दिल्लीः दुनिया के सात अजूबों में शुमार उत्तर प्रदेश के आगरा स्थित ताजमहल को लेकर शुरू हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। बेहद खूबसूर इस इमारत के तहखाने के 22 कमरों को खोलने की याचिका को भले ही इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने खारिज कर दिया है, लेकिन इसको लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। ताजमहल पर मालिकाना हक का दावा करने वाली जयपुर राजघराने की राजकुमारी एवं बीजेपी सांसद दीया कुमारी को मुगल वंशज प्रिंस तूसी ने खुला चैलेंज किया है और राजकुमारी के सभी दावों को सस्ता पब्लिसिटी स्टंट बताया है।

प्रिंस तूसी ने राजकुमारी दीया के ताजमहल का वारिस होने के बयान पर कहा, “कोई दस्तावेज दिखा दें तो मैं मान लूंगा। यह केवल हवा में तीर मारा गया है। मुगल सल्तनत, फिर ब्रिटिश हुकूमत और फिर आजाद भारत हुआ। इतने समय में आपको याद नहीं आया कि ताजमहल आपका है। मुगल साम्राज्य में 14 में से 9 रानियां राजपूत थीं। ऐसे में आप हमारे रिश्तेदार हुए। अगर आप में एक कतरा भी राजपूताना खून है तो कागजात दिखाइए।“

उन्होंने कहा, “अभी एक बीजेपी नेता ने कोर्ट में एप्लिकेशन डाली है। कल को वे कहेंगे गुरुद्वारे, चर्च की जांच करवाओ तो क्या होगा। मेरी देश की जनता से अपील है कि ऐसे लोग चीप पब्लिसिटी के लिए हिंदू और मुसलमान में कॉन्ट्रोवर्सी करना चाहते हैं। ऐसे लोगों की बातों पर ध्यान न दिया जाए।“

कौन हैं प्रिंस तूसी- प्रिंस तूसी हैदराबाद निवासी हैं। इनका पूरा नाम प्रिंस याकूब हबीबुद्दीन तूसी है। प्रिंस तूसी खुद को मुगल बादशाह शाहजहां का वंशज बताते हैं। वह दावा करते हैं कि बहादुरशाह जफर की छठी पीढ़ी के हैं। इन्होंने कई सालों पहले अयोध्या की बाबरी मस्जिद और ताजमहल पर मालिकाना हक का दावा किया था, लेकिन न्यायालय ने उसे खारिज कर दिया था। पहले उन्हें आगरा आने पर प्रोटोकॉल मिलता था, लेकिन अब उर्स इंतजामिया कमेटी और पुरातत्व विभाग दोनों ही उनकी अपेक्षा करते हैं।

हालांकि प्रिंस के ताजमहल आने पर CISF की सुरक्षा अभी भी मिलती है। प्रिंस तूसी ने बताया कि चार साल पहले उन्होंने हैदराबाद कोर्ट में DNA जांच की अपील की थी। इसके बाद उनको मुगल वंशज माना गया है। हालांकि, अब राजघराने जैसी व्यवस्थाएं खत्म हो गई हैं। इसलिए उन्हें मुगलिया संपत्ति पर मालिकाना हक नहीं मिल सकता है।

आपको बता दें कि जयपुर रॉयल फैमिली ने भी दो दिन पहले ताजमहल पर दावा किया था। रॉयल फैमिली की सदस्य एवं बीजेपी सांसद दीया कुमारी ने कहा कि उस जगह पर हमारा महल था। ये अच्छी बात है कि किसी ने ताजमहल के दरवाजे खोलने को लेकर अपील की है, इससे सच सामने आएगा। हम भी अभी मामले को एग्जामिन कर रहे हैं।

दीया कुमारी ने दावा किया है कि उनके पास ऐसे डॉक्यूमेंट मौजूद हैं, जो बताते हैं कि पहले ताजमहल जयपुर के पुराने राजपरिवार का पैलेस हुआ करता था, जिस पर शाहजहां ने कब्जा कर लिया। जब शाहजहां ने जयपुर परिवार का वह पैलेस और जमीन ली तो परिवार उसका विरोध नहीं कर सका, क्योंकि तब उसका शासन था।

इससे पहले आगरा के ताजमहल में भगवा वस्त्र और धर्मदंड लेकर प्रवेश न देने के मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की गई है। याचिका में धर्मदंड और भगवा वस्त्र के साथ ताजमहल में प्रवेश की अनुमति दी जाने की मांग की गई है। यह याचिका जगद्गुरु परमहंस आचार्य धर्मेंद्र गोस्वामी की ओर से दाखिल की गई है। वहीं, अयोध्या छावनी तपस्वी अखाड़े के पीठाधीश्वर जगद्गुरु परमहंसाचार्य को कुछ दिनों पहले ताजमहल में एंट्री नहीं दी गई थी। इस पर उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है। गुरुवार को आगरा के हिंदूवादी नेता गोविंद पाराशर ने सुप्रीम कोर्ट में ताजमहल को लेकर याचिका डालने का ऐलान किया है।

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