दिल्लीः राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में हनुमान जयंती के मौके पर जुलूस के दौरान हिंसा के बाद सन्नाटा पसरा हुआ है। जहांगीरपुरी में सोमवार को भी अजीब से शांति रही। भारी पुलिस फोर्स तैनात है। बाजार खुले हैं, लेकिन ज्यादातर लोग घरों में ही कैद हैं।

उधर, दिल्ली पुलिस ने इस मामले में अब तक 20 लोगों को गिरफ्तार किया गया है ,जनमें दो नाबालिग भी हैं। वहीं केंद्रीय गृह मंत्रालय ने रविवार को इलाके में शांति कायम करने के लिए सीआरपीएफ और आरएएफ की पांच कंपनियां और भेजीं।

वहीं दिल्ली पुलिस ने इलाके की अमन समितियों के साथ बैठक करके दोनों समुदायों से शांति बनाए रखने को कहा। बताया जा रहा है कि मुख्‍य आरोपी अंसार और उसके साथियों ने धार्मिक जुलूस निकाल रहे लोगों से बहस की। इसके बाद बात बढ़ी, तो पथराव हो गया। इस दौरान उपद्रवियों ने गोलियां भी चलाईं। हालात बिगड़ने पर उपद्रवियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को 40 से 50 आंसू गैस के गोले दागे। भीड़ ने इलाके में करीब एक घंटे के बीच जमकर बवाल किया। हिंसा में आठ पुलिसकर्मी भी घायल हो गए। हिंसा की जांच क्राइम ब्रांच को ट्रांसफर कर दी गई है। तो चलिए आफको इस हिंसा से जुड़ी हर अपडेट देते हैं-

  • जहांगीरपुरी में पूरे इलाके में पुलिस का सख्त पहरा बैठा दिया गया है। माहौल तनावपूर्ण लेकिन शांत है। हिंसा प्रभावित इलाके में आने-जाने के तमाम रास्तों पर पुलिस का कड़ा पहरा है। जिस कुशल सिनेमा रोड पर हिंसा हुई थी, उस पर और उसके आस-पास सी ब्लॉक मेन रोड, धोबी घाट रोड और मंगल बाजार रोड पर भी पुलिस और सुरक्षा बलों के जवान तैनात कर दिए गए हैं।
  • पुलिस ने बताया है कि हिंसा का मुख्य आरोपी अंसार गिरफ्तार हुआ है। इसके साथ ही सलीम उर्फ चिकना (36), जाहिद (20), अंसार (35), शाहजाद (33), मुख्तार अली (28), मो. अली (18), आमिर (19), अक्सर (26), नूर आलम (28), मोहम्मद असलम (21), जाकिर (22), अकरम (22), इम्तियाज (29), मो. अली (27), अहीर (37), शेख सौरभ (42), सूरज (21), नीरज (19), सुकेन (45), सुरेश (43) और सुजीत सरकार (38) की पहचान आरोपियों के तौर पर हुई है। ये सभी जहांगीरपुरी निवासी हैं।
  • आरोपियों के खिलाफ धारा 147 (दंगा करने की सजा), 148 (दंगा, घातक हथियार से लैस), 149 (गैरकानूनी सभा का प्रत्येक सदस्य सामान्य उद्देश्य के अभियोजन में किए गए अपराध का दोषी), 186 (जनता के निर्वहन में लोक सेवक को बाधित करना), 353 (लोक सेवक को उसके कर्तव्य के निर्वहन से रोकने के लिए हमला या आपराधिक बल), 332 (लोक सेवक को उसके कर्तव्य से रोकने के लिए स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाने के लिए दंड), 427 (शरारत से नुकसान पहुंचाना) पचास रुपये की राशि), 436 (आग या विस्फोटक पदार्थ द्वारा घर, आदि को नष्ट करने के इरादे से शरारत), 307 (हत्या का प्रयास), 120बी (आपराधिक साजिश की सजा) भारतीय दंड संहिता और शस्त्र अधिनियम की धारा 27 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
  • उधर, डीसीपी उषा रंगनानी ने बताया, ‘आरोपियों से तीन पिस्टल, 5 तलवारें मिली हैं। सामने आए विडियो के आधार पर जांच की जा रही है।
  • सूत्रों के मुताबिक 50 से अधिक लोगों से पूछताछ चल रही है। अभी 100 से अधिक संदिग्ध अपने घरों से फरार हैं। दिल्ली पुलिस की कई टीमें आरोपियों की धरपकड़ के लिए यूपी और दूसरे राज्यों में छापेमारी कर रही हैं।
  • हनुमान जयंती के मौके पर निकाली गई शोभायात्रा के दौरान जिले के आला अफसर, जहांगीरपुरी थाने का स्टाफ मौजूद था। फिर अचानक ऐसा क्या हुआ कि जहांगीरपुरी का यह संवेदनशील इलाका अचानक हिंसा की चपेट में आ गया? इसका जवाब हिंसा के सबसे अहम चश्मदीद और शोभायात्रा के सुरक्षा को संभालने वाले इंस्पेक्टर राजीव रंजन के बयान से मिलेगा। इंस्पेक्टर राजीव रंजन ने ही एफआईआर दर्ज कराई है, जिसमें उन्होंने उपद्रव के एक-एक सीन का जिक्र किया है।
