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आज का इतिहासः दो तानाशाहों सद्दाम हुसैन और बेनिटो मुसोलिनी के बीच अद्भुत कनेक्शन, आज के ही दिन एक का जन्म हुआ, तो एक की हुई थी हत्या - Prakhar Prahari
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आज का इतिहासः दो तानाशाहों सद्दाम हुसैन और बेनिटो मुसोलिनी के बीच अद्भुत कनेक्शन, आज के ही दिन एक का जन्म हुआ, तो एक की हुई थी हत्या

दिल्लीः दुनिया के दो तानाशाहों सद्दाम हुसैन और बेनिटो मुसोलिनी के बीच अद्भुत कनेक्शन है। आज के ही दिन एक का जन्म हुआ था, तो एक ही हत्या की गई थी।

सद्दाम हुसैन का खौफ इतना था कि अमेरिकी भी एक समय थर्रा गए थे। इराक के तानाशाह राष्ट्रपति रहे इस शख्स ने अपनी एक ऐसी छवि बनाई थी कि कुछ लोगों के लिए वह मसीहा था, उनका लड़ाका था, जबकि दुनिया की बड़ी आबादी के लिए वह एक बर्बर तानाशाह था, जिसने अपनी हत्या की साजिश रचने वालों से बदला लेने के लिए इराक के शहर दुजैल में 1982 में नरसंहार करवाया और 148 शिया लोगों की हत्या हुई थी। इसी मामले में उसे 5 नवंबर 2006 को मृत्युदंड सुनाया गया और 30 दिसंबर 2006 को फांसी पर चढ़ा दिया गया।

इराक की बगदाद के उत्तर में स्थित तिकरित के एक गांव में 28 अप्रैल 1937 को सद्दाम का जन्म हुआ। बगदाद में रहकर उसने कानून की पढ़ाई की। 1957 में बाथ पार्टी की सदस्यता ली, जो अरब राष्ट्रवाद का समाजवादी रूप में अभियान चला रही थी। आगे चलकर 1962 में यही अभियान सैन्य विद्रोह का कारण बना। ब्रिगेडियर अब्दुल करीम कासिम ने सत्ता पर कब्जा किया। सद्दाम भी इसमें शामिल थे। 1968 में भी विद्रोह हुआ, तब 31 साल के सद्दाम ने जनरल अहमद हसन अल बक्र के साथ मिलकर सत्ता पर कब्जा किया। इसमें सद्दाम की भूमिका अहम थी। धीरे-धीरे सद्दाम की ताकत बढ़ती गई और 1979 में वह खुद राष्ट्रपति बन गया। उसने पहले शिया तथा कुर्द आंदोलनों को दबाया। अमेरिका का भी विरोध किया। माना जाता है कि सद्दाम की तानाशाही की वजह से इराक में करीब ढाई लाख लोग मारे गए। सद्दाम ने 1980 में ईरान के साथ भी युद्ध छेड़ दिया जो 8 सालों तक चलता रहा।

अमेरिका-ब्रिटेन ने इराक पर जैविक हथियार इकट्ठा करने का आरोप लगाया, जिसका उसने खंडन किया। अमेरिका और ब्रिटेन के नेतृत्व में संयुक्त सेनाओं ने इराक पर हमला किया और अप्रैल-2003 में सद्दाम हुसैन को सत्ता से बेदखल कर दिया। सद्दाम को अंडरग्राउंड होना पड़ा। सद्दाम की तलाश के लिए ऑपरेशन रेड डॉन शुरू हुआ। 13 दिसंबर 2003 को तिकरित के नजदीक अदटॉर से सद्दाम को पकड़ा गया।

अब बात मुसोलिनी की करते हैं। 29 जुलाई 1883 को इटली में जन्मे बेनिटो मुसोलिनी के पिता सोशलिस्ट थे और माता एक टीचर। खुद मुसोलिनी भी 18 साल की उम्र में टीचर बन गए थे, लेकिन सेना में भर्ती किए जाने के डर से स्विट्जरलैंड भाग गए। लौटने के बाद वे पत्रकार बने और 1914 में विश्व युद्ध के दौरान ब्रिटेन और फ्रांस का साथ देने की पैरवी की। इस वजह से सोशलिस्ट पार्टी ने उन्हें निकाल दिया, लेकिन विचार कभी मरते नहीं और मुसोलिनी ने अपनी जैसी सोच रखने वालों को साथ लेकर मार्च 1919 में नई राजनीतिक पार्टी ‘फासी-दि-कंबात्तिमेंती’ बनाई।

