अहमदाबादः दो दिवसीय गुजरात दौरे पर पहुंच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को यहां सरदार पटेल स्टेडियम में 11वें खेल महाकुंभ का उद्धघाटन किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि मैंने जो खेल महाकुंभ का वृक्ष बोया था, अब वो वट-वृक्ष बन चुका है। उन्होंने कहा कि पहले देश में खेल जगत में भाई-भतीजावाद हावी था और खिलाड़ियों के चयन में पारदर्शिता की कमी भी एक बड़ा फैक्टर था।

इससे पगले पीएम मोदी ने यहां पर रोड शोक किया। वह राजभवन से 2.5 किलोमीटर तक रोड-शो कर स्टेडियम पहुंचे। इस दौरान गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल भी साथ थे। आपको बता दें कि गुजरात में इसी साल विधानसभा का चुनाव होना है। ऐसे में प्रधानमंत्री का यह दौरा काफी अहम माना जा रहा है।

मोदी के भाषण की बड़ी बातें-

  • मैं आज सभी पैरेंट्स से अनुरोध करता हूं कि अगर आपके बच्चे में खेल को लेकर इंटरेस्ट है, तो उसे किताबों में मत बांधिए।
  • सरकार ने स्पोर्ट्स बजट को 70% तक बढ़ाया है। हमने खिलाड़ियों को मिलने वाले इनकरेजमेंट अवॉर्ड देने में 60% की बढ़ोतरी की है।
  • सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं होता है। ना तो एक हार अंतिम है और ना ही एक जीत। हमारे वेदों में कहा गया है- चरैवेति, चरैवेति…
  • हिंदुस्तान न तो अब रूकने वाला है और ना ही अब थकने वाला है। उन्होंने कहा कि युवा ही भविष्य को गढ़ सकता है।
  • टोक्यो ओलिंपिक में भारत ने सात मेडल जीते हैं। यही रिकॉर्ड पैरा-ओलिंपिक में भी बनाया गया। हमारे नौजवानों ने 19 मेडल जीते।
  • खेल जगत में भी भाई-भतीजावाद घुस गया है। खिलाड़ियों के चयन में पारदर्शिता की कमी भी एक बड़ा फैक्टर थी।
  • 12 साल पहले 2010 में गुजरात के मुख्यमंत्री के नाते खेल महाकुंभ की शुरुआत की थी, तो वो मेरे लिए एक सपने के बीज बोने जैसा था।
  • कोरोना के कारण दो साल तक खेल महाकुंभ पर ब्रेक लगा रहा, लेकिन इसके बावजूद मुख्यमंत्री ने इस बार भव्यता से इसका आयोजन किया है।
  • यह सिर्फ खेलों का महाकुंभ नहीं है। यह युवाओं का महाकुंभ है। मैं सभी लोगों को शुभकामनाएं देता हूं।

मोदी ने आज गांधीनगर में राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय की नई इमारत का भी उद्घाटन किया। इस मौके पर उनके साथ केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह भी मौजूद रहे। कार्यक्रम में 37 स्टूडेंट्स को गोल्ड मैडल और 14 को डॉक्टरेट की डिग्री प्रदान की गई।

इस मौके पर बोलते हुए मोदी ने कहा कि राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय में आना मेरे लिए विशेष आनंद का अवसर है। ये विश्वविद्यालय, देशभर में रक्षा के क्षेत्र में जो अपना करियर बनाना चाहते हैं, उनके लिए नए अवसर पैदा करेगा। रक्षा के क्षेत्र में 21वीं सदी को जो चुनौतियां हैं, उनके अनुकूल हमारी व्यवस्था भी विकसित हो और उन व्यवस्थाओं को संभालने वाले व्यक्तित्व का विकास हो, इसके लिए इस विश्वविद्यालय का जन्म हुआ है।

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय रक्षाशक्ति विश्वविद्यालय एक ऐसा क्षेत्र है, जो देशभर में रक्षा के क्षेत्र में अपना करियर बनाने वालों के लिए मौका देगा। जो युवा डिप्टी एसपी, PSI और कांस्टेबल बनना चाहते हैं, उन्हें उस स्तर का पेशेवर प्रशिक्षण दिया जाएगा। क्योंकि, आज के समय में वेल ट्रेंड मेन पॉवर देश की सबसे बड़ी जरूरत है।

प्रधानमंत्री ने कहा,  “आज के ही दिन नमक सत्याग्रह के लिए इसी धरती से दांडी यात्रा की शुरुआत हुई थी। गांधी जी के नेतृत्व में अंग्रेजों के अन्याय के खिलाफ जो आंदोलन चला, उसने अंग्रेजी हुकूमत को हम भारतीय की सामूहिक सामर्थ्य का अहसास करा दिया था। दुर्भाग्य से आजादी के बाद हमारे देश में कानून व्यवस्था के लिए जो काम होना चाहिए था, उसमें हम पीछे रह गए। आज भी पुलिस के संदर्भ में जो अवधारणा बनी है, वो ये है कि इनसे दूर रहो। वहीं सेना के लिए अवधारणा है कि सेना के लोग आ जाएं तो कोई परेशानी नहीं होती।“

मोदी ने कहा कि आम आदमी से पुलिस की दोस्ती और विश्वास का अनुभव कराने के लिए प्रशिक्षण मॉड्यूल को बदलने की जरूरत है। इसी के चलते देश भर में रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय का विस्तार किया जाएगा। आमतौर पर हमारे देश में पुलिस की एक अलग ही तस्वीर पेश की जाती है। फिल्म हो या अखबार, पुलिस की छवि की असली सच्चाई समाज तक नहीं पहुंचती। आप ही देख लीजिए कि कोरोना काल में पुलिस ने न सिर्फ लोगों को सुरक्षा दी, बल्कि भूखों तक खाना और दवा पहुंचाकर अपनी मानवीय तस्वीर भी दिखाई।

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