श्रीनगरः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 24 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के दौरे पर आने वाले हैं। इससे दो दिन पहले सुरक्षा बलों ने आतंकवादियों की बड़ी साजिश को नाकाम कर दिया है। जम्मू में सुंजवां और चड्ढा आर्मी कैंप के पास सुरक्षबलों पर आतंकियों ने गोलीबारी की, जिसके बाद मुठभेड़ शुरू हुई। मुठभेड़ के दौरान सुरक्षा बलों के जवानों ने 2 आतंकियों को ढेर कर दिया गया है। इस दौरान केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) के एएसआई एसपी पटेल शहीद हो गए। वहीं पांच जवान घायल हुए हैं। बठिंडी में भी आतंकी हमला किया गया है।

सीआईएसएफ के एक अधिकारी ने बताया कि सुंजवां इलाके में एक घर में जिन दो आतंकियों के छिपे होने की जानकारी मिली है, उन्हें सुरक्षाबलों ने ट्रैप कर लिया है। दोनों ओर से लगातार गोलीबारी हो रही है। सूत्रों के मुताबिक, बठिंदी-सुंजवां हाईवे पर गाड़ियों की चेकिंग के दौरान आतंकियों के बारे में सूचना मिली थी, जिसके बाद जवानों ने ऑपरेशन शुरू किया।

मुठभेड़ में शहीद हुए जवान की पहचान सीआईएसएफ के एएसआई एसपी पटेल के तौर पर हुई है। वहीं हेड कांस्टेबल बलराज सिंह, एसपीओ (SPO) साहिल शर्मा, हेड कांस्टेबल प्रमोद पात्रा, सीआईएसएफ कांस्टेबल आमिर सोरेन और एक अन्य जवान घायल हो गए हैं।

आपको बता दें कि बारामूला में 30 घंटे से एनकाउंटर जारी है। यहां 4 आतंकवादी मारे गए हैं। यहां पर बुधवार रात मुठभेड़ शुरू हुई थी। इसके बाद आतंकियों को घेर लिया गया था। गुरुवार को सुरक्षा बलों ने लश्कर कमांडर यूसुफ कुंतरू समेत 3 आतंकवादियों को ढेर किया था। आतंकियों के पास से हथियार और गोला बारूद भी बरामद हुआ था। बारामूला में भी एनकाउंटर जारी है।

जम्मू के चड्ढा कैंप के पास शुक्रवार तड़के करीब सवा चार बजे CISF के 15 जवानों को ड्यूटी पर ले जा रही बस पर आतंकवादियों ने हमला किया। इसके बाद सीआईएफएफ जवानों ने जवाबी कार्रवाई में गोलियां चलाईं, तो सभी सभी आतंकी भाग निकले। इस हमले में किसी तरह के नुकसान की खबर नहीं है।

10 फरवरी 2018 में सुंजवां के आर्मी कैंप पर जैश-ए-मोहम्मद के फिदायीन दस्ते ने हमला कर दिया था। इस हमले में 5 जवान शहीद हो गए थे। अधिकारियों ने स्थानीय मीडिया को बताया कि जो आतंकी छिपे हैं, वे 2018 जैसी घटना को अंजाम देने के फिराक में थे, लेकिन सेना के हाई अलर्ट पर होने की वजह से ऐसा नहीं हो सका।

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