दिल्लीः 02 अप्रैल 2022 यानी शनिवार को मां आदिशक्ति की उपासना का महापर्व चैत्र नवरात्रि से प्रारंभ हो रहा है। यह 11 अप्रैल को समाप्त होगा। आपको बता दें कि नवरात्रि के दिन मां दुर्गा के नौ अलग-अलग स्वरूपों की अराधना की जाती है। हिंदू धर्म में नवरात्रि का विशेष महत्व होता है।
धार्मिक मान्यता के अनुसार, नवरात्रि में मां दुर्गा पृथ्वी पर विचरण करती हैं और अपने भक्तों की मनोकामना पूर्ण करती हैं। ऐसी मान्यता है कि नवरात्रि में माता रानी की सच्चे मन से अराधना करने वाले भक्तों की मन की मुरादें पूरी होती हैं। इस दौरान उपवास रखने वाले भक्तों को विशेष फल की प्राप्ति होती है। वैदिक शास्त्रों में नवरात्रि व्रत रखने के कुछ नियम बताए गए हैं। तो चलिए आज हम आपको बताने जा रहा है कि नवरात्रि के दौरान किन-किन नियमों का पालन करना चाहिए।
- वैदिक शास्त्रों के अनुसार, नवरात्रि व्रत करने वाले भक्तों को पलंग के बजाए जमीन पर सोना चाहिए। अगर आप जमीन पर नहीं सो सकते हैं, तो लकड़ी के तख्त पर सोना चाहिए।
- नवरात्रि के दौरान ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। इसके साथ ही व्रती को लाभ, काम व क्रोध से दूर रहना चाहिए।
- व्रत करने वाले व्यक्ति को झूठ बोलने से बचना चाहिए। हमेशा सत्य का साथ देना चाहिए। इसके अलावा नवरात्रि व्रत में बार-बार जल पीने से बचना चाहिए।
- नवरात्रि व्रत में गुटका, तंबाकू आदि का सेवन नहीं करना चाहिए।
- नवरात्रि के नौ दिन व्रत रखने के दौरान भक्तों को मां दुर्गा के साथ अपने ईष्टदेव का ध्यान करना चाहिए।
व्रत के लाभ- मां दुर्गा की उपासना के महापर्व नवरात्रि की महिमा शास्त्रों में भी वर्णित है। नवरात्रि व्रत करने वाले जातकों पर मां दुर्गा की विशेष कृपा होती है। घर में सुख-शांति व समृद्धि आती है। मान्यता है कि मां दुर्गा अपने भक्तों पर हमेशा कृपा बनाए रखती हैं।