दिल्लीः जापान के महान फिल्मकार अकीरा कुरोसावा कहते थे कि अगर आपने सत्यजीत रे की फिल्में नहीं देखी, तो इसका मतलब है कि आप दुनिया में सूरज या चांद को देखे बिना जी रहे हैं। भारतीय सिनेमा को पूरी दुनिया में पहुंचाने में सत्यजीत रे ने अहम भूमिका निभाई। वे ऐसे पहले भारतीय हैं, जिन्हें अकादमी अवार्ड्स की कमेटी ने लाइफटाइम अचीवमेंट का ऑस्कर पुरस्कार कोलकाता में उनके घर आकर दिया था।
कोलकाता में 2 मई 1921 को पैदा हुए सत्यजीत रे का शुरुआती जीवन कठिनाइयों में बीता। पिता की बचपन में ही मौत हो गई थी। प्रेसीडेंसी कॉलेज से अर्थशास्त्र पढ़ने के बाद वे शांति निकेतन गए। पांच साल रहकर 1943 में कोलकाता लौटे। फिर विज्ञापन एजेंसी में बतौर जूनियर विजुलाइजर किया। उन्होंने कई मशहूर किताबों के कवर पेज भी डिजाइन किए, जिनमें जवाहरलाल नेहरू की ‘डिस्कवरी ऑफ इंडिया’ भी शामिल है।
सत्यजीत रे को अपनी कंपनी के काम के सिलसिले में 1950 में लंदन जाने का मौका मिला। यहां उन्होंने कई फिल्में देखीं। इनमें एक अंग्रेजी फिल्म ‘बाइसिकल थीव्स’ भी थी, जिसकी कहानी ने रे को काफी प्रभावित किया। भारत वापस लौटते हुए सफर में ही उनके दिमाग में अपनी पहली फिल्म ‘पाथेर पांचाली’ की कहानी तैयार हो चुकी थी। नौसिखिया टीम लेकर 1952 में सत्यजीत रे ने शूटिंग शुरू की। एक नए फिल्मकार पर पैसा लगाने को कोई तैयार नहीं था, तब खुद के पास जो भी था, उन्होंने इस फिल्म पर लगा दिया। बीवी के जेवर गिरवी रखे, पर उससे मिले पैसे शूटिंग को ज्यादा दिन नहीं खींच सके। सत्यजीत रे पर दबाव बना कि फिल्म में कुछ बदलाव करें, लेकिन वे अड़े रहे। उन्होंने साफ मना कर दिया। आखिर में पश्चिम बंगाल सरकार ने उनकी मदद की और 1955 में पाथेर पांचाली परदे पर आई।
उनकी फिल्म ने अनेक अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार जीते जिसमें कान फिल्म फेस्टिवल का ‘बेस्ट ह्यूमन डॉक्यूमेंट्री’ का सम्मान भी शामिल है। इसके बाद सत्यजीत रे ने करीब तीन दर्जन फिल्मों का निर्देशन किया। इनमें पारस पत्थर, कंचनजंघा, महापुरुष, अपूर संसार, महानगर, चारूलता, अपराजितो, गूपी गायन-बाघा बायन शामिल हैं। 1991 में प्रदर्शित आंगतुक सत्यजीत रे के सिने करियर की अंतिम फिल्म थी।
सत्यजीत रे को लोग चलता-फिरता फिल्म संस्थान कहते थे, क्योंकि वे फिल्म निर्माण से जुड़े हर काम में माहिर थे। इनमें पटकथा, कास्टिंग, संगीत, कला निर्देशन, संपादन आदि शामिल हैं। फिल्मकार के अलावा वे कहानीकार, चित्रकार और फिल्म आलोचक भी थे। सत्यजीत रे की बाल मनोविज्ञान पर जबरदस्त पकड़ थी, यह उनकी बच्चों के लिए बनाई गई फेलूदा सीरीज में दिखता है। कैलीग्राफी में भी सत्यजीत रे बहुत कुशल थे। बंगाली और अंग्रेजी में उन्होंने कई टाइपफेस डिजाइन किए थे। उनके दो अंग्रेजी टाइपफेस ने 1971 में एक अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार भी जीता था।
