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आज का इतिहासः आज के ही दिन 1857 में मेरठ छावनी से सैनिकों ने फूंका थी बगावत की बिगूल, जिससे हिल गई थी अंग्रेज हुकूमत - Prakhar Prahari
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आज का इतिहासः आज के ही दिन 1857 में मेरठ छावनी से सैनिकों ने फूंका थी बगावत की बिगूल, जिससे हिल गई थी अंग्रेज हुकूमत

दिल्लीः 10 मई को घटित हुई महत्वपूर्ण घटनाओं में से जिन दो घटनाओं का जिक्र करना अति आवश्यक है, उनमें से पहला है भारत की आजादी की लड़ाई यानी 1857 की क्रांति, जिसने अंग्रेजी हुकूमत तो हिला कर रखा दिया था और दूसरा दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद के खिलाफ डॉ. नेलशन मंडेला का बिगूल फूंकना।

1857 के पहले स्वतंत्रता संग्राम में 10 मई की तारीख बहुत अहम है। इसी दिन मेरठ छावनी से उठी क्रांति की ज्वाला से ब्रिटिश हुकूमत हिल गई थी। मेरठ की तीनों रेजिमेंट के सिपाहियों ने बगावत का झंडा उठाकर दिल्ली कूच कर दिया। इसमें मह‍िलाओं ने भी सहयोग दिया। ब्रिटिश अधिकारियों ने इसे दबाने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी।

इस संघर्ष में अंतिम मुगल शासक बहादुरशाह जफर, नाना साहब, झांसी की रानी लक्ष्मीबाई, तात्या टोपे समेत कई बड़े नाम शामिल हुए थे। बैरकपुर छावनी में मंगल पांडेय के विद्रोह के बाद से भारतीय सिपाहियों में ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ नफरत बहुत बढ़ गई थी। इस स्वतंत्रता संग्राम में इसने आग में घी का काम किया। उत्तर भारत की बड़ी रियासतों ने इस बगावत को भड़काने में कोई कमी नहीं छोड़ी और इस समर में कूद पड़े। यह बात अलग है कि गोरों ने कुछ ही दिनों में इस संघर्ष को कुचल दिया। दिल्ली समेत जिन रियासतों ने आजादी की घोषणा की थी, उन्हें वापस ब्रिटिश हुकूमत में शामिल कर लिया गया।

अब बात डॉ. मंडेला की करते हैं। जो सम्मान भारत में महात्मा गांधी को मिलता है, उतना ही सम्मान दक्षिण अफ्रीका में नेल्सन मंडेला को मिलता है। इसी वजह से तो उन्हें अफ्रीका का गांधी भी कहते हैं। मंडेला ने 27 साल जेल में रहकर रंगभेद की नीतियों के खिलाफ लड़ते हुए न केवल श्वेत-अश्वेत के बीच की खाई को पाटा, बल्कि 10 मई 1994 को पहले अश्वेत राष्ट्रपति के तौर पर दक्षिण अफ्रीका में नए युग की शुरुआत की। आज उनका जन्मदिन पूरी दुनिया में रंगभेद को मिटाने के प्रतीक के तौर पर मनाया जाता है।

मंडेला का जन्म दक्षिण अफ्रीका में बासा नदी के किनारे ट्रांसकी के मर्वेजो गांव में 18 जुलाई, 1918 को हुआ था। उन्हें लोग प्यार से मदीबा बुलाते थे। वे अफ्रीका के पहले अश्वेत राष्ट्रपति थे। उनकी सरकार ने सालों से चली आ रही रंगभेद की नीति को खत्म करने और इसे अफ्रीका की धरती से बाहर करने के लिए भरपूर काम किया। उन्होंने दक्षिण अफ्रीका को एक नए युग में प्रवेश कराया।

नेल्सन मंडेला एक ऐसे शख्स थे, जो लड़ते गए। न खुद कभी हथियार डाले और न ही समर्थकों को ऐसा करने दिया। 2009 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने उनके जन्मदिन 18 जुलाई को ‘मंडेला दिवस’ के रूप में घोषित किया। खास बात यह है कि उनके जीवित रहते ही इसकी घोषणा हुई।

रंगभेद विरोधी लड़ाई के दौरान मंडेला को सरकार ने 27 साल के लिए रॉबेन द्वीप की जेल में डाल दिया। उन्हें कोयला खान में काम करना पड़ा। 8X7 फीट के कमरे में वे रहते थे। घास-फूस की एक चटाई पर सोते। 1990 में दक्षिण अफ्रीका की श्वेत सरकार से समझौते के बाद उन्होंने नए दक्षिण अफ्रीका का निर्माण किया।

