मास्कोः रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने गुरुवार को यूक्रेन के खिलाफ युद्ध की घोषणा कर दी। हालांकि उन्होंने दावा किया कि इसका मकसद नागरिकों की रक्षा करना है। पुतिन ने टेलीविजन पर एक संबोधन में कहा कि यूक्रेन द्वारा पेश किए जा रहे खतरों के जवाब में यह कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि रूस का लक्ष्य यूक्रेन पर कब्जा करना नहीं है। उन्होंने कहा कि खून-खराबे के लिए यूक्रेन का शासन जिम्मेदार होगा।

इसके साथ ही रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने अमेरिका सहित अन्य देशों को आगाह किया कि रूसी कार्रवाई में किसी प्रकार के हस्तक्षेप के प्रयास नहीं करें। उन्होंने धमकी देते हुए कहा, ”यूक्रेन में हमारे अभियान को रोकने के प्रयास के ऐसे परिणाम होंगे, जो उन्होंने पहले कभी नहीं देखे होंगे।” पुतिन ने अमेरिका और उसके सहयोगियों पर यूक्रेन को नाटो (NATO) यानी उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन में शामिल होने से रोकने और सुरक्षा गारंटी देने की रूस की मांग की अनदेखी करने का भी आरोप लगाया।

रूसी राष्ट्रपति ने कहा कि हथियार डालने वाले सभी यूक्रेनी सैनिक सुरक्षित रूप से युद्ध क्षेत्र से बाहर निकल पाएंगे। इस बीच अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने यूक्रेन पर बिना उकसावे वाले और अकारण हमले के रूस के इरादे की निंदा की है। उन्होंने कहा कि इसके लिए दुनिया रूस की जवाबदेही तय करेगी।

बाइडेन ने कहा कि रूस की ओर से यूक्रेन पर सैन्य कार्रवाई किये जाने की घोषणा के बाद अमेरिका वहां के घटनाक्रमों पर नजर रखे हुए है। अमेरिकी राष्ट्रपति कार्यालय व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने कहा कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के डोनबास पर सैन्य कार्रवाई की घोषणा के बाद राष्ट्रपति जो बाइडेन यूक्रेन की स्थिति पर बारीकी से नजर रखे हुए हैं। उन्होंने ट्वीट कर कहा, ”बाइडेन यूक्रेन के घटनाक्रमों पर ध्यान रखे हुए हैं और वह इस संबंध में अपने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन से लगातार अपडेट भी ले रहे हैं। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक से पहले संयुक्त राष्ट्र के अपने राजदूत लिंडा थॉमस ग्रीनफील्ड के साथ भी बात की है।“

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