दिल्लीः काफी दिनों से सियासी गलियारे में यह चर्चा चल रही थी कि चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर कांग्रेस का हाथ थाम सकते हैं, लेकिन बात नहीं बनी। अब प्रशांत किशोर ने कांग्रेस में शामिल नहीं होने की वजह बताई है। पीके ने कहा है कि कांग्रेस मेरे प्लान को लागू करने की दिशा में नहीं बढ़ रही थी, इसलिए मैंने सोनिया गांधी के प्रस्ताव को ठुकरा दिया। उन्होंने कहा कि मेरे पास कोई राजनीतिक विरासत नहीं है, जिससे मैं किसी एक व्यक्ति या विचारधारा के साथ जुड़े रहूं।

एक खबरिया चैनल को दिए गए साक्षात्कार में प्रशांत ने कहा कि मुझे सोनिया गांधी ने प्रेजेंटेशन देने के लिए बुलाया था, जिसके बाद मैंने 9 घंटे तक अपना प्रेंजेटशन दिया। इस दौरान राहुल गांधी भी मौजूद थे और मेरे सभी सुझावों से सहमत थे। उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी के अलावा किसी नेता ने पूरा प्रेजेंटेशन नहीं देखा।

इस दौरान उन्होंने उन अटकलों को खारिज किया है, जिसमें कहा जा रहा था कि प्रशांत प्रियंका गांधी को कांग्रेस की कमान सौंपने का सुझाव दे रहे थे। पीके ने कहा कि मेरे सुझाव में राहुल और प्रियंका दोनों का नाम कांग्रेस लीडरशिप की लिस्ट में नहीं था।

उनका कहना है कि कांग्रेस हाईकमान मेरे सुझाव को अमल में लाने के लिए एम्पॉवर्ड एक्शन ग्रुप (EAG-2024) का गठन किया, लेकिन मुझे इस कमेटी पर संशय था। चूंकि इस कमेटी के पास कोई संवैधानिक पावर नहीं है। ऐसे में संगठन में बड़े स्तर पर बदलाव मुश्किल था।

आगे चलकर कांग्रेस में शामिल होने के मुद्दे पर प्रशांत ने कहा कि मैं ऐसा कोई वादा नहीं कर सकता हूं। कांग्रेस हाईकमान को यह तय करना है कि उन्हें क्या लगता है? उन्होंने आगे कहा कि राहुल गांधी मेरे दोस्त हैं और आगे भी रहेंगे।

आपको बता दें कि प्रशांत किशोर ने मंगलवार को कांग्रेस में शामिल होने का ऑफर ठुकरा दिया था। उस समय उन्होंने कहा था कि प्रशांत से ज्यादा कांग्रेस को मजबूत नेतृत्व की जरूरत है। कांग्रेस को संगठन में बदलाव करना चाहिए।

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