पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान पीएम आवास से निकलते हुए।

इस्लामाबादः क्रिकेट के मैदान में पाकिस्तान को विश्वकप दिलाने वाले इमरान खान सियासी पिच पर शनिवार को आधी रात में क्लीन बोल्ड हो गए। पाकिस्तान में करीब एक महीन से जारी सियासी घमासान अब थमता नजर आ रहा है। पाकिस्तान में शनिवार-रविवार की दरमियानी रात इमरान खान की सरकार गिर गई।

दिनभर की अराजकता, अफवाहों और अटकलों के बीच आधी रात में नेशनल असेंबली ने संयुक्त विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव को पारित कर प्रधानमंत्री इमरान खान को सत्ता से बेदखल कर दिया। इसके पहले जबरदस्त ड्रामा हुआ। वोटिंग से बचने के लिए इमरान ने हर पैंतरा आजमाया। स्पीकर और डिप्टी स्पीकर के इस्तीफे भी करा दिए। विपक्ष ने नया स्पीकर चुना और फिर वोटिंग हुई।

अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान की प्रक्रिया स्थानीय समय के अनुसार रात 11.50  बजे  के बाद शुरू हुई। इसके ठीक पहले नेशनल असेंबली के अध्यक्षा असद कैसर ने इमरान के साथ 36 साल के संबंधों का हवाला देते हुए इस्तीफा दे दिया था। उनके साथ ही नेशनल असेंबली के उपाध्यक्ष कासिम सूरी ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। इन दोनों की अनुपस्थिति में पीठासीन अधिकारियों के पैनल के प्रमुख अयाज सादिक ने संयुक्त विपक्ष द्वारा 28 मार्च को रखे गए अविश्वास प्रस्ताव पर उच्चतम न्यायालय के निर्णय के अनुसार मतदान की प्रक्रिया पूरी कराई। अध्यक्ष कैसर ने इस्तीफा देने से पहले सदन में वह पत्र भी दिखाया, जिसे इमरान अपनी सरकार के खिलाफ साजिश का पत्र होने का दावा कर रहे थे।

कार्यवाहक अध्यक्ष सादिक ने सदन की गलियारों को खाली कराकर मत विभाजन की प्रक्रिया तारीख बदलने से दो मिनट पहले शुरू कर दी थी और सदन तक 12 बजकर दो मिनट के लिए स्थगित कर दिया था।  फिर सदन की कार्यवाही 12 बजकर दो मिनट पर धार्मिक पाठ के साथ शुरू हुई। कार्यवाहक अध्यक्ष ने ठीक एक बजे (भारतीय समय अनुसार 1.30 बजे) मत विभाजन के परिणाम की घोषणा की और कहा कि 174 मतों से इमरान सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित हो गया।

वोटिंग में इमरान या उनका कोई समर्थक सांसद शामिल नहीं हुआ। कुल 342 सांसदों वाले सदन में वोटिंग के दौरान 174 सदस्य मौजूद थे। सभी ने इमरान के खिलाफ वोट दिया। इसके बाद कार्यवाहक अध्यक्ष ने विपक्ष के नेता शहबाज शरीफ को बोलने के लिए आमंत्रित किया। इस मौके पर शहबाज शरीफ ने बड़े भाई नवाज को याद किया और इसे पाकिस्तान के लिए नई सुबह बताया। बिलावल भुट्टो ने मुल्क से कहा, “आप सभी को पुराना पाकिस्तान मुबारक हो।“ ये इमरान के नए पाकिस्तन के वादे पर करारा तंज था।

शहबाज शरीफ ने पूरे घटनाक्रम के लिए अल्लाह ताला का धन्यवाद करते हुए कहा कि पाकिस्तान में आज एक नयी सुबह शुरू होने वाली है। पाकिस्तान के करोड़ों लोगों, माताओं, बहनों, बेटियों, बुजुर्गों और नौजवानों की दुआए अल्लाह ताला ने कबुल की है। उन्होंने इमरान सरकार के खिलाफ मुहिम में एकजुट हुए दलों के नेताओं का धन्यवाद करते हुए कहा कि संयुक्त विपक्ष ने जिस एकजुटता और धैर्य का प्रदर्शन किया है, पाकिस्तान के इतिहास में इस तरह की मिसाल नहीं मिलते हैं। उन्होंने इमरान सरकार के तीन साल से अधिक के कार्यकाल में विपक्षी नेताओं को जेलों में डाले जाने का उल्लेख किया और कहा कि पाकिस्तान में दोबारा कानून और संविधान बहाल होने जा रहा है। उन्होंने कहा कि हम अतीत की कटुता को भूलाकर पाकिस्तान को तरक्की के राह पर ले जाना चाहते हैं। हम कौम के दर्द और जख्मों मरहम लगाना चाहते हैं। हम किसी के साथ नाइंसाफी नहीं करना चाहते। बेकसूरों को जेलों में नहीं डालना चाहते। पाकिस्तान में इंसाफ अपने रास्ते पर चलेगा और उसमें कोई दखल नहीं डालेगा। अब शहबाज शरीफ की अगुआई में नई सरकार बनेगी। इस्लामाबाद में सेना तैनात कर दी गई है। देश का कोई भी नेता या अफसर बिना NOC के मुल्क नहीं छोड़ सकेगा। एयरपोर्ट्स को अलर्ट पर रखा गया है।