  • उन्होंने बयान दिया कि उनकी ड्यूटी अपने स्टाफ एएसआई ब्रजभूषण, जुगेंद्र, हेड कॉन्स्टेबल दिनेश, सूरजभान, प्रीतम, रविंदर, मनीष, कॉन्स्टेबल दीपक, सुमन, अक्षय और दिनेश के साथ हनुमान जन्मोत्सव के अरेंजमेंट में थी। एक पक्ष द्वारा तय रूट पर शोभायात्रा निकाली जा रही थी। करीब शाम 4:15 पर शोभायात्रा ईई-ब्लॉक से वाया बीजेआरएम हॉस्पिटल रोड, के ब्लॉक, बीसी मार्केट, कुशल चौक, जी ब्लॉक, मंगल बाजार रोड महेंद्रा पार्क, ए वन मोटर्स महेंद्रा पार्क पर समाप्त होनी थी। शोभायात्रा शांतिपूर्वक चल रही थी। लेकिन जब शोभायात्रा समय करीब 6 बजे सी ब्लॉक मस्जिद के पास पहुंची तो एक शख्स अंसार अपने 4-5 साथियों के साथ आया और शोभायात्रा में शामिल लोगों से बहस करने लग गया।
  • बहस ज्यादा बढ़ने के कारण पथराव शुरू हो गया। इसके कारण शोभायात्रा में भगदड़ मच गई। पुलिस स्टाफ ने पथराव को रोकने तथा शांति बनाए रखने की अपील करते हुए दोनों पक्षों को समझा-बुझाकर अलग अलग कर दिया। लेकिन कुछ ही मिनटों के बाद दोनों पक्षों की ओर से अचानक फिर से नारेबाजी और पथराव शुरू हो गया, जिस पर पुलिस स्टाफ ने कंट्रोल रूम को सूचना दी। अन्य पुलिस अधिकारी पुलिस बल के साथ पहुंच गए। अफसरों ने शांति कायम करने की बार-बार अपील की। लेकिन एक पक्ष द्वारा लगातार पत्थरबाजी की जा रही थी। इस हालात को काबू करने के लिए 40-50 आंसू गैस के गोले छोड़े गए। भीड़ को तितर-बितर किया गया।
  • हिंसा के दौरान भीड़ की तरफ से पुलिस पार्टी पर फायरिंग और पथराव किया गया, जिसमें एसआई मेदालाल के बाएं हाथ में गोली लगी। अन्य पुलिसकर्मियों और एक पब्लिक को गंभीर चोटें आईं। उपद्रवी भीड़ ने इस घटनाक्रम में एक स्कूटर में आग लगा दी। कई गाड़ियों में तोड़-फोड़ कर दी।
  • आपको बता दें कि हनुमान जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में शांतिपूर्वक ढंग से निकाली जा रही शोभायात्रा पर असामाजिक तत्वों के द्वारा पथराव और फायरिंग करके, सांप्रयादिक दंगे किए गए। लोगों के सामान की लूट, दुकानों और अन्य जगहों पर आगजनी की गई। इस दंगे में इंस्पेक्टर को भी चोट आई। पुलिस ने भी प्राइवेट कैमरे से मौके की विडियोग्राफी करवाई और फोटो लिए। मौके से पत्थर, टूटी हुई बोतलें व डैमेज गाड़ियां मिलीं। बहरहाल, पुलिस की जांच स्पीड पर है।
  • हनुमान जयंती के मौके पर जहांगीरपुरी में शनिवार को हुई सांप्रदायिक हिंसा के दौरान जो 8 पुलिसकर्मी जख्मी हुए, उनमें एसआई मेदालाल भी शामिल हैं, जिनके बाएं हाथ में गोली लगी थी। उन्होंने मीडियाकर्मियों को बताया कि जुलूस के साथ आगे और पीछे, दोनों तरफ पुलिस चल रही थी। मैं पीछे की तरफ था। शाम को जब जुलूस मस्जिद के सामने पहुंचा, तो वहां पहले दोनों पक्षों के लोगों की आपस में कुछ बहस हो गई, जिसके बाद मामला गालीगलौच और मारपीट तक पहुंच गया और देखते ही देखते दोनों पक्षों के लोग भिड़ गए।
  • एक दूसरे पर पत्थर चलाने शुरू कर दिए। उस वक्त जुलूस का आगे का हिस्सा निकल चुका था और केवल पीछे के कुछ लोग बाकी थे। हमने जुलूस में शामिल सभी लोगों को चौराहे से आगे जी ब्लॉक की तरफ निकाल दिया और बाकी लोगों को चौराहे के दूसरी तरफ रोक दिया। जब हम लोग स्थिति पर काबू पाने की कोशिश कर रहे थे, तभी औरतों ने घरों की छतों से पत्थर और बोतलें फेंकनी शुरू कर दी। हम उनसे बचने की कोशिश करते हुए पेड़ों और दीवारों के पीछे छुपने लगे। तभी सी ब्लॉक की तरफ से किसी ने गोली चलाई, जो मेरे बाएं हाथ के आर-पार हो गई और तेज ब्लीडिंग होने लगी। यह देखकर मेरे साथी फौरन मुझे खींचकर पीछे ले गए और फिर पीसीआर में बैठाकर मुझे अस्पताल पहुंचाया।
