दिल्लीः टीम इंडिया के पूर्व कोच रवि शास्त्री ने बड़ा बयान देते हुए कहा है कि भारत में कुछ लोगों की गैंग थी, जो उन्हें कोच के तौर पर नाकाम होते हुए देखना चाहती थी। आपको बता दें कि रवि शास्त्री 2014 से 2021 के बीच पहले डायरेक्टर और फिर भारतीय टीम के कोच रहे थे।
ब्रिटिश अखबार द गार्जियन को दिए साक्षात्कार में रवि शास्त्री ने कहा, ‘मेरे पास कोचिंग की डिग्रियां नहीं थीं, लेवल 1? लेवल 2? भाड़ में गया सब। भारत जैसे देश में हमेशा जलन होती है। कुछ लोगों की एक गैंग थी, जो मुझे फेल करना चाहती थी। मेरी चमड़ी मोटी थी, आप लोग जो ड्यूक बॉल देखते हैं, उससे भी मोटी और काफी सख्त। आपको यहां पर मोटी चमड़ी चाहिए होती है। रॉब (इंग्लैंड क्रिकेट टीम के मैनेजर) भी ऐसा कर लेगा, जैसे-जैसे वह काम करते जाएगा। हर दिन उसको मेरी ही तरह जज किया जाएगा। मुझे खुशी है कि उसके पास केंट की कप्तानी का अनुभव है, जो खिलाड़ियों से बातचीत सबसे अहम होती है।’
आपको बता दें कि रॉब की को हाल ही में इंग्लैंड क्रिकेट की जिम्मेदारी मिली है। वे भी रवि शास्त्री की तरह जाने-माने कमेंटेटर रहे हैं। साथ ही उनके पास भी शास्त्री की तरह कोई कोचिंग डिग्री नहीं है।
रवि शास्त्री का भारतीय टीम के साथ काम करने के अनुभव के आधार पर मानना है कि क्रिकेट में सब जगह नेशनल टीम्स एक ही तरह से काम करती हैं। उन्होंने कहा, “रॉब को घरेलू मैचों को लेकर ज्यादा काम करना पड़ सकता है, लेकिन जब बात नेशनल टीम की होती है, तब वे सब जगह समान हैं।
सबसे जरूरी बात है कि आपको जीतने और मुकाबला करने का माइंडसेट बनाना होगा। आपको उसे हासिल करने के लिए दबंग होना पड़ेगा।’ शास्त्री का कहना है कि जब टीम कल्चर की बात होती है तो जो चलता आ रहा है, उसे बदलना होगा।“
टीम इंडिया के पूर्व कोच शास्त्री का मानना है कि चीजों को समझने के लिए रॉब की को पूर्व कप्तान जो रूट के साथ बात करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि बेन स्टोक्स इंग्लैंड टीम को आगे ले जाने के लिए सही विकल्प होंगे। उनका कहना है कि कप्तानी के चलते स्टोक्स में नई तरह की ऊर्जा आ सकती है और वे अभी से बेहतर खिलाड़ी हो सकते हैं।
आपको बता दें कि रवि शास्त्री को 2014 में भारतीय टीम का डायरेक्टर बनाया गया था। इस दौरान वनडे वर्ल्ड कप में भारतीय टीम सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया से हार कर बाहर हुई थी। इसके बाद शास्त्री को उनके पद से हटा दिया गया और अनिल कुंबले भारत के नए कोच बने। हालांकि 2017 में रवि शास्त्री को फुल टाइम कोच के तौर पर नियुक्त किया गया था।
रवि शास्त्री को टीम का कोच बनाने में तब कप्तान रहे विराट कोहली की भूमिका को महत्वपूर्ण माना जाता है। कोहली हर हाल में रवि को कोच के रूप में देखना चाहते थे और आरोप लगता रहा है कि इसी कारण अनिल कुंबले को बगैर कार्यकाल पूरा किए अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था।