दिल्लीः पेट्रोलियम उत्पादों के दामों के दामों में बढ़ोतरी से परेशान दिल्लीवासियों के रसोई का बजट बिगाड़ को सब्जियों की कीमतों ने बिगाड़ दिया है। राष्ट्रीय राजधानी में नींबू की फुटकर कीमतें 300 रुपये किलो तक जा पहुंची है। वहीं भिंडी, गोभी, तोरई और अन्य सब्जियों की कीमतें भी आसमान छू रही हैं। भिंडी और करेला ने तो फुटकर बाजार में शतक जड़ दिया है।
सब्जी बिक्रेताओं का कहना है कि गत वर्ष महाराष्ट्र और गुजरात में तौकेत चक्रवाती तूफान आया था, जिसकी वजह से दोनों राज्यों में नींबू की बड़ी फसल बर्बाद हो गई थी। वहीं, गर्मी आने पर आंध्र प्रदेश के नींबू की गुजरात और महाराष्ट्र में मांग बढ़ गई है, जिससे दिल्ली में आपूर्ति प्रभावित हुई है। थोड़ी सी राहत की बाद यह है कि अब धीरे-धीरे दूसरे राज्यों में भी नींबू की फसल आने लगी है, जिससे आवक बढ़ रही है।
आजादपुर मंडी में शुक्रवार को सब्जियों की थोक की कीमतें क्वालिटी के हिसाब से, नोट: थोक कीमतें )
शतक लगा रहीं सब्जियां
सब्जी थोक फुटकर
तोरई 50-60 100-130
ग्वार फली 40-60 110-140
भिंडी 40-60 100-150
करेला 40-55 100-140
मिर्च बरेली वाली (पतली) 40-60 100-130
शिमला मिर्च 45-55 100-120
गोभी 20-30 60-80
खीरा 20-35 40 से 65
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से सटे फरीदाबाद में सब्जियों की कीमतों में एकाएक उछाल आया है। डीजल और सीएनजी की रेट बढ़ने से भी कीमतों पर प्रभाव पड़ा है। मौजूदा समय में भिंडी 100 रुपये किलो तक पहुंच गई है। इसके अलावा तुरई मटर बींस 80 रुपये किलो तक और करेला और गोभी 60 रुपए किलो तक पहुंच चुकी है। घीया, मूली, गाजर 30 रुपये किलो तक बिक रही है। नींबू 200 रुपये किलो बिक रहा है। प्याज भी 40 रुपये किलो तक बिक रही है। सब्जियों के रेट बढ़ने के मामले में खुदरा व्यापारी शिव कुमार ने बताया एक तो गर्मी और ऊपर से सीएनजी और डीजल की रेट लगातार बढ़ रहे हैं इससे दाम में भी बढ़ोतरी हो रही है।
हालांकि एक से डेढ़ सप्ताह में आलू-प्याज की कीमतों में गिरावट आई है। आजादपुर मंडी के आढ़ती जय किशन ने बताया कि थोक में आलू की कीमतों में करीब 300 से 400 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट आई है। प्रति किलो आलू पांच से आठ रुपये के बीच मिल रहा है। इसी तरह से प्याज भी 10 से 15 रुपये किलो के बीच बिक रही है। लेकिन, फुटकर में प्याज की कीमतें अब भी 30-45 रुपये किलो है। इससे साफ है कि थोक में कुछ सब्जियों के दाम गिरे हैं लेकिन उस तुलना में फुटकर की कीमतों में गिरावट नहीं आई है।