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एक ऐसी बीमारी, जिसमें खरोंच भी जानलेवा साबित हो सकती है, इसमें घाव से खून बहना बंद नहीं होता, इसके प्रति जागरूकता फैलाने के लिए आज के ही दिन 1989 में हुई हीमोफीलिया डे मनाने की शुरुआत - Prakhar Prahari
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एक ऐसी बीमारी, जिसमें खरोंच भी जानलेवा साबित हो सकती है, इसमें घाव से खून बहना बंद नहीं होता, इसके प्रति जागरूकता फैलाने के लिए आज के ही दिन 1989 में हुई हीमोफीलिया डे मनाने की शुरुआत

दिल्लीः हीमोफीलिया यानी एक ऐसी बीमारी, जिससे पीड़ित व्यक्ति को चोट लगने पर खून का थक्का नहीं जम पाता है और हल्की सी चोट लगने पर भी ज्यादा खून बह जाता है। इस वजह से ये बीमारी जानलेवा साबित हो सकती है।
आम तौर पर जब भी कहीं हमें चोट लगती है तो घाव से खून बहना शुरू हो जाता है। इस बहते खून को रोकने के लिए हमारे शरीर का खुद का एक सिस्टम होता है। हमारा शरीर घाव के आसपास खून का थक्का जमा देता है, जिस वजह से घाव से खून बहना बंद हो जाता है, लेकिन हीमोफीलिया से पीड़ित व्यक्ति को घाव लगने की स्थिति में खून का थक्का नहीं जम पाता है। इस वजह से लगातार खून बहा करता है। यह एक आनुवांशिक बीमारी है, जो खून में थाम्ब्रोप्लास्टिन या क्लॉटिंग फैक्टर की कमी की वजह से होती है।

जिन लोगों को हीमोफीलिया होता है, उन्हें चोट लगने पर खून लगातार बहते रहना। भले ही चोट छोटी हो या बड़ी। हड्डियों के जोड़ों में दर्द बना रहता है। शरीर के किसी भी हिस्से में अचानक सूजन आ जाती है। मल या पेशाब में खून दिखता है। शरीर में नीले-नीले निशान पड़ जाते हैं। नाक में से खून आना, मसूड़ों से खून आना, आसानी से त्वचा का छिल जाना भी इसके लक्षण में शामिल है।

अगर आपके दांत और मसूड़ों से खून निकलता है तो तुरंत डेंटिस्ट को दिखाएं। खून पतला करने वाली दवाइयों से परहेज करें। अपनी डाइट में विटामिन और मिनरल्स से भरपूर चीजें शामिल करें। रोजाना एक्सरसाइज और योग करें। ज्यादा गंभीर लक्षण होने पर डॉक्टर से संपर्क करें।

साल 1989 में हीमोफीलिया बीमारी के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए विश्व हीमोफीलिया दिवस मनाने की शुरुआत की गई। वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ हीमोफीलिया के संस्थापक फ्रैंक कैनबेल के जन्मदिन के अवसर पर 17 अप्रैल को विश्व हीमोफीलिया दिवस मनाया जाता है। आइए एक नजर डालते हैं देश और दुनिया में 17 अप्रैल को घटित हुई महत्वपूर्ण घटनाओं के बारे में-

1790 – बेंजामिन फ्रैंकलिन का निधन हुआ, जिन्होंने अपने अविष्कारों के लिए कभी पेटेंट नहीं कराया था।
1815- इंडोनेशिया के तमबोरामें ज्वालामुखी में एक और धमाका हुआ। इसके मुख से लावा बाहर आने लगा जिसने खेत, जंगल और घर सभी को अपनी चपेट में लेना शुरू कर दिया। इस पूरे घटनाक्रम में मरने वालों का आंकड़ा स्पष्ट नहीं है। ज्वालामुखी की वजह से करीब 10 हजार लोग मारे गए। ज्वालामुखी में विस्फोट के बाद आए भयानक सूखे ने करीब 80 हजार लोगों की जान ले ली। ज्वालामुखी इतना भीषण था कि इसकी वजह से तमबोरा के पहाड़ की ऊंचाई घट गई।
1875: सर नेविले चैंबरलिन ने स्नूकर का आविष्कार किया।
1941 : द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान यूगोस्लाविया ने जर्मनी के समक्ष आत्मसमर्पण किया।
1946: सीरिया ने फ्रांस से आजादी मिलने की घोषणा की।
1970: अंतरिक्ष यान अपोलो-13 ने धरती पर सुरक्षित वापसी की।
1971 : मिस्र, लीबिया और सीरिया ने मिल कर यूनाइटेड अरब स्टेट बनाने के लिए संघ का गठन किया।
1972: श्रीलंका के महानतम खिलाड़ी मुथैया मुरलीधरन का जन्म। उनके नाम टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा 800 विकेट लेने का रिकॉर्ड है।
1975- भारत में शिक्षा के सबसे बड़े पुरोधा रहे डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का निधन हुआ था
1977 : स्वतंत्र पार्टी का जनता पार्टी में विलय।
1982: कनाडा ने संविधान अपनाया।
1982 : अमेरिका ने नेवादा परीक्षण स्थल पर परमाणु परीक्षण किया।
1983: भारत ने “एसएलवी-3” रॉकेट का प्रक्षेपण किया।
1986 : नीदरलैंड और सिसली के बीच युद्ध की स्थिति को खत्म करने की घोषणा करते हुए शांति बहाल।
1990: पटना के पास एक ट्रेन में धमाके से 80 से भी ज्यादा लोगों की मौत।
1993: अंतरिक्ष यान “STS-56” डिस्कवरी धरती पर वापस लौटा।
1995: पाकिस्तान में बाल मजदूरी को समाप्त करने वाले युवा कार्यकर्ता इक़बाल मसीह की हत्या।
1997: प्रसिद्ध भारतीय राजनीतिज्ञ, सामाजिक कार्यकर्ता तथा उड़ीसा के भूतपूर्व मुख्यमंत्री बीजू पटनायक का निधन।
2003: लगभग 55 साल बाद भारत-ब्रिटेन संसदीय मंच का गठन हुआ।
2011: गेम ऑफ थ्रोन्स का पहला एपिसोड दिखाया गया।
2013: न्यूजीलैंड ने समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता दी।
2014: प्रसिद्ध कोलंबियाई उपन्यासकार ग्रैबिएल मार्केज का निधन।
2021 : भारत में कोविड-19 के 2.34 लाख नए मामले सामने आए। यह लगातार तीसरा दिन है जब देश में एक दिन में महामारी के दो लाख से अधिक मामले सामने आए। कोविड-19 रोगियों की संख्या 1.50 करोड़ और मृतकों की संख्या 1.75 लाख के करीब पहुंची।

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