Deprecated: The PSR-0 `Requests_...` class names in the Requests library are deprecated. Switch to the PSR-4 `WpOrg\Requests\...` class names at your earliest convenience. in /home1/prakhndx/public_html/wp-includes/class-requests.php on line 24
कोर्ट ने उमर से पूछा, इंकलाबी क्रांतिकारी का क्या है मतलब, प्रधानमंत्री के खिलाफ जुमला शब्द सही है? - Prakhar Prahari
Subscribe for notification

कोर्ट ने उमर से पूछा, इंकलाबी क्रांतिकारी का क्या है मतलब, प्रधानमंत्री के खिलाफ जुमला शब्द सही है?

दिल्ली: क्या प्रधानमंत्री के खिलाफ जुमला शब्द सही है। इंकलाबी क्रांतिकारी का क्या मतलब है। यह सवाल दिल्ली उच्च न्यायालय मे जवाहलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के पूर्व छात्र नेता उमर खालिद से पूछे। कोर्ट ने महाराष्ट्र के अमरावती में दिए गए खालिद भाषण को सुनने के बाद बुधवार को उनके वकील के सामने कई सवाल रखे। कोर्ट ने पहली आपत्ति उन शब्दों के इस्तेमाल को लेकर जताई, जिनका जिक्र भाषण में प्रधानमंत्री और गृहमंत्री के संबंध में किया गया था। कोर्ट ने सवाल किया कि देश के प्रधानमंत्री के खिलाफ ‘जुमला’ शब्द का इस्तेमाल करना क्या सही था? ‘सब चंगा सी’ (सब ठीक है) जैसे शब्द क्यों प्रयोग किए गए?

सुनवाई के दौरान जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल और जस्टिस रजनीश भटनागर की बेंच ने कहा कि भले ही 2020 में दिल्ली दंगों से पहले दिया गया उमर का भाषण हानिकारक न लगे, लेकिन लोगों को यह समझाने के लिए पर्याप्त जगह छोड़ देता है कि यह कुछ करने के लिए बिगुल बज रहा है। पीठ ने कहा, “हमें यह देखना होगा कि ‘इंकलाबी’ और ‘क्रांतिकारी’ शब्द से उनका क्या मतलब है।“ आप कहते हैं कि यह किसी को उत्तेजित नहीं करता, मगर मुद्दा यह है कि उन्हें इसका जिक्र इंकलाबी और क्रांतिकारी के रूप में क्यों करना चाहिए।

जस्टिस भटनागर ने कहा कि जिस व्यक्ति ने उमर को मंच पर बुलाया था, उसने भी यह कहते हुए उनका परिचय कराया था कि वह अपने ‘इंकलाबी ख्याल’ पेश करेगा। कोर्ट ने उमर की ओर से दलीलें दे रहे वरिष्ठ वकील त्रिदीप पायस से सवाल किया कि देश के प्रधानमंत्री के खिलाफ ‘जुमला’ शब्द का इस्तेमाल करना क्या सही था। जवाब में वकील ने कहा कि सरकार या उसकी नीतियों की आलोचना अवैध नहीं है। सरकार की आलोचना अपराध नहीं हो सकता।

 

जस्टिस भटनागर ने भाषण में ‘चंगा’ शब्द के इस्तेमाल पर भी सवाल उठाया और उन्होंने अपने भाषण में प्रधानमंत्री के बारे में क्या कहा? कुछ ‘चंगा’ शब्द का इस्तेमाल हुआ? जवाब में पायस ने कहा कि यह हास्य व्यंग्य है- ‘सब चंगा सी’ जो शायद प्रधानमंत्री द्वारा अपने भाषणों में इस्तेमाल किया जाता है। इसके जवाब में उमर के वकील ने पयास ने कहा कि सरकार की आलोचना अपराध नहीं हो सकती, किसी व्यक्ति को यूएपीए के आरोपों के साथ जेल में 583 दिन इसीलिए नहीं रखा जा सकता कि उसने सरकार के खिलाफ बोला। हम इतने असहिष्णु नहीं हो सकते। ऐसे तो लोग बोल ही नहीं पाएंगे। इस पर जस्टिस रजनीश भटनागर ने कहा कि आलोचना की भी एक सीमा रेखा होनी चाहिए। एक ‘लक्ष्मण रेखा’ का होना जरूरी है।