  • जहांगीरपुरी हिंसा को लेकर राजनीति भी तेज हो गई है। राजनेताओं के बीच आरोप प्रत्यारोप का दौर चल पड़ा है।
  • बीजेपी ने इस हिंसा के लिए सीधे तौर पर आम आदमी पार्टी को जिम्मेदार ठहराते हुए आरोप लगाया है। पुलिसकर्मियों का हालचाल जानने और इलाके में हालात का जायजा लेने के लिए जहांगीरपुरी पुलिस स्टेशन पहुंचे दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने रविवार को घायल दावा किया कि जिस मोहम्मद अंसार ने भीड़ में फायरिंग की थी, वह आम आदमी पार्टी के एक विधायक का बेहद करीबी है और उनके इशारे पर आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देता रहता है। उन्होंने आप सरकार पर भी दिल्ली में अवैध तरीके से रह रहे रोहिंग्या और बांग्लादेशियों को मुफ्त बिजली, पानी और राशन देकर दिल्ली की शांति व्यवस्था को भंग करने का आरोप लगाया।
  • वहीं, आप ने रविवार को जहांगीरपुरी में हनुमान जयंती के जुलूस में हुई हिंसा के लिए बीजेपी को जन्मेदार ठहराया। आप ने एक बयान में कहा कि उसने भी हनुमान जयंती मनाई और ग्रेटर कैलाश में शोभायात्रा भी निकाली, जहां विभिन्न धर्मों के बीच सौहार्द देखने को मिला। अरविंद केजरीवाल नीत पार्टी ने कहा कि गोल मार्केट में सुन्दरकांड का पाठ भी कराया गया। आप ने बयान में सवाल किया गया है, ‘ऐसा क्यों है कि आप के आयोजनों में हिंसा नहीं हुई और सिर्फ बीजेपी के आयोजनों में हुई।’
  • उधर, दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष चौधरी अनिल कुमार ने कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि उत्तर पूर्वी दिल्ली के दंगों के जख्म अभी मिटे भी नहीं थे कि जहांगीरपुरी में शनिवार को हनुमान जन्म उत्सव शोभा यात्रा के दौरान हुई सांप्रदायिक दंगों ने दिल्ली को फिर से कलंकित कर दिया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली को बेदाग छवि के रूप में जाना जाता था, लेकिन दो साल के भीतर बीजेपी नेताओं के स्वार्थी उद्देश्यों के भड़काऊ भाषणों के कारण दिल्ली को दंगों का शहर बना दिया है। उन्होंने कहा कि जब दिल्ली में कोविड महामारी कहर बरपा रही थी, तो उस समय भी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल उत्तर पूर्वी दिल्ली दंगों के दौरान अपनी जिम्मेदारियों से भाग खड़े हुए थे।
  • जहांगीरपुरी में हनुमान शोभयात्रा के दौरान हुई हिंसा का मामले को लेकर AIMIM नेता अकबरुद्दीन ओवैसी ने दिल्ली पुलिस की कार्रवाई पर ही सवाल खड़े किए हैं। ओवैसी ने ट्वीट कर दिल्ली पुलिस से सवाल पूछा कि अब आपने कितने आरोपियों को गिरफ्तार किया। ओवैसी ने कहा कि आरोपी शोभयात्रा में खुले आम बंदूकें और तलवारें लहराकर दिल्ली की सड़कों पर आतंक मचा रहे हैं।
  • जमीयत उलमा ए हिंद ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि आज अल्पसंख्यक ही नहीं बल्कि देश का संविधान और लोकतंत्र खतरे में आ गया है। मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि, धार्मिक उग्रवाद और नफरत की एक काली आंधी पूरे देश में चलाई जा रही है, अल्पसंख्यकों विशेषकर मुसलमानों को भयभीत करने की जगह-जगह साजिशें हो रही हैं।
  • वहीं, दिल्ली पुलिस सांप्रदायिक झड़पों के बाद अमन समिति के सदस्यों के साथ बातचीत कर रही है। पुलिस उपायुक्त (उत्तर पश्चिम) उषा रंगनानी ने कहा, ‘क्षेत्र में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए जहांगीरपुरी थाना क्षेत्र के कुशल चौक पर जहांगीरपुरी, महेंद्र पार्क और आदर्श नगर की अमन समिति के सदस्यों के साथ बैठक की गई।’ उन्होंने बताया कि बैठक के दौरान सभी सदस्यों से कहा गया कि वे अपने-अपने क्षेत्र की जनता से शांति, सद्भाव और शांति बनाए रखने की अपील करें।

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