वाराणसीः उत्तर प्रदेश के वाराणसी स्थित ज्ञानवापी परिसर की सर्वे रिपोर्ट मंगलवार को सिविल जज सीनियर डिवीजन रवि कुमार दिवाकर की अदालत में पेश नहीं हो सकेगी। स्पेशल एडवोकेट कमिश्नर विशाल सिंह ने सिविल जज सीनियर डिवीजन की कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया है, जिसमें उन्होंने ज्ञानवापी परिसर की सर्वे रिपोर्ट पेश करने के लिए दो दिन का समय मांगा है।
उधर, प्रदेश सरकार की ओर से वाराणसी के ज्ञानवापी मामले में वाराणसी की अदालत में अर्जी दाखिल की है। डीजीसी (DGC) सिविल महेंद्र प्रसाद पांडेय ने सिविल जज सीनियर डिवीजन रवि कुमार दिवाकर की अदालत में प्रार्थना पत्र दिया है। प्रार्थना पत्र में उन्होंने तीन बिंदुओं पर मांग की है। उन्होंने अपील की है कि वजूखाना बंद होने के बाद नमाजियों की समस्या का ध्यान रखा जाए। या फिर कोर्ट कमिश्नर नियुक्त कर उनकी रिपोर्ट के आधार पर निर्देश-आदेश जारी करें। पांडे ने अदालत के समक्ष जिन तीन मांगों को रखा है, वे निम्मलिखित प्रकार हैः
वहीं ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में सर्वे को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की है। यह याचिका मसाजिद कमेटी ने की ओर से दायर की गई है। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की पीठ इस मामले को देखेगी।
आपको बता दें कि 13 मई को सुप्रीम कोर्ट में सीनियर एडवोकेट फुजैल अहमदी ने ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वेक्षण को तुरंत रोकने की याचिका दाखिल की थी, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि पहले इससे जुड़ी फाइलें देखी जाएंगी। इसके बाद कुछ फैसला लेंगे।
वहीं हिंदू सेना भी ज्ञानवापी में सर्वे मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है। हिंदू सेना ने याचिका दाखिल कर ज्ञानवापी मामले में मसाजिद कमेटी की याचिका को जुर्माने के साथ खारिज करने और मामले में पक्षकार बनाए जाने की मांग की है। हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने सुप्रीम कोर्ट में ये अर्जी 16 मई को दाखिल की। उन्होंने कहा है कि हमें भारत के संविधान के अनुच्छेद-25 के तहत पूजा करने का पूरा अधिकार है। इसलिए हमें अदालत की सहायता करने की अनुमति दी जाए। मसाजिद कमेटी की याचिका अनुकरणीय लागत के साथ खारिज किए जाने योग्य है।
आपको बता दें कि दिल्ली की रहने वाली राखी सिंह और बनारस की रहने वाली लक्ष्मी देवी, सीता साहू, मंजू व्यास तथा रेखा पाठक की ओर से वाराणसी की सिविल जज सीनियर डिवीजन की कोर्ट में 18 अगस्त 2021 में एक याचिका दायर की गई थी। इस याचिका कहा गया था कि ज्ञानवापी परिसर में हिंदू देवी-देवताओं का स्थान है। ऐसे में ज्ञानवापी परिसर में मां शृंगार गौरी के नियमित दर्शन-पूजन की अनुमति दी जाए। इसके साथ ही परिसर स्थित अन्य देवी-देवताओं की सुरक्षा के लिए सर्वे कराकर स्थिति स्पष्ट करने की बात भी याचिका में कही गई।
मां शृंगार गौरी का मंदिर ज्ञानवापी के पिछले हिस्से में है। 1992 से पहले यहां नियमित दर्शन-पूजन होता था। बाद में सुरक्षा तथा अन्य कारणों के बंद होता चला गया। अभी साल में एक दिन चैत्र नवरात्र पर शृंगार गौरी के दर्शन-पूजन की अनुमित होती है।
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