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने यह भी पूछा कि उमर अपने भाषण में ‘ऊंट’ किसे कह रहे हैं, जब वह यह कहते हैं कि ऊंट पहाड़ के नीचे आ गया। इसके जवाब में पायस ने कहा कि उन्होंने इस शब्द का इस्तेमाल सरकार के लिए किया, जो सीएए का विरोध करने वाले लोगों से बातचीत के लिए तैयार नहीं थी। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि इसमें हिंसा के लिए उकसावा नहीं है। हम गिरफ्तारी देने के लिए तैयार थे, लेकिन हिंसा के लिए नहीं। कैमरा जब जनता की तरफ मूव करता है, तो वहां हर कोई शांति से अपनी कुर्सी पर बैठा हुआ दिखाई देता है। किसी तरह का कोई उकसावा नहीं दिखता।

वहीं जस्टिस मृदुल ने पूछा कि क्रांतिकारी कहने से क्या मतलब निकलता है। जवाब मिला कि इसका मतलब आंदोलनकारी से है। कोर्ट ने कहा कि अभिव्यक्ति की आजादी के मुद्दे पर किसी को कोई आपत्ति नहीं, लेकिन इस मामले में सवाल है कि क्या भाषण ने दिल्ली में लोगों को दंगों के लिए उकसाया?  पीठ ने कहा, “आपकी ऐसी अभिव्यक्तियों के इस्तेमाल का क्या अंजाम हुआ, जैसा कि वे साफतौर से आक्रामक हैं। क्या उन्होंने उकसाया? क्या उन्होंने दिल्ली की जनता को यहां सड़कों पर आने के लिए भड़काया? अगर, उन्होंने प्रथम दृष्टया भी ऐसा किया, तो क्या आप यूएपीए की धारा-13 के तहत अपराधी हैं?”

इसके जवाब में पायस ने कहा कि भाषण ने अपने आप किसी हिंसा को बुलावा नहीं दिया। दिल्ली हिंसा के किसी भी गवाह ने अपने बयान में यह नहीं कहा कि वह भाषण सुनने के बाद भड़का। केवल दो गवाह ऐसे हैं जिन्होंने कहा कि उन्होंने यह भाषण सुना था। लेकिन उन्होंने भी इससे उकसावे की बात नहीं कबूली थी। उन्होंने कहा कि अमरावती में दंगों से कुछ हफ्तों पहले यह भाषण दिया गया था और दंगों के वक्त खालिद यहां नहीं थे। मामले में गुरुवार को भी सुनवाई जारी रहेगी।

admin

Recent Posts

14 नवंबर को दिल्ली में आयोजित होगा लोकमाता अहिल्याबाई होलकर को नमन करने के लिए भव्य कार्यक्रम

संवाददाताः संतोष कुमार दुबे दिल्लीः लोकमाता अहिल्याबाई होलकर के जीवन, उनके कार्यों तथा आदर्शों से वर्त्तमान और भावी पीढ़ी को…

2 days ago

आज है देवउठनी एकादशी, जानें तुलसी विवाह के शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

दिल्ली आज कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि है। हिंदू पंचाग के अनुसार आज के दिन तुलसी विवाह…

3 days ago

चुनाव आयोग के अधिकारी ने किया उद्धव ठाकरे का बैग, Ex CM ने खुद बननाया VIDEO, बोले- मोदी-शाह का बैग भी चेक करना

मुंबईः महाराष्ट्र के यवतमाल में चुनाव आयोग के अधिकारी ने सोमवार को पूर्व मुख्यमंत्री एवं शिवसेना (UBT) के मुखिया उद्धव…

3 days ago

देश के 51वें चीफ जस्टिस बने जस्टिस संजीव खन्ना, छह महीने के कार्यकाल में मैरिटल रेप समेत 05 बड़े मामलों की करेंगे सुनवाई

संवाददाताः संतोष कुमार दुबे दिल्लीः राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में जस्टिस संजीव खन्ना…

4 days ago

बटेंगे तो कटेंगे नारा महाराष्ट्र में नहीं चलेगा, योगी आदित्यनाथ के बयान का अजित पवार ने किया विरोध

मुंबईः विधानसभा चुनाव के बीच महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एवं बीजेपी-शिवसेना गठबंधन महायुति में शामिल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (अजित पवार समूह)…

5 days ago

जीत के दो दिन बाद पुतिन ने ट्रम्प को बधाई, बताया बहादुर , बोले…रूस-यूक्रेन युद्ध खत्म करने को लेकर हूं उनसे बातचीत को तैयार

वाशिंगटन/मास्कोः अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के परिणाम आ चुके हैं और पूर्व राष्ट्रपति एवं रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रम्प…

1 week ago