बेंगलुरुः कर्नाटक सरकार ने हिजाब विवाद में फैसला सुनाने वाले जजों को सुरक्षा बढ़ा दी है। जजों को जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं। इनमें हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रितुराज अवस्थी भी शामिल हैं। जजों को मिल रही धमकियों के मद्देनजर कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने जजों को Y कैटेगरी की सुरक्षा देने की घोषणा की है। उन्होंने कहा, “हमने हिजाब पर फैसला देने वाले सभी 3 जजों को Y कैटेगरी की सुरक्षा देने का फैसला किया है। साथ ही आईजी (IG) यानी महानिरीक्षक को जजों को मिल रही धमकी के मामले में जांच करने के निर्देश दिए हैं।“

आपको बता दें कि कर्नाटक हाईकोर्ट के वकील उमापति को सोशल मीडिया पर एक वीडियो मिला था। इसमें कहा गया था कि हम जानते हैं कि चीफ जस्टिस मॉर्निंग वॉक के लिए कहां जाते हैं। वकील ने रजिस्ट्रार को चिट्ठी लिखकर इसकी जानकारी दी। इसके बाद पुलिस ने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है।

उमापति ने रजिस्ट्रार को लिखे पत्र में कहा था कि मुझे सुबह करीब 9:45 बजे व्हॉट्सऐप पर एक वीडियो मिला, जो तमिल में है। इस वीडियो में हिजाब विवाद पर फैसला सुनाने वाले जजों और कर्नाटक हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस की हत्या करने की बात कही गई है। वीडियो के बैकग्राउंड में स्पीकर से झारखंड में हुई जज की हत्या के बारे में बताया जा रहा है।

झारखंड में पिछले साल एक ऑटोरिक्शा से एक जज की हत्या कर दी गई थी। वारदात की CCTV फुटेज भी सामने आया था, जिसके बाद इस मामले की जांच का जिम्मा सीबीआई (CBI) यानी केंद्रीय जांच ब्यूरो को सौंपर दिया गया था।  उमापति ने कहा कि वीडियो में आरोपी ये कहकर धमकी दे रहा है कि लोगों को पता है कि चीफ जस्टिस मॉर्निंग वॉक के लिए कहां जाते हैं। वहीं फैसला देने वाले बाकी दो जजों को भी लगातार धमकियां मिल रही हैं।

कर्नाटक हाईकोर्ट ने 15 मार्च को शैक्षिणक संस्थानों में हिजाब पहनने के समर्थन में मुस्लिम लड़कियों समेत दूसरे लोगों की तरफ से लगाई गईं सभी 8 याचिकाएं खारिज कर दी थीं। चीफ जस्टिस रितुराज अवस्थी, जस्टिस कृष्ण एस. दीक्षित और जस्टिस खाजी जयबुन्नेसा मोहियुद्दीन की तीन मेंबर वाली बेंच ने राज्य सरकार के 5 फरवरी को दिए गए आदेश को भी निरस्त करने से इनकार कर दिया था, जिसमें स्कूल यूनिफॉर्म को जरूरी बताया गया था। हाईकोर्ट के फैसले से पहले चीफ जस्टिस रितुराज अवस्थी के घर के बाहर सुरक्षा बढ़ा दी गई थी। राजधानी बेंगलुरु समेत कर्नाटक के पांच जिलों में धारा 144 लागू करके सभी तरह के जुलूस और लोगों के जमावड़े पर रोक लगा दी गई थी।

हिजाब पर बवाल शुरू होने के बाद मामला सेशन कोर्ट पहुंचा था। सेशन कोर्ट के बाद मामले को कर्नाटक हाईकोर्ट में गया, जहां इसे बड़ी बेंच को ट्रांसफर कर दिया गया। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस की अगुआई वाली तीन मेंबर की बेंच ने इस पर सुनवाई शुरू की। आखिरकार 15 मार्च को इस मामले पर फैसला सुनाया गया। हाईकोर्ट ने फैसले के साथ ही इससे जुड़ी 8 याचिकाओं का भी निपटारा कर दिया।

हिजाब को लेकर कर्नाटक में विवाद 1 जनवरी को शुरू हुआ था। आपको बता दें कि कर्नाटक के उडुपी में 6 मुस्लिम छात्राओं को हिजाब पहनने के कारण कॉलेज में क्लास रूम में बैठने से रोक दिया गया था। कॉलेज मैनेजमेंट ने नई यूनिफॉर्म पॉलिसी को इसकी वजह बताया था। इसके बाद इन लड़कियों ने कर्नाटक हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी। लड़कियों का तर्क है कि हिजाब पहनने की इजाजत न देना संविधान के आर्टिकल 14 और 25 के तहत उनके मौलिक अधिकार का हनन है।

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