आपको बता दें कि पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने ऑर्डर दिया था कि अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग हर कीमत पर शनिवार रात 10 बजे तक होनी चाहिए। इमरान ने स्पीकर असद कैसर और डिप्टी स्पीकर कासिम सूरी को घर बुला लिया। एक घंटे बाद ये संसद लौटे। विपक्षी नेताओं से मिले। कैसर ने उनसे कहा,  “मैं इमरान के खिलाफ वोटिंग नहीं करा सकता। हमारी 36 साल पुरानी दोस्ती है। मैं इमरान को इस तरह रुसवा होते नहीं देख सकता। चंद मिनट बाद इस्तीफा दिया और संसद छोड़ दी।“

इस पूरी कार्यवाही के दौरान इमरान अपनी आलीशान ऐशगाह बनीगाला में ही बने रहे। रात 10 बजे के करीब आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा और ISI चीफ जनरल नदीम अंजुम उनसे मिले। क्या बात हुई, ये पता नहीं चला। लेकिन, इस मुलाकात के सिर्फ 10 मिनट बाद इस्लामाबाद की सड़कों पर फौज की गाड़ियां रफ्तार पकड़ते नजर आईं। खबर तो ये भी गर्दिश कर रही थी कि इमरान जनरल बाजवा को बर्खास्त करके पेशावर के कोर कमांडर और पूर्व ISI चीफ जनरल फैज हमीद को नया आर्मी चीफ बनाने जा रहे हैं।

आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने स्पीकर और डिप्टी स्पीकर को यह ऑर्डर दिया था कि उन्हें अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग करानी है, लेकिन दोनों ही इस्तीफा देकर भाग खड़े हुए। संविधान विशेषज्ञ डॉक्टर नसीम अख्तर ने कहा कि कैसर और कासिम ने इस्तीफा भले ही दे दिया हो, लेकिन सुप्रीम कोर्ट इन्हें सजा जरूर देगा। उन पर कोर्ट की अवमानना का केस चलेगा। आर्टिकल 6 के तहत 6 महीने के लिए जेल जाना होगा। ये तभी टल सकता है जब राष्ट्रपति इन्हें माफ कर दें।

विपक्षी दलों के गठबंधन पीडीएम (PDM) यानी पाकिस्तान डेमोक्रेटिक फ्रंट की आज बैठक होगी। इसमें तीन मुख्य पार्टियां हैं। नवाज शरीफ की पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (PML-N), आसिफ अली जरदारी की पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) और मौलान फजल-उर-रहमान की जमीयते उलेमा इस्लाम (JUI)। शहबाज शरीफ का प्रधानमंत्री बनना तय है। बिलावल भुट्टो डिप्टी PM बन सकते हैं। मौलाना को खैबर पख्तूनख्वा का मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है। नई सरकार जल्द से जल्द चुनाव कराना चाहेगी। अब ये देखना दिलचस्प होगा कि विपक्षी गठबंधन एक साथ चुनाव लड़ेगा या फिर बिखर जाएगा। क्योंकि, हर किसी के अपने हित हैं।

इस पूरे घटनाक्रम के बाद सबसे बड़ा सवाल यह है कि अब इमरान खान का क्या होगा। तमाम नेताओं और अफसरों के बिना नॉन ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) हासिल किए देश छोड़ने पर रोक लगा दी गई है। इमरान अब चाहकर भी मुल्क नहीं छोड़ सकते। हालांकि, उनके कई मंत्री और अफसर पहले ही मुल्क छोड़ चुके हैं। मरियम नवाज ने साफ कर दिया है कि इमरान से हर चीज का हिसाब लिया जाएगा। जरदारी का रुख तो मरियम से भी ज्यादा सख्त है। विपक्ष के नेता ख्वाजा आसिफ ने कहा कि  इमरान को जेल में रहने की आदत नहीं। मुझे तो उनकी अभी से फिक्र हो रही है।

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