मुंबईः महाराष्ट्र में लाउडस्पीकर को लेकर जारी विवाद के बीच महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) प्रमुख राज ठाकरे ने रविवार को औरंगाबाद के सांस्कृतिक मैदान में एक रैली की। आपको बता दें कि शहर में लगी धारा 144 के बीच 16 शर्तों के साथ औरंगाबाद पुलिस ने इस सभा की मंजूरी दी। पुलिस ने 15 हजार लोगों की मौजूदगी की मंजूरी दी थी, लेकिन रैली में 50 हजार से ज्यादा लोग पहुंचे।
आपको बता दें कि औरंगाबाद में ईद को देखते हुए 9 मई तक धारा 144 लगाई गई है। इसी वजह से पुलिस ने मनसे की रैली की इजाजत देते हुए कई शर्तें भी रखी थीं। मनसे प्रमुख को रैली के दौरान या बाद में आपत्तिजनक नारे, धार्मिक, जातिवादी और क्षेत्रीय संदर्भों का इस्तेमाल करने से बचने के लिए कहा गया था। रैली में 15,000 लोगों को शामिल होने की अनुमति दी गई थी।
करीब डेढ़ घंटे देरी से पहुंचे राज ठाकरे को देखने के लिए होटल से रैली स्थल तक हजारों की संख्या में लोग सड़कों के दोनों ओर खड़े थे। राज ने छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर रैली शुरू की। लोगों को महाराष्ट्र दिवस की शुभकामनाएं दी। इसके बाद कहा, “लाउडस्पीकर पर अजान होगी तो हनुमान चालीसा भी होगी। अगर वे नहीं माने, तो हनुमान चालीसा दोगुनी आवाज से चलाई जाएगी। हम शांति चाहते हैं, विवाद नहीं।“
इसके बाद राज ने कहा, “हमने मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने के लिए 3 मई तक के लिए अल्टीमेटम दिया था, लेकिन 3 मई को ईद है। मैं इस उत्सव को खराब करना नहीं चाहता। हम सरकार से अनुरोध करते हैं कि वह हमारी मांग पूरी करे, नहीं तो 4 मई के बाद हम किसी की नहीं सुनेंगे।“
रैली से पहले शनिवार को 100 से अधिक गाड़ियों के काफिले के साथ राज औरंगाबाद पहुंचे। पुणे से औरंगाबाद जाने के रास्ते में राज, संभाजी महाराज की स्मारक पर पहुंचे और और श्रद्धांजलि अर्पित की थी।
उधर, मुख्यमंत्री सीएम उद्धव ठाकरे महाराष्ट्र दिवस पर एक मराठी अखबार को दिए इंटरव्यू में राज ठाकरे और केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने ने मनसे द्वारा चलाए जा रहे लाउडस्पीकर हटाओ अभियान के मुद्दे पर कहा, “कुछ लोग हैं जो झंडे बदलते रहते हैं। पहले वे गैर-मराठी लोगों पर हमला करने की कोशिश करते हैं। अब वे गैर-हिंदुओं पर हमला कर रहे हैं। मार्केटिंग का जमाना है। ये भी नहीं चला तो कुछ और। सुप्रीम कोर्ट ने लाउडस्पीकर के संबंध में आदेश दिया। मुझे नहीं लगता कि कोर्ट ने किसी एक धर्म के बारे में कहा है। सभी धर्मों के लिए दिशा-निर्देश हैं।“
सीएम उद्धव ने कहा कि 2002 में गुजरात दंगों के बाद जब कोई नरेंद्र मोदी का साथ देने को तैयार नहीं था, उनके खिलाफ एक अभियान था। तब मेरे पिता बाल ठाकरे उनके साथ खड़े हुए थे और उनको मुख्यमंत्री बनाए रखने के लिए बीजेपी आलाकमान को कहा था। तब बाला साहब ने कहा था कि बिल्कुल नहीं.. मोदी गया तो गुजरात गया। उद्धव ने कहा कि मेरे आज भी नरेंद्र मोदी के साथ अच्छे संबंध हैं, लेकिन इसका मतलब किसी राजनीतिक गठजोड़ की तरह नहीं देखा जाना चाहिए।
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