मुंबईः रूस-यूक्रेन युद्ध के तीसरे तीन वहां फंसे भारतीय छात्रों का पहला जत्था मुंबई पहुंचा। 219 भारतीय छात्रों को लेकर एअर इंडिया का विमान AI-1943 आज रात 8 बजे मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर उतर गया। विमान ने दोपहर में रोमानिया के बुखारेस्ट से उड़ान भरी थी। इस विमान के लिए मुंबई हवाई अड्डा पर एक स्पेशल कॉरिडोर बनाया गया था।
Looking forward to receiving the Indian nationals safely evacuated from Ukraine at Mumbai airport.
Govt. is working in mission mode to ensure the safety of our citizens. pic.twitter.com/jYyScDKuEC
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) February 26, 2022
हवाई अड्डा से बाहर निकलने के लिए छात्रों ने कोविड-19 टीकाकरण का प्रमाणपत्र या RT-PCR की निगेटिव रिपोर्ट दिखाई। एयरपोर्ट पर ही RT-PCR जांच की व्यवस्था भी की गई थी।
उधर एअर इंडिया के एक और विमान ने 250 स्टूडेंट्स को लेकर रोमानिया के बुखारेस्ट से ही रात 9.30 बजे नई दिल्ली के लिए उड़ान भरी है। यह विमान रविवार सुबह करीब 8 बजे नई दिल्ली एयरपोर्ट पर उतरेगा। इस बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि ‘ऑपरेशन गंगा’ के तहत स्टूडेंट्स की वापसी का यह अभियान जारी रहेगा।
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने यूक्रेन से मुंबई पहुंचे भारतीय स्टूडेंट्स का विमान में जाकर स्वागत किया। उन्होंने कहा-‘ मातृभूमि में आप सबका स्वागत है। उन्होंने कहा कि हर स्टूडेंट को वापस लाया जाएगा। एअर इंडिया की तरफ से आपका स्वागत है। बाद में उन्होंने एयरपोर्ट के लाऊंज में भी उन्होंने इन स्टूडेंट्स से बात की।
पीयूष गोयल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आप सभी बच्चों की बहुत चिंता थी। दो- ढाई दिन से पीएम मोदी और विदेश मंत्री जयशंकर आप सभी की चिंता कर रहे हैं। दिन-रात फोन कर रहे हैं। पीएम ने रूस और यूक्रेन के राष्ट्रपति से बात भी की थी।
गोयल ने कहा, “आप के पास वहां फंसे लोगों के नंबर होंगे और आप को उन्हें फोन कर कहना है कि उन्हें चिंता करने की जरूरत नहीं है। भारत सरकार सभी को सुरक्षित वापस लेकर आएगी। जब तक सारे भारतीय नागरिक वापस नहीं आ जाते, ये मिशन चलता रहेगा। गोयल के साथ मुंबई नार्थ सेंट्रल सीट से सांसद पूनम महाजन भी थीं।“
Three Cheers For India!
Interacted with the Indian evacuees from Ukraine at the Mumbai airport.
