Subscribe for notification
ट्रेंड्स

इस बार राष्ट्रपति पद के चुनाव में घट जाएगा सांसदों के मतों का मूल्य, जानें क्या है वजह

दिल्ली : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद 24 जुलाई को अपना कार्यकाल पूरा कर रहे हैं और इससे पहले नए राष्ट्रपति का चुनाव होना है। इसको लेकर सरगर्मियां तेज हो गई है। इस बार राष्ट्रपति चुनाव में एक सांसद के मत का मूल्य 708 से घटकर 700 रह जाने की संभावना है। इसकी वजह जम्मू-कश्मीर में विधानसभा का गठन नहीं होना है। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी।

आपको बता दें कि राष्ट्रपति चुनाव में एक सांसद के मत का मूल्य दिल्ली, पुडुचेरी और जम्मू-कश्मीर समेत अन्य राज्यों तथा केंद्रशासित प्रदेशों की विधानसभाओं के लिए निर्वाचित सदस्यों की संख्या पर आधारित होता है। राष्ट्रपति चुनाव में लोकसभा, राज्यसभा और दिल्ली, पुडुचेरी तथा जम्मू कश्मीर सहित राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की विधानसभाओं के सदस्य मतदान करते हैं।

आपको बता दें कि अगस्त 2019 में जम्मू-कश्मीर से संबंधित संविधान के अनुच्छेद 370 को समाप्त किए जाने तथा राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों लद्दाख और जम्मू-कश्मीर में विभाजित किए जाने से पहले जम्मू-कश्मीर राज्य में 83 विधानसभा सीट थीं। जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम के अनुसार, केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में विधानसभा होगी, जबकि लद्दाख पर सीधे केंद्र का शासन होगा। सरकार ने घोषणा की थी कि विधानसभा क्षेत्रों का परिसीमन पूरा होने के बाद विधानसभा चुनाव होगा। पिछले हफ्ते जम्मू-कश्मीर के लिए गठित परिसीमन आयोग ने अपने अंतिम आदेश को अधिसूचित किया,  जिसमें उसने नए बनाए गए केंद्रशासित प्रदेश के लिए 90 सदस्यीय विधानसभा की सिफारिश की। लेकिन इस केंद्रशासित प्रदेश में विधानसभा सदस्यों के निर्वाचन में कुछ समय लग सकता है।

यह पहली बार नहीं है कि किसी राज्य विधानसभा के विधायक राष्ट्रपति चुनाव में भाग नहीं ले पाएंगे। वर्ष 1974 में 182 सदस्यीय गुजरात विधानसभा को नवनिर्माण आंदोलन के बाद मार्च में भंग कर दिया गया था। राष्ट्रपति चुनाव से पहले गुजरात विधानसभा का गठन नहीं किया जा सका था जिसमें फखरुद्दीन अली अहमद चुने गए थे। हालांकि, जम्मू-कश्मीर का प्रतिनिधित्व राष्ट्रपति चुनाव में देखने को मिलेगा, क्योंकि इसके लोकसभा सदस्य देश के प्रथम नागरिक का चुनाव करने के लिए अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए पात्र होंगे।

वर्ष 1997 के राष्ट्रपति चुनाव के बाद से संसद सदस्य के मत का मूल्य 708 निर्धारित किया गया है। वर्ष 1952 में पहले राष्ट्रपति चुनाव के लिए एक संसद सदस्य के मत का मूल्य 494 था। वर्ष 1957 के राष्ट्रपति चुनाव में यह मामूली रूप से बढ़कर 496 हो गया, इसके बाद 493 (1962) और 576 (1967 एवं 1969) रहा। तीन मई, 1969 को राष्ट्रपति जाकिर हुसैन के निधन के कारण वर्ष 1969 में राष्ट्रपति चुनाव हुआ था। वर्ष 1974 के राष्ट्रपति चुनाव में एक सांसद के मत का मूल्य 723 था। यह वर्ष 1977 से 1992 तक के राष्ट्रपति चुनावों के लिए 702 निर्धारित किया गया। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद 24 जुलाई को अपना कार्यकाल पूरा कर रहे हैं और इससे पहले नए राष्ट्रपति का चुनाव होना है।

admin

Recent Posts

बढ़ायी जा सकती है दिल्ली विधानसभा सत्र की अवधिः बिष्ट

संवाददाताः संतोष कुमार दुबे दिल्लीः बीजेपी के वरिष्ठ नेता एवं मुस्तफाबाद से विधायक मोहन सिंह बिष्ट ने कहा है कि…

9 hours ago

शत प्रतिशत पूरे किये जाएंगे बीजेपी के चुनावी वादेः रेखा गुप्ता

संवाददाताः संतोष कुमार दुबे दिल्लीः दिल्ली की सीएम  रेखा गुप्ता ने रविवार को कहा कि बीजेपी ने विधानसभा चुनाव के…

10 hours ago

champions trophy 2025: आज सुपर संडे को भिड़ेंगी भारत और पाकिस्तान की टीमें, 2017 के फाइनल का बदला लेने के इरादे से उतरेगी टीम इंडिया

स्पोर्ट्स डेस्कः दुबईः क्रिकेट में आज सुपर संडे है। आज चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के ग्रुप स्टेज में सबसे बड़ा मुकाबला…

23 hours ago

क्या नौकरियां खत्म कर देगा AI, पढ़िये रिलेवेंट बने रहने के लिए क्या करें

दिल्ली: AI यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक लगातार तेजी से विकसित हो रही है और हर क्षेत्र में अपनी पकड़ बना…

23 hours ago

मध्य प्रदेश, बिहार और असम के तीन दिवसीय दौरे पर पीएम मोदी, आज बागेश्वर धाम चिकित्सालय की रखेंगे आधारशिला

दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार से यानी 23 से 25 फरवरी तक मध्यप्रदेश, बिहार और असम के तीन दिवसीय दौरे…

24 hours ago

मौसम ने बदला मिजाज, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल, उत्तराखंड में बर्फबारी, 13 राज्यों में ओलावृष्टि के अलर्ट

दिल्लीः पश्चिमोत्तर भारत के पहाड़ी राज्यों में एक बार फिर मौसम बदला है। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और…

2 days ago