मुसोलिनी की भाषण कला अद्भुत थी। उसने अक्टूबर 1922 में 30 हजार लोगों को साथ लेकर तत्कालीन प्रधानमंत्री के इस्तीफे की मांग के साथ रोम पर चढ़ाई कर दी। सेना भी मुसोलिनी को रोक नहीं सकी। प्रधानमंत्री ने मुसोलिनी को सत्ता सौंपी और किसी तरह जान बचाई। अप्रैल 1945 में दूसरा विश्वयुद्ध खत्म होने को था। सोवियत संघ और पोलैंड की सेनाओं ने बर्लिन पर कब्जा कर लिया था। पकड़े जाने के डर से मुसोलिनी अपनी गर्लफ्रेंड क्लारेटा और बाकी 16 साथियों के साथ स्विट्जरलैंड भागे, लेकिन विद्रोहियों ने उन्हें पकड़ लिया और सबको गोली मार दी।अगले दिन यानी 29 अप्रैल को सभी शवों को इटली के मिलान शहर में लाया गया। यहां इन शवों के साथ जनता ने बर्बर व्यवहार किया। शवों को गोली मारी गई, उलटा टांग दिया गया और शवों पर पेशाब तक किया गया। कहा जाता है कि मुसोलिनी का ये हश्र देखकर हिटलर को लगा कि उसके साथ भी जनता इसी तरह का बर्ताव करेगी। इस वजह से अगले ही दिन हिटलर ने आत्महत्या कर ली। आइए एक नजर डालते हैं 28 अप्रैल को देश और दुनिया में घटित हुईं महत्वपूर्ण घटनाओं पर-

1740: मराठा शासक पेशवा बाजीराव प्रथम का निधन।
1829: यूरोपीय देश नीदरलैंड की संसद ने नये प्रेस कानून पारित किये।
1847: जार्ज बी. वेशन अमेरिका के न्यूयॉर्क न्यायालय में जाने वाले पहले अश्वेत नागरिक बने।
1910: इंग्लैंड में क्लोड ग्राहम वाइट नाम के पायलट ने पहली बार रात में विमान उड़ाया।
1914: अमेरिका में वेस्ट वर्जीनिया के एस्सेल्स इलाके में एक कोयला खदान हादसे में 181 लोगों की मौत।
1932: इंसानों के लिए पीत ज्वर का टीका विकसित करने की घोषणा।
1935: रूस की राजधानी मॉस्को में भूमिगत मेट्रो ट्रेन की शुरुआत।
1937: इराक के तानाशाह सद्दाम हुसैन का जन्म। एक शासक के तौर पर उनका जीवन जितना राजसी और भव्य रहा, उनके जीवन का अंतिम समय और उनकी मौत उतनी ही दुखद और त्रासद रही।
1943: नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने जर्मनी से जापान की अपनी यात्रा के दौरान मेडागास्कर के निकट एक जर्मन पनडुब्बी से जापानी पनडुब्बी में सवार हुए।
1945: इटली के तानाशाह बेनितो मुसोलिनी, उनकी प्रेमिका क्लारा पेटाची और उसके सहयोगियों की हत्या।
1964: जापान आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (ओईसीडी) में शामिल हुआ।
1986: सोवियत संघ ने हादसे के दो दिन बाद स्वीकारा कि 25 अप्रैल को यूक्रेन के चेरनोबिल में परमाणु रिसाव हुआ।
1995: दक्षिण कोरिया में मेट्रो में गैस विस्फोट होने से 103 लोगों की मौत।
1996: आस्ट्रेलिया के बंदूकधारी मार्टिन ब्रायंट ने तस्मानिया के पोर्ट आर्थर इलाके में गोलियां बरसाकर 35 लोगों की जान ले ली। इसे उस समय देश के इतिहास में गोलीबारी की भीषणतम घटना बताया गया, जिसके बाद शस्त्र नियमों को कड़ा किया गया।
2001: अमेरिकी बिजनेसमैन डेनिस टीटो पहले अंतरिक्ष पर्यटक बने। उन्होंने छह दिन की अंतरिक्ष यात्रा के लिए करीब दो करोड़ डॉलर की रकम अदा की।
2002: पाकिस्तान की सर्वोच्च न्यायालय ने राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ के जनमत संग्रह को वैध करार दिया।
2003: दुनिया भर में कर्मचारी सुरक्षा और स्वास्थ्य दिवस मनाया गया। इसी दिन काम के दौरान मारे गए मजदूरों को भी याद किया जाता है।
2003: ऐपल ने आईटयून्स स्टोर की शुरुआत की, जिससे उपभोक्ता इंटरनेट से संगीत सीधे अपने फोन पर डाउनलोड कर सकते थे।
2007: श्रीलंका को हराकर ऑस्ट्रेलिया चौथी बार विश्व क्रिकेट चैंपियन बना।
2008: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने पीएसएलवी-सी9 के प्रक्षेपण के साथ एक नया इतिहास रचा।
2020 : देश में कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या 937 तक पहुंची। संक्रमितों की तादाद 29,974 के पार।
2021 : कोरोना वायरस संक्रमण के देश में एक दिन में रिकॉर्ड 3,60,960 नये मामले सामने आए और कुल मामले 1,79,9,267 पर पहुंचे। मरने वालों की तादाद दो लाख पार।

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