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भारत हमेशा से अपने चिंतन, व्यवहार, सभ्यता में अग्रणी रहा है, इस विचार ने ही अब तक भारत को आक्रांताओं और षड्यंत्रों से सुरक्षित रखा हैः भैय्याजी जोशी - Prakhar Prahari
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भारत हमेशा से अपने चिंतन, व्यवहार, सभ्यता में अग्रणी रहा है, इस विचार ने ही अब तक भारत को आक्रांताओं और षड्यंत्रों से सुरक्षित रखा हैः भैय्याजी जोशी

दिल्लीः आरएसएस यानी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व सरकार्यवाह सुरेश भैय्याजी जोशी ने कहा है कि देश की आज़ादी के संघर्ष का बीज 1857 में बोया गया और कश्मीर से कन्याकुमारी तक सभी साधारण जनमानस ने एक सैनिक की भाँति इस संघर्ष में भाग लिया, जो विश्व में अनूठा उदाहरण है| उन्होंने कहा कि इस संघर्ष को महान क्रांतिकारियों ने अपने बलिदान से सींचा और 90 वर्षो बाद 1947 में जाकर देश को आज़ादी मिली|  उन्होंने कहा कि भारत हमेशा से अपने चिंतन, व्यवहार, सभ्यता में अग्रणी रहा है और इस विचार ने ही अब तक भारत को कितने ही आक्रांताओं और षड्यंत्रों से सुरक्षित रखा है|

भैयाजी जोशी ने यह बातें देश की आज़ादी के लिए शहीद हुए क्रांतिकारियों की शहादत को याद करते हुए आज़ादी के अमृतमहोत्सव अभियान के तहत भारत विकास परिषद के तत्वाधान में न्यायमूर्ति एसएन अग्रवाल की पुस्तक भारत की आज़ादी में क्रांतिकारियों की शहादत नामक पुस्तक के लोकार्पण लोकार्पण के मौके पर कही। इस पुस्त का लोकार्पण सुरेश भैयाजी जोशी और केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने नयी दिल्ली स्थित एनडीएमसी (NDMC)  कन्वेंशन सेन्टर किया।

इस मौके पर भैयाजी जोशी ने कहा कि इस अमृतवर्ष में हम सबको अपने युवा शक्ति के बल पर देश को आगे ले जाना है और आने वाली चुनौतियों से संघर्ष करने के लिए युवाओ को दिशा देनी है| हमारा इतिहास महातपस्वियों और शोधकर्ताओं का रहा है। संस्कारो के माध्यम से ही आने वाले समय में हम देश के लिए मरने वाले नहीं, बल्कि देश के लिए जीने वाले बनेंगे और एक जीवंत भारत को भविष्य की पीढ़ी ले लिए तैयार करेंगे|

इस पुस्तक में न्यायमूर्ति अग्रवाल ने ब्रिटिश शासन में ब्रिटिश शासकों द्वारा ब्रिटिश क़ानून की धज्जियाँ उड़ा कर भारत की आज़ादी के अपने प्राण न्योछावर करने वाले क्रांतिकारियों पर जो असहनीय प्रताड़ना, जुल्म तथा अत्याचार किए गए थे, उनका विस्तार से उल्लेख किया गया हे। साथ ही क्रांतिकारियों की साहस, वीरता, देशभक्ति, पराक्रम तथा शहादत से पायी आज़ादी की मिसाल को वर्णित किया है|

वहीं इस मौके पर धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा कि कानून की स्थापना करने में दस्तावेज का विशेष महत्व है, आजादी की लड़ाई में क्रांतिकारिओं  के साथ हुए अत्याचारों के दस्तावेज रूप में यह पुस्तक एक महत्वपूर्ण कदम हैं। उन्होंने देश की अलग- अलग काल खंडों में उन्नत संस्कृति और सभ्यता का वर्णन किया और कैसे हमारे देश ने समय- समय पर समस्त जगत को प्रेरित किया, इस बात को बताया।

इस अवसर पर भारत विकास परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अधिवक्ता गजेंद्र सिंह संधू, भारत विकास परिषद के राष्ट्रीय संगठन मंत्री सुरेश जैन, राष्ट्रीय महामंत्री श्याम शर्मा सहित विभिन्न क्षेत्रों के जुड़ने गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

General Desk

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