अमरावतीः आरएसएस (RSS)  यानी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि हिंसा प्रिय समाज अपने अंतिम दिन गिन रहा है। उन्होंने कहा कि हिंसा से किसी का भला नहीं होगा।

डॉ भागवत ने अमरावती के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि जिस समाज को हिंसा पसंद है, वह अपने अंतिम दिन गिन रहा है। हिंसा से किसी को फायदा नहीं होता। सभी समुदायों को एक साथ मानवता की रक्षा करनी चाहिए।

डॉ. भागवत, कंवरराम धाम में संत कंवरराम के प्रपोत्र साईं राजलाल मोर्डिया के गद्दीनशीनी कार्यक्रम में मुख्य अतिथि थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि हमें हिंसा त्यागने और शांति कायम करने के मार्ग पर चलना चाहिए। सभी समुदायों को मानवता की रक्षा का काम प्राथमिकता से करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जब संत और समाज एक साथ आ जाएगा,  तो सरकार को उनके पीछे चलना ही होगा।

संघ प्रमुख ने संजय शेरपुरिया द्वारा पाकिस्तान में रह रहे हिंदुओ की पीड़ा पर लिखी गई किताब ‘मैं माधोभाई, एक पाकिस्तानी हिंदू’ का लोकार्पण किया। इस मौके पर उन्होंने पाकिस्तान में रह रहे हिंदुओं और पाकिस्तान से भारत आने वाले हिंदुओं की पीड़ा के बारे में कहा कि सिंधी समाज के लोग गंवाकर नहीं, बल्कि सब कुछ छोड़कर आए हैं। उन्होंने कहा कि एक दिन भारत फिर से अखंड जरूर होगा।

उन्होंने आगे कहा कि कुछ सिंधी भाई अपने धर्म और जमीन की रक्षा के लिए पाकिस्तान में रुक गए थे और कई लोग जमीन न बचाकर अपने धर्म की रक्षा के लिए भारत आ गए। उन्होंने सिंधी समुदाय के देश के विकास में योगदान की तारीफ की।

डॉ. भागवत ने यह भी कहा कि मौजूदा केंद्र सरकार हो या कोई और सरकार, वह समाज के दबाव में ही काम करती है। पूरा समाज सिंधी यूनिवर्सिटी और अखंड भारत बनाने के लिए इच्छुक है। सिंधी संस्कृति और भाषा को बढ़ावा देने के लिए अलग यूनिवर्सिटी बनाने की जरूरत है। अगर आप सिंधी यूनिवर्सिटी के सपने को साकार होते देखना चाहते हैं, तो आपको मौजूदा मोदी सरकार पर दबाव बनाना होगा।

इस कार्यक्रम में जगद्गुरु शंकराचार्य वासुदेवानंद सरस्वती भी मौजूद थे। उन्होंने कहा कि अखंड भारत देश में सभी का सपना है और पीएम नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में ये सपना जरूर हकीकत बनेगा।

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