Urged them to convey to their friends back in Ukraine that the Govt. has their back. #OperationGanga pic.twitter.com/45jIuncIWT
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) February 26, 2022
वहीं मुंबई की मेयर किशोरी पेडनेकर ने भी मुंबई पहुंचे छात्रों को फ़ूड पैकेट्स और पानी दिया और छात्रों से बात की है। उन्होंने कहा कि यूक्रेन से लौट रहे सभी बच्चों के लिए मुंबई महानगर पालिका की ओर से सभी सेवाएं फ्री होंगी और उन्हें उनके घर तक हम पहुंचाएंगे। हम सभी का फ़्री कोविड टेस्ट, टीके, भोजन और अन्य सभी सुविधाएं मुहैया कराएंगे।
वहीं स्लोवाकिया में भारतीय दूतावास ने एडवाइजरी जारी कर कहा है कि यूक्रेन में फंसे भारतीय उझारोड़-वायसन नेमेके सीमा से रेस्क्यू किए जाएंगे। वहीं हंगरी में भारतीय एम्बेसी ने भी सीमा से एंट्री की डिटेल एडवाइजरी जारी की है। हंगरी और पोलैंड की सीमा पर तेजी से भारतीय स्टूडेंट पहुंच रहे हैं।
हंगरी स्थित भारतीय दूतुवास ने भारतीय छात्रों के लिए जारी एडवाइजरी में कहा है कि हंगरी के झाहोनी-उझोरोड सीमा से एंट्री कराई जाएगी। इसके लिए झाहोनी में एम्बेसी की एक लायजनिंग टीम भेजी है जो लोकल अथॉरिटी के साथ समन्वय बनाएगी। यहां से स्टूडेंट्स को बुडापेस्ट लाया जाएगा। वहां से भारत भेजा जाएगा।
एम्बेसी ने साफ किया कि उझोरोड सीमा से हंगरी में एंट्री केवल बस और वैन से ही हो सकेगी। पैदल सीमा पर आने वालों को एंट्री नहीं मिलेगी। सभी को पासपोर्ट, रहने का परमिट, कोविड टीकाकरण सर्टिफिकेट, स्टूडेंट पहचान पत्र रखना होगा। एम्बेसी ने यूक्रेन से हंगरी सीमा पर आ रहे भारतीय स्टूडेंट्स के फोटो, वीडियो भी जारी किए हैं।
उधर, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि हमारी टीमें 24 घंटे काम कर रही हैं। मैं व्यक्तिगत रूप से इसकी निगरानी कर रहा हूं। वहीं, रोमानिया में भारतीय राजदूत राहुल श्रीवास्तव ने कहा- भारत सरकार यूक्रेन में फंसे प्रत्येक व्यक्ति को भारत लाने के लिए दिन-रात लगी हुई है।
हमारा यह मिशन तब तक नहीं रुकेगा, जब तक अंतिम व्यक्ति को रेस्क्यू नहीं कर लिया जाता। आप सभी अपनी जिंदगी में 26 फरवरी का ये दिन हमेशा के लिए याद कर लीजिए।
पोलैंड में भारत की राजदूत नगमा मल्लिक ने कहा कि दूतावास ने तीन टीमों का गठन किया है। ये टीमें भारतीयों को पश्चिमी यूक्रेन से बाहर निकलने में सहायता करेंगी। सभी फंसे हुए भारतीयों को पोलैंड ले जाया जाएगा, वहां से उन्हें भारत भेजने की व्यवस्था की जाएगी।
यूक्रेन की इंडियन एम्बेसी ने एडवाइजरी जारी कर वहां फंसे भारतीयों से कहा है- सीमा पर तैनात भारतीय अधिकारियों से समन्वय के बिना सीमा की तरफ न निकलें। पश्चिमी शहरों में खाने-पीने की चीजों के साथ जहां हैं, वहीं बने रहना बेहतर है। बिना कोआर्डिनेशन के बॉर्डर पर पहुंचने से परेशानी उठानी पड़ सकती है।
यूक्रेन में फंसे छात्रों को एयरलिफ्ट करने के लिए पोलैंड और रोमानिया बॉर्डर पर ले जाया जा रहा है। शनिवार सुबह 52 स्टूडेंट्स को लेकर बस पोलैंड के लिए रवाना हुई। सूरत के रहने वाले एक स्टूडेंट अभिषेक नानपरिया ने भास्कर को बताया, “जैसे ही बस चलना शुरू हुई स्टूडेंट्स ने ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाना शुरू कर दिए। इन सभी को कल पोलैंड से भारत लाया जाएगा।“
उन्होंने बताया कि हमें उम्मीद थी कि भारत सरकार हमें यहां से निकाल लेगी। भारतीय दूतावास के प्रयासों से हमारा उत्साह बढ़ा है। अभिषेक ने आगे बताया कि हम लोगों को बंकर में रखा गया था। यहां हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। छह-सात दिन पहले तक यही लगता था कि जंग की बातें अफवाह हैं, लेकिन अचानक जंग छिड़ गई और किसी को भी संभलने का मौका नहीं मिला।