दिल्लीः आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन की आभासी बैठक होगी। आपको बता दें कि दोनों नेता पिछले महीने ही क्वाड लीडर्स की मीटिंग के दौरान मिल चुके हैं। मोदी और बाइडेन की आज होने वाली बैठक 2 प्लस 2 मंत्रीस्तरीय बातचीत से पहले होनी है।
विदेश मंत्रालय ने कहा है कि दोनों नेताओं की मुलाकात द्विपक्षीय साझेदारी को मजबूत करेंगे। इससे दोनों देशों के बीच लगातार हाईलेवल एंगेजमेंट के रास्ते खोलेगे। देश मंत्रालय के मुताबिक दोनों नेता दक्षिण एशिया के हालिया घटनाक्रम और साझा हितों से जुड़े वैश्विक घटनाक्रमों पर बातचीत करेंगे।
इन मुद्दों पर हो सकती है वार्ता
- कोरोना महामारी
- जलवायु संकट
- ग्लोबल इकोनॉमी
- सुरक्षा और लोकतंत्र की मजबूती
- भारत-प्रशांत क्षेत्र की सुरक्षा
उधर, व्हाइट हाउस की ओर से जारी बयान के मुताबिक बाइडेन पीएम मोदी के साथ मुलाकात के दौरान रूस-यूक्रेन युद्ध का मुद्दा भी उठाएंगे। व्हाइट हाउस ने कहा कि मोदी के सामने रूस के इस भयावह युद्ध के नतीजों पर चर्चा होगी। इसके अलावा इस युद्ध के चलते ग्लोबल फूड सप्लाई पर पड़ने वाले असर पर भी बातचीत होगी।
आपको बता दें कि अमेरिका रूस और यूक्रेन के युद्ध के बीच भारत के स्टैंड को लेकर पहले भी ऐतराज जाहिर कर चुका है। अमेरिका चाहता है कि रूस के साथ भारत अपने रिश्तों को सीमित रखे। इसके बावजूद भारत ने अभी भी रूस से तेल का व्यापार जारी रखा है। अमेरिका चेतावनी दे चुका है कि अगर भारत लगातार इस रिश्ते को जारी रखता है तो उसे कीमत चुकानी पड़ सकती है। साथ ही अमेरिका भारत के सामने प्रस्ताव रख चुका है कि वह उसे हथियार देगा। शर्त भी रखी है कि रूस से मिलने वाले हथियारों पर निर्भरता कम करनी होगी।
दोनों देशों के बीच आज होने वाली 2 प्लस 2 बैठक में शामिल होने के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस जयशंकर अमेरिका पहुंच चुके हैं। अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन पेंटागन में राजनाथ का स्वागत करेंगे। इसके बाद दोनों देशों के नेता बातचीत में शामिल होंगे। दोनों के बीच डिफेंस पार्टनरशिप को मजबूत करने और बढ़ाने पर चर्चा होगी।
इस वार्ता में लॉयड ऑस्टिन के अलावा अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन शामिल होंगे। इस वार्ता में द्विपक्षीय संबधों को मजबूत करने और कोऑपरेशन बढ़ाने पर चर्चा होगी। यूक्रेन का मुद्दा भी अहम रहेगा। स्ट्रैटजिक पार्टनरशिप, एजुकेशन कोऑपरेशन, टेक्नोलॉजी, सप्लाई चेन, डिफेंस पार्टनरशिप भी बातचीत के मुद्दे होंगे।
आपको बता दें कि संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद रूस की सदस्यता खत्म कर दी गई है। इस पर हुई वोटिंग में 93 देशों ने रूस के खिलाफ वोट डाला था, जबकि 24 रूस पक्ष में मतदान किया था। इनमें चीन भी शामिल था, लेकिन भारत सहित 58 देशों ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया था। रूस और यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद से ही भारत का स्टैंड न्यूट्रल रहा है।