चीन के मुद्दे पर भी मोदी सरकार को घेरा।
राहुल गांधी ने कहा कि देश में हालात ठीक नहीं है। पीएम नरेंद्र मोदी किसी की नहीं सुनते हैं। देश में लोगों की आवाज दबाने की कोशिश हो रही है। उन्होंने कहा कि चीन की सेना लद्दाख में घुस चुकी है। इस दौरान उन्होंने एलएसी विवाद के रूस-यूक्रेन युद्ध से भी जोड़ दिया।
कांग्रेस नेता राहुल ने दावा किया कि रूस जो यूक्रेन में कर रहा है, कुछ वैसी ही स्थिति चीन ने लद्दाख में पैदा की है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार इस बारे में बात तक नहीं करना चाहती। उन्होंने कहा कि चीन की सेनाएं लद्दाख़ और डोकलाम दोनों जगह हैं। चीन की तरफ से कहा जा रहा है इन इलाक़ों से भारत का संबंध तो है लेकिन हम नहीं मानते कि यह भूभाग आपका है। उन्होंने आगे कहा मेरी समस्या यह है कि भारत सरकार इस पर कोई बात नहीं करना चाहती।’
उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि भारत में अभी लोकतंत्र की स्थिति अच्छी नहीं है। बीजेपी के लोगों ने संवैधानिक पदों पर कब्जा कर लिया है। सभी सरकारी संस्थानों में पीछे से लोगों की एंट्री दी जा रही है। हम इन लोगों से लड़ रहे हैं।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कांग्रेस की हार और बीजेपी की जीत के मुद्दे पर कहा कि हम लोगों के पास नहीं जा पा रहे हैं। हमें और अधिक आक्रामक रूप से उन 60-70% लोगों के पास जाने की जरूरत है, जो बीजेपी को वोट नहीं देते हैं और हमें इसे एक साथ करने की जरूरत है।
एक सवाल के जवाब में राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस अभी अंदरूनी कलह से जूझ रही है। उन्होंने कहा कि हमें लोग कहते हैं कि बीजेपी जैसा काडर आपके पास क्यों नहीं है? मेरा जवाब है कि उनके जैसा काडर अगर होगा, तो हम लोगों का सुनना छोड़ देंगे। कांग्रेस की DNA में यह नहीं है।
उन्होंने कहा कि भारत में सरकार इकॉनोमिक क्राइसिस पर गंभीर नहीं है। आप 1991 के नीतियों से अब क्राइसिस को खत्म नहीं कर सकते। मैंने 2012 में मनमोहन सिंह जी से पूछा था, तो उनका जवाब था कि अब हम नए दौर में आ गए हैं, पुरानी नीतियों से काम नहीं होगा। सरकार क्राइसिस से निपटने के लिए कोई पहल नहीं कर रही और ना ही किसी की सुन रही है।
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