डॉ. नेल्सन मंडेला ने जिस तरह से देश में रंगभेद के खिलाफ अपना अभियान चलाया, उसने कई देशों को आकर्षित किया। भारत सरकार ने 1990 में मंडेला को भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया। मंडेला भारत रत्न पाने वाले पहले विदेशी हैं। साल 1993 में उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार से नवाजा गया। इसके बाद लंबी बीमारी के चलते 5 दिसंबर 2013 को 95 वर्ष की उम्र में नेल्सन मंडेला का निधन हो गया। आइए एक नजर डालते हैं देश और दुनिया में 10 मई को घटित हुईं महत्वपूर्ण घटनाओं परः

1427- यूरोपीय देश स्विट्जरलैंड के बर्न शहर से यहूदियों को निष्कासित किया गया।
1503- इटली के खोजकर्ता एवं नाविक कोलंबस ने कायमान द्वीप की खोज की।
1526- पानीपत की पहली लड़ाई में जीत के बाद बाबर ने तत्कालीन भारत की राजधानी अकबराबाद (आगरा) में प्रवेश किया।
1534 – फ्रांसीसी नाविक जैक्स कॉर्टियर न्यूफाउण्डलैंड पहुंचा।
1655- ब्रिटिश सेना ने जमैका पर कब्जा किया।
1774 – लुई 15वें की मौत के बाद लुई 16वां फ्रांस का राजा बना।
1796 – नेपोलियन ने लोदी ब्रिज के युद्ध में ऑ्स्ट्रिया को हराया
1824 – लंदन की नेशनल गैलरी को आम नागरिकों के लिए खोला गया।
1857 – स्वतंत्रता संग्राम की पहली लड़ाई मेरठ की छावनी से शुरू हुयी।
1908 – वेस्ट वर्जीनिया के ग्रेफ्टन में चर्च सर्विस के दौरान पहला मदर्स डे मनाया गया।
1916 – नीदरलैंड की राजधानी एम्सटर्डम में ऐतिहासिक शिप पोर्ट संग्रहालय खोला गया।
1940 – जर्मनी ने बेल्जियम, नीदरलैंड और लक्जमबर्ग पर हमला किया।
1945 – रूसी सेना ने चेक गणराज्य की राजधानी प्राग पर्र्र कब्जा किया।
1959 – सोवियत सेना अफगानिस्तान पहुंची।
1962 – मार्वल कॉमिक्स ने ‘द इनक्रेडिबल हल्क’ का पहला अंक प्रकाशित किया।
1972 – अमेरिका ने नेवादा में परमाणु परीक्षण किया।
1981 – बॉम्बे (मुंबई) में पहली बार रात में क्रिकेट मैच खेला गया।
1993 – संतोष यादव दुनिया के सबसे ऊँचे पर्वत शिखर एवरेस्ट पर दो बार पहुंचने वाली विश्व की पहली महिला पर्वतारोही बनी।
1994 – दक्षिण अफ़्रीका में नेल्सन मंडेला ने प्रिटोरिया में एक ऐतिहासिक समारोह में राष्ट्रपति पद की शपथ ली।
1995 – दक्षिण अफ्रीका की सोने की एक खान में लिफ्ट गिरने से लगभग 104 मजदूरों की मौत हो गयी।
2000 – भारत और ताजिकिस्तान ने संयुक्त घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर किए।
2000 – यूरोपीय देश घाना में एक फ़ुटबाॅल मैच के दौरान हुयी हिंसा में लगभग 130 दर्शकों की मौत।
2002 – प्रसिद्ध शायर कैफी आजमी का निधन।
2005 – लाहौर-अमृतसर बस सेवा शुरू करने पर भारत और पाकिस्तान सहमत हुए।
2007 – अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन ने कार्यस्थल पर होने वाले भेदभाव पर रिपोर्ट जारी की।
2011- सुप्रीम कोर्ट ने ऑनर किलिंग की साजिश रचने वालों और हत्यारों के लिए मृत्युदंड की सिफारिश की। इसे बर्बर करार दिया।
2012 – सीरिया की राजधानी दमिश्क में हुए दो बम धमाकों में 55 लोगों की मौत और 370 अन्य लोग घायल हुए।
2014 – दक्षिण अफ्रीका में हुए आम चुनाव में अफ्रीकी नेशनल कांग्रेस की जीत।

 

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