कीवः रूस और यूक्रेन के बीच करीब एक महीने से जारी युद्ध थमने का नाम नहीं ले रहा है। रूस ने 24 फरवरी को यूक्रेन पर हमला किया था। इस बीच रूस ने जंग के 24 वें दिन यूक्रेन पर ‘किन्झॉल’ हाइपरसॉनिक मिसाइल दागने का दावा किया है। रूस का कहना है कि उसने इस मिसाइल से यूक्रेन के पश्चिमी इलाके में बने हथियार डिपो को तबाह कर दिया। आपको बता दें कि किन्झॉल रूसी भाषा का शब्द है, जिसका मतलब खंजर होता है।
रूस के रक्षा मंत्रालय ने कहा, “हाइपरसॉनिक एरोबैलिस्टिक मिसाइलों के साथ किन्झॉल एविएशन मिसाइल सिस्टम ने इवानो-फ्रैंकिवस्क इलाके के डेलियाटिन गांव में मिसाइलों और गोला बारूद वाले एक बड़े अंडरग्राउड डिपो को तबाह कर दिया।“
वहीं अमेरिका ने चेतावनी दी है कि रूस यूक्रेन में परमाणु हमला भी कर सकता है। 2018 में रूसी सेना में शामिल की गई इस मिसाइल पर परमाणु और कन्वेंशनल दोनों तरह के हथियार ले जा सकते हैं। यह मिसाइल 4900 से 12,350 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से वार कर सकती है।
उधर, जंग के बीच इस मसले को हल करने के लिए डिप्लोमैटिक रास्ते भी खोजे जा रहे हैं। इसी क्रम में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने शुक्रवार को फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से फोन पर बातचीत की। इस दौरान पुतिन ने यूक्रेन पर वॉर क्राइम का आरोप लगाया। पुतिन ने कहा कि रूस, यूक्रेन में आम नागरिकों को मौत से बचाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है। इसके लिए ह्यूमैनिटेरियन कॉरिडोर बनाने जैसे प्रयास भी शामिल हैं।
चलिए अब आपको बताते हैं कि क्या है किन्झॉल की खासियत
- व्लादिमिर पुतिन इस मिसाइल को ‘आइडियल वेपन’ कहते हैं, क्योंकि 1,500 मील, यानी 2000 किलोमीटर की मारक क्षमता वाली यह मिसाइल परमाणु बम भी गिरा सकती है। इस मिलाइल की टेस्टिंग पहली बार 2018 में की गई थी।
- किन्झॉल मिसाइल साउंड से 10 गुना ज्यादा रफ्तार से चलती है और 3 किमी प्रति सेकंड की रफ्तार से हमला करने में सक्षम है। इसकी वजह से अत्याधुनिक एयर डिफेंस सिस्टम भी इसके सामने फेल साबित होता है।
- इस हाइपसॉनिक मिसाइल में जो सेंसर लगे हैं उससे जमीन से लेकर समुद्र तक में सटीक हमला करने की बेजोड़ ताकत मिलती है।