सत्यजीत रे कितना ताकतवर सिनेमा बनाते थे, इसका सबूत ये है कि उन्होंने अपने जीवनकाल में 36 फिल्मों का निर्देशन किया, जिनमें से 32 को राष्ट्रीय पुरस्कार मिले। विदेश में भी कई प्रतिष्ठित सम्मान मिले। 1978 में बर्लिन फिल्म फेस्टिवल की संचालक समिति ने उन्हें विश्व के तीन सर्वकालिक डायरेक्टरों में से एक के रूप में सम्मानित किया। 1985 में उन्हें हिंदी फिल्म उद्योग के सर्वोच्च सम्मान दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया। 1992 में उन्हें ऑस्कर और भारत रत्न दोनों साथ-साथ मिले। इसके करीब एक महीने के भीतर ही 23 अप्रैल 1992 को दिल का दौरा पड़ने की वजह से उनका निधन हो गया। आइए एक नजर डालते हैं देश और दुनिया में 23 अप्रैल को घटित हुईं महत्वपूर्ण—
1504- सिखों के दूसरे धर्मगुरू अंगद का जन्म।
1616- प्रसिद्ध कवि एवं नाटककार विलियम शेक्सपियर का निधन।
1660- स्वीडन और पोलैंड ने ओलिवा संधि पर सहमति जतायी।
1661- ब्रिटिश सम्राट चार्ल्स द्वितीय का लंदन में राज्याभिषेक।
1858- भारत के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के हीरो जगदीशपुर के बाबू वीर कुंवर सिंह का निधन।
1908- डेनमार्क, जर्मनी, ब्रिटेन, फ्रांस, हालैंड और स्वीडन ने उत्तरी अटलांटिक संगठन संधि(नाटो) पर हस्ताक्षर किये।
1935- यूरोपीय देश पोलैंड ने संविधन अपनाया।
1968- मशहूर गजल गायक बड़े गुलाम अली खान का निधन।
1981: सोवियत संघ ने भूमिगत परमाणु परीक्षण किया।
1984: वैज्ञानिकों ने एड्स के वायरस के बारे में पता लगाया।
1985- कोल्ड ड्रिंक्स कंपनी कोकाकोला ने 99 साल बाजार में रहने के बाद एक नए फॉर्मूले के साथ नया कोक मार्केट में उतारा।
1987: उच्चतम न्यायालय ने विधवाओं को संपत्ति में हिस्से का निर्णय दिया।
1992- प्रसिद्ध फिल्म निर्माता-निर्देशक एवं भारत रत्न से सम्मानित सत्यजीत रे का निधन।
1992- मैकडॉनल्ड्स ने चीन में अपना पहला फास्ट-फूड रेस्तरां खोला।
1993- विदेशी शासन के लंबे इतिहास और दशकों के संघर्ष के बाद पूर्वी अफ्रीका के छोटे से देश एरिट्रिया में इथियोपिया से आजादी के बारे में जनमतसंग्रह पर तीन दिन का मतदान शुरू।
1995- विश्व पुस्तक दिवस मनाने की शुरुआत हुई।
2000- बहमिन की खाड़ी में वायुसेना के विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने से 124 लोगों की मौत हुई।
2002- पेइचिंग में भारत और चीन के बीच सीमापार आतंकवाद पर वार्ता।
2005- यूट्यूब पर सबसे पहला वीडियो अपलोड किया गया था। यूट्यूब पर अपलोड होने वाले पहले वीडियो का शीर्षक था ‘Me at the Zoo’।
2007- रूस के पूर्व राष्ट्रपति बोरिस निकोलाइएविच ऐल्तसिन का निधन।
2008- म्यांमार की लोकतंत्र समर्थक नेता आंग सांग सूकी को शीर्ष नागरिक सम्मान अमेरिकी कांग्रेस स्वर्णपदक से सम्मानित करने की घोषणा की गई।
2013- वेस्टइंडीज के बल्लेबाज क्रिस गेल ने आईपीएल में क्रिकेट इतिहास का सबसे तेज शतक मात्र 30 गेंदों में जड़ा।
2013- फ्रांस ने समलैंगिक विवाह को कानूनी मंजूरी दी।
2014- अफ्रीकी देश लोकतांत्रिक गणराज्य कांगो में भीषण ट्रेन दुर्घटना में 60 लोगों की मौत हुई और 80 से अधिक लोग घायल हुए।
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