संवाददाताः संतोष कुमार दुबे
नई दिल्लीः विश्व हिंदू परिषद से संबंधित दुर्गा वाहिनी तथा मातृशक्ति की कार्यकर्ताओं ने रविवार को दिल्ली के जंतर मंतर पर मौन धरना दिया गया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने कहा कि हर्षा हिन्दू तथा किशन भरवाड सहित देशभर में जगह-जगह मजहब के नाम पर हिंदू युवाओं को हिंसा का शिकार बनाया जा रहा है।
जंतर-मंतर पर धरना दे रही महिलाओं को सम्बोधित करते हुए दुर्गा वाहिनी क्षेत्रीय संयोजिका मालती शर्मा तथा केंद्रीय टोली की डॉ यज्ञना जोशी ने सवाल किया कि क्या अब हिंदुओं की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता भी छीनी जा चुकी है? जहां भी किसी ने कुछ बोला, उसका कत्ल कर दिया। ये इस्लामिक जिहादीयों की प्रवृत्ति सी बन गई है।
इस अवसर पर विहिप दिल्ली के अध्यक्ष कपिल खन्ना ने कहा कि विद्यार्थियों को अब मजहब के आधार पर बांट कर मुस्लिम बेटियों को शिक्षा से बंचित करने के जो षड्यंत्र रचे जा रहे हैं, वे कदापि स्वीकार नहीं है।
वहीं प्रान्त मंत्री सुरेंद्र गुप्ता ने कहा कि देश में जगह-जगह पर हिंसा, अलगाववाद तथा आतंक फैलाने वालों को यह समझ लेना चाहिए कि यह भारत है, कोई पाकिस्तान, अफगानिस्तान, तुर्की या सीरिया नहीं, जहां शरिया की शरारतों को सहन किया जा सके।
इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि पिछले दिनों हुईं दर्जनों हिंदू युवक-युवतियों की नृशंस हत्याओं के पीछे देश में बढ़ती इस्लामिक कट्टरता और आतंकवादी मानसिकता जिम्मेदार है। सिर्फ दिल्ली में पिछले कुछ महीनों में ही दर्जन भर से अधिक युवाओं की सरेआम हत्या कर दी गई।
वक्ताओं ने सवाल किया कि हिंदू बेटे-बेटियों की जिहादियों द्वारा सरेआम निर्मम हत्याओं पर सेक्युलर बिरादरी के राजनेताओं तथा कथित बुद्धिजीवियों में सन्नाटा क्यों पसर जाता है? सेकुलरिज्म के पैरोकार विद्यालयों को भी कम्युनल एजेंडा क्यों चलाना चाहते हैं?
हिंदुओं के हत्यारों तथा देश को साप्रदायिक आधार पर विभाजित करने वालों के विरुद्ध मूक धरना देने वाली दिल्ली दुर्गा वाहिनी तथा मातृ शक्ति की सदस्याओं ने कर्नाटक के हिंदू युवक बजरंगी हर्षा को श्रद्धांजलि देते हुए संकल्प लिया कि अब हिंदू चुप नहीं बैठेगा। यदि जिहादी अपनी मानसिकता से बाज नहीं आए तो हिंदू युवक और युवतियां भी अपनी तथा समाज की आत्म रक्षा के लिए मजबूर होंगे।
जंतर-मंतर पर प्रदर्शनकारियों ने अपने हाथों में ’मजहब के नाम पर मार डालोगे क्या?’ ’कत्ल के पीछे कट्टरता’ ’हिन्दू लाइफ ’मैटर्स ’जस्टिस फ़ॉर हर्षा’ ’’व्हाई किल्ड ? सपोर्टड ईक्वालिटी ? सपोर्टड यूनिफार्म ? ’विद्यार्थियों को विद्यार्थी ही रहने दें, साम्प्रदायिक विभाजन ना करें’ जैसे बैनर तथा पोस्टर लिए हुए थे।
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