बीजिंग : मौजूदा समय में दुनिया दो गुटों में बंटती नजर आ रही है। यूक्रेन पर रूस के हमले को लेकर एक ओर जहां पश्चिमी देश रूस से खिलाफ हो गए हैं। वहीं चीन परोक्ष रूप से चीन के समर्थन में उतर आया है।  इस समय रूसी सेना यूक्रेन में भारी तबाही मचा चुकी है और तेजी से राजधानी कीव की ओर बढ़ रही है। आज सुबह से ही यूक्रेन की राजधानी कीव में धमाकों की आवाज सुनाई दे रही है। इस जंग में दुनिया भी दो पक्षों में बंट गई है। कई देश जैसे अमेरिका, ब्रिटेन, यूरोपीय देश, यूक्रेन के साथ खड़े हैं तो वहीं चीन और पाकिस्तान रूस का समर्थन कर रहे हैं।

यूक्रेन पर रूस से हमले से नाराज दुनिया के ज्यादातर देश रूस पर कड़े से कड़े प्रतिबंध लगा रहे हैं, तो चीन ने रूस पर लगे सभी गेहूं आयात प्रतिबंधों को हटाने का फैसला लिया है।

चीन के जनरल एडमिनिस्ट्रेशन ऑफ कस्टम ने गुरुवार यूक्रेन पर रूसी हमले के कुछ ही देर बाद इसकी घोषणा कर दी। यह कदम उस समझौते के तहत उठाया गया है जो इस महीने की शुरुआत में पुतिन और जिनपिंग के बीच हुआ था। रूस दुनिया के सबसे बड़े गेहूं उत्पादक देशों में से एक है। लेकिन रूस चीन को बैक्टीरिया और कंटेमिनेशन के डर के चलते गेहूं निर्यात नहीं करता था।

इस महीने की शुरुआत में 8 फरवरी को चीन और रूस के बीच एक समझौता हुआ था जिसके तहत चीन रूस से गेहूं और धान खरीदने और रूस कंटेमिनेशन को रोकने के लिए सभी जरूरी उपाय अपनाने पर सहमत हो गए थे। समझौते के अनुसार चीन गेहूं में किसी भी तरह की फंगस या कंटेमिनेशन मिलने पर खरीद को तत्काल रोक देगा। बुधवार को चीन के कृषि मंत्रालय ने बताया कि पिछले साल बुवाई की अवधि में बाढ़ के कारण चीन बड़ी कठिनाइयों का सामना कर रहा है।

आपको बता दें कि यूक्रेन पर हमले के बाद से पश्चिमी देश एक सुर में रूसी राष्ट्रपति पुतिन की आलोचना कर रहे हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति बाइडन ने गुरुवार को अपने संबोधन में रूस पर कड़े प्रतिबंध लगाने की घोषणा की। वहीं यूरोपीय संघ के नेता भी छह घंटे की मीटिंग के बाद रूस पर और ज्यादा कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगाने पर सहमत हो गए हैं। परिषद के अध्यक्ष ने कहा कि रूस यूक्रेन पर अपने हमले को सही ठहराने के लिए ‘झूठे और बेकार बहाने’ बना रहा है। उन्होंने कहा कि प्रतिबंधों से उसकी सरकार को नुकसान होगा।

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