चेन्नईः तमिलनाडु के तंजावुर जिले में एक मंदिर की रथयात्रा के दौरान बिजली की चपेट में आने से बुधवार तड़के 11 लोगों की मौत हुई है। मरने वालों में दो बच्चे भी शामिल हैं। हादसे में 15 लोग झुलस गए हैं, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

राज्य के मुख्यमंत्री  एमके स्टालिन ने घटना पर दुख जताते हुए मृतकों के परिजनों को 5 लाख की सहायता राशि देने का ऐलान किया है। वे आज सुबह 11:30 बजे तंजावुर पहुंचेंगे, जहां वे हालात का जायजा लेंगे और घायलों से मिलेंगे।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घटना पर शोक व्यक्त किया है और घायलों के जल्द ही स्वस्थ होने की प्रार्थना की है।

वहीं, प्रधानमंत्री ने हादसे में जान गंवाने वाले श्रद्धालुओं के परिजनों को पीएम नेशनल रिलीफ फंड (PMNRF) से 2-2 लाख रुपए देने का ऐलान किया है। घायलों को 50 हजार रुपए दिए जाएंगे।

राष्ट्रपति कोविंद ने ट्वीट कर कहा…

वहीं पीएम मोदी ने ट्वीट किया…

उधर, तमिलनाडु विधानसभा में हादसे पर दुख जताते हुए घटना पर 2 मिनट का मौन रखा गया और मृतकों को श्रद्धांजलि दी गई।

आपको बता दें कि तंजावुर के कालीमेडु मंदिर में 94वां अप्पर गुरुपूजा उत्सव मनाया जा रहा है। इसमें शामिल होने के लिए मंगलवार रात से ही लोगों की भीड़ जमा होनी शुरू हो गई थी। रथयात्रा एक मोड़ से गुजर रही थी, इस दौरान रथ पर खड़े लोग एक हाई वोल्टेज तार की चपेट में आ गए।

9 फुट ऊंचे रथ को फूलों और लाइट्स से सजाया गया था। रथ की लाइट्स को बिजली देने के लिए एक जेनरेटर भी जुड़ा था। घायलों में जेनरेटर ऑपरेटर भी शामिल है।

तिरुचिरापल्ली के सेंट्रल जोन पुलिस महानिरीक्षक (IGP) वी बालकृष्णन ने बताया कि प्राथमिकी (FIR) दर्ज कर ली गई है और जांच जारी है। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि किसी भी घटना से बचने के लिए आमतौर पर मंदिर के रास्ते वाली पावर सप्लाई बंद कर दी जाती है।

इस बार रथ की ऊंचाई इतनी नहीं थी कि वह हाई वोल्टेज लाइन को छू सके, इसलिए इस बार पावर सप्लाई बंद नहीं की गई। हालांकि, रथ पर लगे साजो-सामान की वजह से उसकी ऊंचाई बढ़ गई और हादसा हो गया।

इस हादसे में जख्मी हुए लोगों को तंजावुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

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