दिल्लीः रूस और यूक्रेन के बीच तनाव ने बेहद गंभीर रूप ले लिया है। रूस द्वारा यूक्रेन के दो प्रांत लुहांस्क और डोनेट्स्क को अलग देश का दर्जा देने का ऐलान के बाद अमेरिका, जापान और कनाडा ने कड़ा एक्शन लिया है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने व्हाइट हाउस के अपने संबोधन में रूस के निंदा करते हुए उसके दो फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसके साथ ही रूस को पश्चिमी देशों से मिलने वाली मदद पर भी रोक लगाई गई है। साथ ही अमेरिका रूस के पड़ोसी देशों में सैन्य तैनाती भी बढ़ा रहा है।

इस बीच जापान ने भी रूस पर कई पाबंदियां लगाने का ऐलान कर दिया है। जापान में रूसी बॉन्डों को जारी करने पर पाबंदी लगा दी गई है। इसके अलावा कई रूसी नागरिकों की संपत्तियों को भी फ्रीज कर दिया गया है। यही नहीं जापान आने-जाने पर भी रोक लगाई गई है। जापान का कहना है कि रूस ने यूक्रेन की संप्रभुता पर हमला किया है और अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन किया है। हम इन कदमों कड़ी निंदा करते हैं और रूस से अपील करते हैं कि वह कूटनीतिक तरीकों से मसलों का हल करने पर विचार करे।

वहीं कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने मंगलवार को रूस पर पहले राउंड की पाबंदियों का ऐलान किया। साथ ही आने वाले दिनों में रूस पर पाबंदियों को और बढ़ाने का संकेत दिया। ट्रूडो ने कहा कि हमारी सरकार ने फैसला लिया है कि रूस ने यूक्रेन के जिन प्रांतों को स्वतंत्र घोषित किया है, उनसे कोई भी कनाडाई आर्थिक डील नहीं करेगा। इसके अलावा रूसी बॉन्ड की खरीद पर भी रोक लगाई जाएगी। यही नहीं उन रूसी सांसदों पर भी पाबंदियां लगाई जाएंगी, जिन्होंने डोनेत्सक और लुहान्सक को स्वतंत्र राज्य घोषित करने के प्रस्ताव के समर्थन में मतदान किया है।

अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन ने पुतिन की आक्रामक पॉलिसी की निंदा करते हुए कहा,  “सोमवार रात जो कुछ हुआ, उसे पूरी दुनिया ने देखा। यह अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन है। हम अपने सहयोगियों के साथ संपर्क में हैं। हम इस बारे में गंभीरता से विचार कर रहे हैं। नाटो (NATO) उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन के अलावा हमने दुनिया के कई देशों से बातचीत की है। अमेरिका और उसके सहयोगी हालात पर पैनी नजर रख रहे हैं। रूस पर कई तरह के प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रहे हैं। रूस के अगले कदम पर हमारी नजर है।“

अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि हम मानते हैं कि यह सीधे तौर पर यूक्रेन में रूस की घुसपैठ है। दो दिनों में हमने हालात की समीक्षा की है। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोल्दोमिर जेलेंस्की से मैंने कई बार बातचीत की है। मुझे आज भी लगता है कि बातचीत के अलावा कोई और रास्ता नहीं है। जंग किसी समस्या का हल नहीं है। रूस के दो फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन (वीईबी और रूसी मिलिट्री बैंक) के खिलाफ हमने प्रतिबंध लगा दिए हैं। यह प्रतिबंधों की पहली किश्त समझी जानी चाहिए। अगर रूस अब भी आगे बढ़ता है तो अमेरिका के पास इतनी ताकत है कि वह उसे सबक सिखा सकता है।

बाइडेन ने कहा कि पुतिन को अपने पड़ोसी देश के इलाके में नए देश घोषित करने का अधिकार किसने दिया? यह अंतरराष्ट्रीय कानून का घोर उल्लंघन है। अमेरिका की तरफ से स्पष्ट कर दिया गया है कि नॉर्ड स्ट्रीम 2 पाइपलाइन प्रोजेक्ट आगे नहीं बढ़ने देगा। बाइडेन बताया, इसके लिए वो जर्मनी के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। अगर रूस अपनी आक्रामक रणनीति को जारी रखता है तो उस पर और कड़े प्रतिबंध लगाए जाएंगे। अमेरिका एस्टोनिया, लातविया और लिथुआनिया में अपनी सैन्य तैनाती को बढ़ाएगा

अमेरिकी राष्ट्रपति ने बाल्टिक देशों में अमेरिकी सैनिकों की संख्या बढ़ाने के मुद्दे पर कहा, “मैं यह साफ कर देना चाहता हूं हमारी तरफ से रक्षात्मक तौर पर यह कदम उठाए गए हैं। हमारा रूस से लड़ने का कोई इरादा नहीं है। हम अपने सहयोगियों को संदेश देना चाहते हैं कि अमेरिका नाटो की एक एक इंच जमीन की रक्षा करेगा और हम अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरी तरह से पालन करेंगे। पूतिन पूरे देश को हथियाने के लिए एक ऐसे संघर्ष को आगे बढ़ा रहे हैं जिसमें हजारों लोग मारे जा सकते हैं। अमेरिकी एक्सपर्ट्स को डर है कि अब रूस यूक्रेन के खिलाफ फुल स्केल वॉर शुरू कर सकता है।“

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