मुंबईः कश्मीरी पंडितों का दर्द बयां करती फिल्म द कश्मीर फाइल्स कमाई के मामले में हर दिन एक नया बेंचमार्क सेट कर रही है। इस फिल्म ने रिलीज के पांचवें दिन 18 करोड़ रुपए का बिजनेस किया है, जो चौथे दिन फिल्म की कमाई से 20 प्रतिशत अधिक है। इसके साथ ही फिल्म ने कमाई के मामले में अक्षय कुमार की सूर्यवंशी, आलिया की गंगूबाई काठियावाड़ी और रणवीर सिंह की 83 के बिजनेस को पछाड़ दिया है।

आपको बता दें कि इसी हफ्ते 18 मार्च अक्षय कुमार की बच्चन पांडे भी रिलीज हो रही है। अब यह देखना दिलचस्प होगा की सूर्यवंशी को पीछे करने वाली कश्मीर फाइल्स का जलवा बच्चन पांडे के सामने कायम रहता है कि नहीं।

तरण आदर्श ने ट्वीट कर कहा कि कि फिल्म ने पांचवें दिन इंडिया में 18 करोड़ रुपए का बॉक्स ऑफिस कलेक्शन किया है। फिल्म ने चौथे दिन (सोमवार) 15.05 तीसरे दिन (रविवार) 15.10 करोड़, दूसरे दिन (शनिवार) 8.50 करोड़ और पहले दिन 3.55 करोड़ रुपए की कमाई की है। इस लिहाज से फिल्म ने इंडिया में पांच दिन में अब तक 60.20 करोड़ रुपए का बॉक्स ऑफिस कलेक्शन कर लिया है। तरण आदर्श ने यह भी कहा है कि ‘द कश्मीर फाइल्स’ स्मैश हिट है और ब्लॉकबस्टर बनने की राह में हैं।

तरण आदर्श ने एक अन्य ट्वीट में कहा कि ज्यादातर देखने को यह मिलता है कि मंगलवार, यानी वर्किंग डेज में फिल्मों के कलेक्शन में डाउन फॉल आ जाता है, लेकिन ‘द कश्मीर फाइल्स’ के साथ ऐसा नहीं हुआ है। उन्होंने यह भी बताया है कि फिल्म पोस्ट कोविड टाइम्स में पांचवे दिन में इंडिया में सबसे ज्यादा कलेक्शन करने वाली फिल्म भी बन गई है।

‘द कश्मीर फाइल्स’ ने इस मामले में प्री कोविड रिलीज फिल्म ‘सूर्यवंशी’, ‘गंगूबाई काठियावाड़ी’ और ’83’ को भी पीछे छोड़ दिया है। पांचवे दिन यानी मंगलवार को ‘सूर्यवंशी’ 11.22 करोड़, ‘गंगूबाई 10.01 करोड़ और ’83’ 6.70 करोड़ रुपए ही कमा पाई थी। वहीं प्री-कोविड टाइम्स रिलीज हुई ‘ताण्हाजी’ ने 15.28 करोड़ और उरी : द सर्जिकल स्ट्राइक ने 9.57 करोड़ रुपए कमाए थे।

उधर, फिल्म द कश्मीर फाइल्स की टीम से गृहमंत्री अमित शाह ने मुलाकात की है। इस बात की जानकारी खुद फिल्म के एक्टर अनुपम खेर ने सोशल मीडिया में फोटो शेयर कर दी है।

आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीजेपी संसदीय दल की बैठक में ‘द कश्मीर फाइल्स’ की तारीफ की थी। उन्होंने कहा कि इन दिनों फिल्म को लेकर चर्चा हो रही है। फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन के झंडे लेकर घूमने वाली पूरी जमात इससे बौखला गई है। ऐसी फिल्में बनती रहनी चाहिए। इनसे सच उजागर होता है। फिल्म में जो दिखाया गया है, कश्मीर के उस सच को दबाने की कोशिश की जाती रही है।

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