दिल्लीः रूस के राष्ट्रपति ने यूक्रेन के खिलाफ जंग का ऐलान कर दिया है। उन्होंने यह ऐलान संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की बैठक के दौरान की। साथ ही उन्होंने नाटो (NATO) यानी उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन को धमकी दी है कि यदि यूक्रेन का साथ दिया, तो इसके नतीजे भुगतने होंगे। हालांकि, पुतिन ने कहा है कि उनका यूक्रेन पर कब्जा करने का इरादा नहीं है। उनका कहना है कि यूक्रेनी सेना हथियार डाले और वापस जाए। आपको बता दें कि इस समय रूस और यूक्रेन के बीच जारी तनाव के मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र की बैठक होगी हो रही है। दोनों देश के बीच जारी तनाव के मुद्दे पर एक हफ्ते में UNSC की यह दूसरी बैठक है।
रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने यूक्रेन के खिलाफ जंग का ऐलान करते हुए नाटो को धमकी दी है कि अगर यूक्रेन का साथ दिया तो नतीजे भुगतने होंगे। हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि उनका यूक्रेन पर कब्जा करने का इरादा नहीं है। उनका कहना है कि यूक्रेनी सेना हथियार डाले और वापस जाए।
पुतिन के इस बयान के तुरंत बाद ही यूक्रेन में विद्रोहियों के कब्जे वाले इलाके और यूक्रेन की राजधानी कीव में बड़े धमाकों की रिपोर्ट्स सामने आई हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, क्रमातोस्क में 2 धमाके सुने गए हैं। रूसी सिपाही क्रीमिया के रास्ते यूक्रेन में घुस रहे हैं। बॉर्डर पर दो लाख से ज्यादा रूसी सिपाही तैनात हैं। पूर्वी यूक्रेन के डोनेट्स्क क्षेत्र में मौजूद बीबीसी संवाददाता सारा रेंसफोर्ड ने इस इलाके में धमाके की खबर रिपोर्ट की है।
उधर, संयुक्त राष्ट्र ने दोनों देशों से शांति बनाए रखने की अपील की गई है। आपको बता दें कि युद्ध के खतरे के बीच फ्रांस ने बुधवार को अपने नागरिकों से बिना देरी किए यूक्रेन छोड़ने को कहा था। फ्रांस के विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि यूक्रेन की सीमाओं पर रूसी सैनिकों के जमा होने की वजह से गंभीर तनाव पैदा हो गया है। साथ ही दो अलगाववादी क्षेत्रों को रूस ने मान्यता दी है और यूक्रेन ने इमरजेंसी लागू कर दी है। इसलिए यूक्रेन में मौजूद फ्रांसीसी नागरिकों को बिना देरी के देश छोड़ देना चाहिए।
वहीं भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से मुलाकात की। इस दौरान दोनों नेताओं ने रूस-यूक्रेन संकट, इंडो-पैसिफिक में आपसी सहयोग, भारत और फ्रांस के बीच डिप्लोमैटिक, आर्थिक और रक्षा संबंधों को मजबूत पर चर्चा की। भारत ने पूर्वी यूरोप में तनाव कम करने के लिए मैक्रों की कोशिशों की सराहना की। इससे एक दिन पहले जयशंकर ने फ्रेंच इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल रिलेशंस में बोलते हुए फ्रांस की तारीफ करते हुए उसे वर्ल्ड सुपर पावर बताया था।
उधर यूरोपीय संघ रूस के खिलाफ रणनीति तय करने के लिए गुरुवार यानी आज एक बेहद अहम मीटिंग करेगा। यह बैठक बेलारूस में होगी, जो पहले ही रूस के साथ है और रूसी फौज बेलारूस की धरती पर मौजूद है।
इस बीच सीमा पर लगातार बढ़ते तनाव के बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने युद्ध को टालने की भावुक अपील की है। उन्होंने रूसी लोगों को रूस-यूक्रेन के साझा इतिहास और संस्कृति की भी याद दिलाई। जेलेंस्की ने कहा कि उन्होंने व्लादिमीर पुतिन को फोन भी किया था, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। यूक्रेनी राष्ट्रपति ने कहा उनका देश शांति चाहता है।
वहीं रूस के साथ संभावित युद्ध के खतरे को देखते हुए यूक्रेन की संसद ने आम लोगों के हथियार रखने का कानून पास कर दिया है। वहीं, जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज आज G7 नेताओं की एक वर्चुअल मीटिंग करेंगे।
यूक्रेन की संसद ने रूसी हमले के मद्देनजर नेशनल इमरजेंसी की घोषणा कर दी है। इमरजेंसी के ऐलान के साथ ही यूक्रेन ने अपने 30 लाख लोगों को तुरंत रूस छोड़ने के लिए कहा है। रूस ने बुधवार को यूक्रेनी बैंकों और रक्षा, विदेश, आंतरिक सुरक्षा जैसी अहम वेबसाइट पर साइबर अटैक किया। डिप्टी पीएम फेदोरोव ने कहा रूस को मुंहतोड़ जवाब देंगे।