Old compass on vintage map with rope closeup. Retro stale

दिल्लीः नेशनल टेक्नोलॉजी डे है। 1998 में भारत में राजनीतिक उठापटक चरम पर थी। अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में सरकार ने कामकाज संभाला ही था। ऐसे में 11 और 13 मई को एक ऐसा कारनामा कर दिखाया कि पूरी दुनिया दंग रह गई थी। राजस्थान के पोखरण फील्ड फायरिंग रेंज में खेतोलाई गांव के पास कुल पांच परमाणु परीक्षण किए। यह सब इतना गुपचुप हुआ कि पूरी दुनिया के परमाणु संयंत्रों और सैन्य गतिविधियों पर सैटेलाइट से निगरानी करने वाला अमेरिका भी दंग रह गया था।

इन टेस्ट के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री अटर बिहारी वाजपेयी ने कहा, “आज, 15:45 बजे भारत ने पोखरण रेंज में अंडरग्राउड न्यूक्लियर टेस्ट किया’। वह खुद धमाके वाली जगह पर गए थे।“ पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने टेस्ट के सफल होने की घोषणा की थी। कलाम ने एक इंटरव्यू में बताया था कि उस समय भारत पर अंतरराष्ट्रीय दबाव काफी ज्यादा था, लेकिन तत्कालीन पीएम वाजपेयी ने तय किया था कि वह आगे बढ़कर परीक्षण करेंगे। इसके साथ ही भारत एक परमाणु ताकत बना। वाजपेयी ने नारा दिया था, “जय जवान, जय किसान और जय विज्ञान।“ इसी वजह से इस दिन को हर साल नेशनल टेक्नोलॉजी डे के तौर पर मनाया जाता है।

टेस्ट के लिए पोखरण चुना गया, क्योंकि जैसलमेर से 110 किमी दूर जैसलमेर-जोधपुर मार्ग पर यह एक प्रमुख कस्बा है। 1974 के बाद 11 मई 1998 को पोखरण में भारत ने परमाणु परीक्षण किया, तो इजरायल को छोड़कर दुनिया के सारे देश भारत के खिलाफ उठ खड़े हुए। अमेरिका सहित कई देशों ने भारत पर आर्थिक प्रतिबंध लगा दिए थे। इससे पहले 18 मई 1974 को पोखरण में ही उस समय की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के निर्देश पर पहला परमाणु परीक्षण हुआ था। इसे नाम दिया था- बुद्ध स्माइलिंग (बुद्ध मुस्करा रहे हैं)। 1998 के परमाणु परीक्षण आसान नहीं थे। 1995 में अंतरराष्ट्रीय दबाव में भारत अपने परीक्षण टाल चुका था। उसके बाद से दुनियाभर के कई देशों ने भारत पर निगरानी बढ़ा दी थी।

पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की अगुआई में यह मिशन कुछ इस तरह से अंजाम दिया गया कि अमेरिका समेत पूरी दुनिया को इसकी भनक तक नहीं लगी। दरअसल, अमेरिकी खुफिया एजेंसी CIA भारत पर नजर रखे हुए थी और उसने पोखरण पर निगरानी रखने के लिए 4 सैटलाइट लगाए थे। भारत ने CIA और उसके सैटलाइटों को चकमा देते हुए परमाणु परीक्षण कर दिया। आइए एक नजर डालते हैं 11 मंई को देश और दुनिया में घटित हुईं महत्वपूर्ण घटनाओं पर-

1752: अमेरिका के फिलाडेल्फिया में अग्नि बीमा पालिसी की शुरुआत की गई।
1784: अंग्रेजों और मैसूर के शासक टीपू सुल्तान के बीच संधि।
1833: अमेरिका से क्यूबेक जा रहे जहाज लेडी ऑफ द लेक के हिमखंड से टकराकर अटलांटिक महासागर में डूबने से 215 लोगों की मौत।
1940: ब्रिटिश ब्राडकास्टिंग सर्विस ने अपनी हिंदी सेवा की शुरुआत की।
1951: राष्ट्रपति राजेन्द्र प्रसाद ने नवनिर्मित सोमनाथ मंदिर का उद्घाटन किया।
1962: सर्वपल्ली राधाकृष्णन को भारत का राष्ट्रपति चुना गया। उन्होंने डॉ. राजेन्द्र प्रसाद का स्थान लिया।
1965: बांग्लादेश में चक्रवाती तूफान में 17 हजार लोगों की मौत।
1988: फ्रांस ने परमाणु परीक्षण किया।
1995: अमेरिका के न्यूयार्क शहर में 170 से अधिक देशों ने परमाणु अप्रसार संधि पर हस्ताक्षर किए।
1998: भारत ने राजस्थान के पोकरण में तीन परमाणु परीक्षण करने का ऐलान किया।
1998: यूरोप की एकल मुद्रा यूरो का पहला सिक्का बना।
2000: जनसंख्या घड़ी के मुताबिक भारत की जनसंख्या एक अरब पहुंची।
2007: उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी ने बहुमत हासिल किया और पार्टी नेता मायावती ने मुख्यमंत्री की कुर्सी संभाली।
2008: न्यूयार्क के कॉर्नेल विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने देश का पहला जेनेटिकली मोडिफाइड मानव भ्रूण तैयार किया।
2013: तुर्की के रेहानली क्षेत्र में कार बम धमाकों में 43 लोगों की मौत हुई।

 

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