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हथकरघा और हस्तशिल्प उत्पादों के कारीगरों को बेहतर सुविधा देने के लिए सदैव तत्पर है उद्योग विभागः पौण्डरीक - Prakhar Prahari
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हथकरघा और हस्तशिल्प उत्पादों के कारीगरों को बेहतर सुविधा देने के लिए सदैव तत्पर है उद्योग विभागः पौण्डरीक

संवाददाताः संतोष कुमार दुबे प्रखर प्रहरी

दिल्लीः राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के आईएनए स्थित दिल्ली हाट में बिहार उत्सव 2022 का आयोजन किया गया है। यह आयोजन 16 मार्च से 31 मार्च  2022 तक चलेगा। बिहार स्थापना दिवस के अवसर पर  प्रति वर्ष आयोजित होने वाला 15 दिवसीय बिहार उत्सव 2022 का आयोजन उधोग विभाग, बिहार सरकार और बिहार सरकार के बिहार औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकरण (बियाडा) की ओर से किया गया है। संदीप पौण्डरीक, प्रधान सचिव, उधोग विभाग, बिहार सरकार ने आज आईएनए स्थिति दिल्ली हाट मे आयोजित बिहार उत्सव 2022 का निरीक्षण किया । इस मौके पर उनके साथ बिहार उत्सव 2022 के मेला प्रभारी, उधोग विभाग के उपनिदेशक बिशेश्वर प्रसाद एवं उधोग विभाग तथा बियाडा के अन्य पदाधिकारी भी मौजूद थे।

पौण्डरीक ने बिहार उत्सव 2022 में बिहार के कलाकारों द्वारा लगायें गये स्टॉलों का निरीक्षण किया तथा उनके हथकरघा और हस्तशिल्प उत्पादों की सराहना किया। उन्होंने ने बिहार से आये कलाकारों से कहा कि उधोग विभाग, बिहार सरकार आपको बेहतर सुविधा देने के लिए सदैव तत्पर है। इस मौके पर हथकरघा और हस्तशिल्प स्टॉलो के प्रदर्शक तथा कलाकार काफी उत्साहित नजर आये एवं कोरोना के कारण दो वर्ष के बाद बिहार उत्सव 2022 के आयोजन से काफी खुश थे ।

इस मौके पर बिहार उत्सव 2022 के मेला प्रभारी एवं उधोग विभाग के उपनिदेशक बिशेश्वर प्रसाद ने कहा कि बिहार उत्सव 2022 में इस बार बिहार के प्रसिद्ध हैंडलूम एवं हैंडीक्राफ्ट के 59 स्टॉल लगाये गए हैं, जिनमे बिहार की प्रसिद्ध भागलपूरी सिल्क, एवं बिहार की प्रसिद्ध हस्तशिल्प एवं हैंडीक्राफ्ट को प्रदर्शित किया गया है। इसके अलावा 2 फूडस्टाल का भी आवंटन किया गया है।

इस बार स्टालों के माध्यम से मशहूर मधुबनी एवं मिथिला पेंटिंग, जूट निर्मित वस्तुएं यथा जूट ज्वेलरी, निपुरा सिल्क एवं हस्तकरघा से निर्मित बेड-सीट, चादर विशेष रूप से मेला का आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है। अन्य स्टॉलों के माध्यम से मशहूर भागलपुरी सिल्क, मिथिला पेंटिंग, सिकी से निर्मित सामग्री, मोतीहारी का आकर्षक सीप से निर्मित आभूषण, टेरा कोटा से निर्मित वस्तुएं, जूट निर्मित वस्तुएं यथा जूट ज्वेलरी टिकुली आर्ट के साथ.साथ नालंदा, बिहारशरीफ का नेपुरा सिल्क एवं हस्तकरघा से निर्मित बेड.सीट ,चादर विशेष रूप से मेला का आकर्षण का केन्द्र रहेंगे। इस बिहार दिवस के अवसर पर बिहार लोक कला एवं संगीत का सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन दिनांक 21  तथा 22 मार्च को संध्या 6 से 8 बजे तक किया जाएगा।

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