दिल्लीः रूस और यूक्रेन के बीच जारी तनातनी अब सबसे मुश्किल दौर में पहुंच गई है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने रूस समर्थक विद्रोहियों के कब्जे वाले यूक्रेन के लुहांस्क और डोनेस्टक प्रांत को स्वतंत्र देश के तौर पर मान्यता दे दी है। पुतिन ने टेलीविजन पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए यूक्रेन सरकार, नाटो फोर्सेस और अमेरिकी सरकार पर जमकर निशाना साधा।
उन्होंने दो टूक कहा कि यूक्रेन अमेरिका की कॉलोनी बन चुका है, जहां कठपुतली सरकार चल रही है। पुतिन के इस बयान पर यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि हम डरते नहीं हैं।
रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने चेतावनी देते हुए कहा, “यूक्रेन नाटो (NATO) उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन में शामिल होता है, तो यह रूस के लिए सीधा खतरा होगा। हम यूक्रेन से मांग करते हैं कि वह तुरंत सैन्य कार्रवाई बंद कर दे। अगर ऐसा नहीं हुआ, तो जो भी खून खराबा होगा, उसकी जिम्मेदारी कीव में बैठी यूक्रेन सरकार की होगी। आज यूक्रेन न सिर्फ रूस के साथ अपने साझा अतीत को खारिज कर रहा है, बल्कि रूस को कमजोर करने के नाटो एजेंडे में मददगार साबित हो रहा है।“
उन्होंने कहा, “यूक्रेन परमाणु हथियार बनाने की योजना भी बना रहा है, अगर ऐसा होता है तो वर्ल्ड ऑर्डर में बड़ा बदलाव होगा। हाल ही के वक्त में पश्चिमी देशों से यूक्रेन को बड़े पैमाने पर हथियार की सप्लाई की गई है। पुतिन का आरोप है कि यूक्रेन संकट की असल वजह नाटो का विस्तार है, इससे आपसी भरोसे को नुकसान हुआ है। पश्चिमी देशों का असली मकसद रूस के डेवलपमेंट को रोकना है।‘
पुतिन ने कहा, “’यूक्रेन को रूस ने कम्युनिस्ट शासन के तहत बनाया था, लेकिन आज कट्टरपंथी इसकी आजादी का श्रेय लेते हैं। जबकि उनका इससे कोई देना ही नहीं है। सोवियत यूनियन के पतन के बाद धोखे और बेईमानी के बावजूद रूसी लोगों ने यूक्रेन समेत कई देशों को मान्यता दी। हमने यूक्रेन का कर्ज पूरी तरह चुका दिया, लेकिन उन्होंने संपत्ति वापसी के समझौतों का पालन नहीं किया।“
उधर, अमेरिका ने रूस के इस एलान पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने कहा कि राष्ट्रपति जो बाइडेन जल्द ही एक आदेश जारी करेंगे, जो अमेरिकी नागरिकों को लुहांस्क और डोनेस्टक क्षेत्र में इनवेस्टमेंट से रोकेगा। अमेरिका के अलावा ईयू (EU) यूरोपीय संघ और ब्रिटेन भी रूस पर पाबंदियां लगाने की बात कह रहे हैं।