बर्लिनः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यूरोप के दिन देशों के दौरे पर हैं। रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच पीएम मोदी का तीन दिन (2 मई से 4 मई) का यूरोप दौरा काफी अहम है। इसके लिए वह सबसे पहले जर्मनी पहुंचे हैं। इसके बाद वह डेनमार्क और फ्रांस भी जाएंगे। पीएम मोदी यूरोप के तीन देशों के दौरे के दौरान कुल 65 घंटों में 25 बैठकों में शामिल होंगे। इस दौरान वह 8 वैश्विक नेताओं से भी मिलेंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने यूरोपीय दौरे के पहले दिन सोमवार को जर्मनी के चांसलर ओलाफ स्कोल्ज से मुलाकात की। इसके बाद दोनों नेता डेलिगेशन लेवल मीटिंग में शामिल हुए, जिसमें भारत-जर्मनी के बीच ग्रीन एनर्जी पर अहम समझौता हुआ।

पीएम मोदी ने डेलीगेशन लेवल मीटिंग खत्म होने के बाद अपने संबोधन में यूक्रेन-रूस जंग का जिक्र किया और कहा, “यूक्रेन के संकट के आरंभ से ही हमने तुरंत युद्धविराम का आह्वान किया और इस बात पर जोर दिया था कि विवाद को सुलझाने के लिए बातचीत ही एकमात्र उपाय है। हमारा मानना है कि इस युद्ध में कोई विजयी पार्टी नहीं होगी, सभी को नुकसान होगा इसलिए हम शांति के पक्ष में हैं।“

उन्होंने कहा कि यूक्रेन संघर्ष से उथल-पुथल के कारण तेल की कीमतें आसमान छू रही हैं, विश्व में खाद्यान्न और फर्टिलाइजर की भी कमी हो रही है। इससे विश्व के हर परिवार पर बोझ पड़ा है, किंतु विकासशील और गरीब देशों पर इसका असर और गंभीर हो रहा है।

उन्होंने कहा कि पोस्ट कोविड काल में भारत अन्य बड़ी अर्थव्यवस्था के मुकाबले सबसे तेज ग्रोथ देख रहा है। हमें विश्वास है कि भारत वैश्विक रिकवरी का महत्वपूर्ण स्तंभ बनेगा। हाल ही में हमने बहुत कम समय में UAE तथा ऑस्ट्रेलिया के साथ व्यापार समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं।

पीएम मोदी ने कहा, “मेरे और मेरे प्रतिनिधिमंडल के गर्मजोशी से स्वागत करने के लिए मैं चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़ का धन्यवाद करता हूं। मुझे खुशी है कि इस वर्ष ये मेरी पहली विदेश यात्रा जर्मनी में हो रही है। लोकतांत्रिक देशों के तौर पर भारत और जर्मनी कई कॉमन मूल्यों को साझा करते हैं। इन साझा मूल्यों और साझा हितों के आधार पर पिछले कुछ वर्षों में हमारे द्विपक्षीय संबंधों में उल्लेखनीय प्रगति हुई है।“

उन्होंने कहा कि सिक्स्थ राउंड ऑफ बिनेनियल इंटर-गवर्मेंटल कंसल्टेशंस (IGC) में दोनों देशों के साझेदारी को नई दिशा मिलेगी। हमारी पिछली IGC 2019 में हुई थी, तब से विश्व में महत्वपूर्ण परिवर्तन हुए हैं। कोविड-19 महामारी ने वैश्विक अर्थव्यवस्था पर विनाशकारी प्रभाव डाला है। हाल की जियो पॉलेटिकल घटनाओं ने भी दिखाया कि विश्व की शांति और स्थिरता कितनी नाजुक स्थिति में है और सभी देश कितने इंटरकनेक्टेड हैं।

बैठक के दौरान पीएम मोदी और जर्मन चांसलर ने भारत-जर्मनी के बीच ग्रीन एनर्जी और सतत ऊर्जा को लेकर अहम एग्रीमेंट पर साइन किए। पीएम मोदी ने कहा कि भारत और जर्मनी मिलकर ग्रीन हाइड्रोजन टास्क फोर्स का गठन करेंगे। भारत यूरोपियन यूनियन (EU) के साथ मुक्त व्यापार समझौता करने की प्रक्रिया तेज करने के लिए प्रतिबद्ध है।

विदेश मंत्रालय के मुताबिक, दोनों देशों के बीच सतत विकास को लेकर एग्रीमेंट हुआ है, जिसके तहत भारत को साल 2030 तक क्लीन एनर्जी को बढ़ावा देने के लिए 10.5 अरब डॉलर की आर्थिक सहायता मिलेगी। मंत्रालय के मुताबिक, पीएम मोदी ने ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान में निवेश के जरिए जर्मनी के भागीदारी करने का न्योता भी चांसलर स्कोल्ज को दिया है।

जर्मन चांसलर स्कोल्ज ने भी भारत को एशिया में अपना सुपर पार्टनर बताया है। साथ ही उन्होंने कहा कि पीएम मोदी को जर्मनी ने जून में होने वाली जी-7 बैठक में शामिल होने का न्योता दिया है। उन्होंने कहा, “इंडो-पैसेफिक बेहद डायनामिक रीजन है, लेकिन इसे चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। इस रीजन में भारत हमारा एक बेहद अहम साझेदार है। स्कोल्ज ने कहा, दुनिया तभी विकसित हो सकती है, जब हम यह स्पष्ट कर दें कि दुनिया कुछ ताकतवर देशों के इशारे पर नहीं बल्कि भविष्य के रिश्तों पर ही चलेगी।“

वहीं, भारतीय विदेश मंत्रालय ने ट्वीट में कहा, “पीएम मोदी और चांसलर ओलाफ स्कोल्ज आपस में वन-टू-वन मीटिंग के बाद बाइलेटरल डिस्कशंस में शामिल होंगे। स्कोल्ज के दिसंबर, 2021 में चांसलर बनने के बाद से यह दोनों राष्ट्राध्यक्षों के बीच दूसरी मुलाकात है। इसे आपस में रणनीतिक साझेदारी बरकरार रखने के लिए जरूरी हाई मोमेंटम एक्सचेंज के तौर पर देखा जा सकता है।“

प्रधानमंत्री मोदी भारतीय समयानुसार 1 मई की रात बर्लिन पहुंचे। वहां होटल एडलॉन केम्पिंस्की में उन्होंने भारतीय समुदाय के लोगों से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने एक बच्चे से गाना भी सुना। प्रधानमंत्री से मिलते हुए कुछ लोगों ने भारत माता की जय के नारे भी लगाए। बर्लिन में पीएम मोदी का स्वागत करने एक बच्ची मान्या मिश्रा भी पहुंची।

बच्ची ने बताया कि मोदी जी से मिलकर बहुत अच्छा लगा। मैंने उन्हें कहा कि मुझे गर्व है कि आप हमारे देश के प्रधानमंत्री हैं। मैंने उन्हें अपनी पेंटिंग दिखाई, उन्होंने इस पर अपना ऑटोग्राफ भी दिया।

वहीं, भारतीय मूल के गौरांग कुटेजा ने कहा कि हम PM मोदी की एक झलक पाने के लिए उत्साहित थे। हम 400 किमी की दूरी तय करके बर्लिन आए। PM मोदी ने भारतीय मूल के सभी लोगों का सम्मानपूर्वक अभिनंदन किया। हम सभी प्रधानमंत्री के संबोधन के इंतजार में हैं।

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