मास्कोः रूस और यूक्रेन के बीच जारी तनाव के बीच यूक्रेन की सेना ने देश के पूर्वी क्षेत्र में विद्रोहियों पर बम बरसाए हैं। यह दावा रूस की मीडिया ने किया है। आपको बता दें कि यूक्रेन के विद्रोही रूस के समर्थक माने जाते हैं। रूसी मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक यूक्रेन की सेना ने पूर्वी यूक्रेन में विद्रोहियों पर ग्रेनेड और मोर्टार से हमले किए हैं। उधर, अमेरिका के राष्ट्रपति कार्यालय व्हाइट हाउस ने चेतावनी दी है कि रूस कभी भी यूक्रेन पर हमला कर सकता है।
रूस की समाचार एंजेसी स्पूतनिक की रिपोर्ट के यूक्रेन की सेना ने देश के पूर्वी इलाके में स्थित स्वघोषित लुगांस्क पीपुल्स रिपब्लिक में गुरुवार को चार जगहों पर मोर्टार गोले और ग्रेनेड से हमला किया है। इस कथित रिपब्लिक के एक अधिकारी ने कहा, “यूक्रेन की सेना ने मिंस्क समझौते का उल्लंघन करते हुए सीजफायर का उल्लंघन किया है और हथियारों का इस्तेमाल किया है।“ फरवरी 2015 में हुए इस समझौते में रूस समर्थक विद्रोही गुटों और यूक्रेन की सरकार के बीच सीजफायर हुआ था। इसके तहत सेना की वापसी, आर्थिक रिश्तों की शुरुआत, यू्क्रेन में संवैधानिक सुधार आदि पर सहमति बनी थी।
रूसी मीडिया का यह दावा अगर सही है तो दोनों देशों के बीच पहले से चला आ रहा तनाव और भड़क सकता है।
आपको बता दें कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने जोर देकर कहा था कि मिंस्क समझौता ही पूर्वी यूक्रेन में विवाद की समाप्ति का एकमात्र संभावित हल है। रूसी मीडिया का दावा है कि यूक्रेन इस समझौते को पूरा नहीं करना चाहता है। पुतिन का कहना है कि यूक्रेन विवाद को सुलझाने के लिए हो रही वार्ता से पीछे हट रहा है। इसी को देखते हुए नाटो रूस की सीमा के पास हथियार जमा कर रहा है। इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति कार्यालय ने चेतावनी दी है कि रूस कभी भी यूक्रेन पर हमला कर सकता है।
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने उपराष्ट्रपति कमला हैरिस और विदेश मंत्री को जर्मनी के म्यूनिख में हो रहे सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए कहा है, ताकि दुनियाभर के नेताओं को रूस के खिलाफ एकजुट किया जा सके। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन पास्की ने आशंका जताई कि यह रूसी हमला कभी भी हो सकता है। पास्की ने कहा, “हम ऐसे मौके पर पहुंच गए हैं जब हम मानते हैं कि कभी भी हमला हो सकता है। यह हमला रूस बहाना बनाकर यूक्रेन के खिलाफ कर सकता है।“ उन्होंने कहा कि रूस ने इससे पहले भी बहाना बनाकर हमला किया था। इसमें दोनबास इलाके में उकसावे, सरकारी मीडिया की झूठी खबरों के आधार पर कार्रवाई शामिल है।
उन्होंने कहा कि सभी को अपनी आंखें खुली रखनी चाहिए और फर्जी वीडियो और रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल के प्रति सतर्क रहना चाहिए। इससे पहले यूक्रेन ने रूस के बढ़ते दबाव के बीच बुधवार को झंडा लहराकर राष्ट्रीय एकता का प्रदर्शन किया, जबकि अमेरिका ने कहा कि रूस ने यूक्रेन की सीमा से बलों की वापसी की अपनी घोषणा के विपरीत क्षेत्र में कम से कम 7,000 और बलों को तैनात किया है। यूक्रेन पर रूस के हमले की आशंका अभी तक हकीकत में नहीं बदली है, लेकिन अमेरिका और उसके सहयोगियों का कहना है कि इसकी आशंका अब भी उतनी ही अधिक बनी हुई है।
पश्चिमी देशों के अनुमान के अनुसार, रूस ने यूक्रेन के पूर्व, उत्तर और दक्षिण में 1,50,000 से अधिक बलों को तैनात किया है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने संकेत दिया है कि वह संकट का शांतिपूर्ण समाधान चाहते हैं और अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने वादा किया है कि अमेरिका भी संकट के राजनयिक समाधान का ‘‘हर मौका’’ देगा, लेकिन और बलों की तैनाती की खबर से रूस के इरादे को लेकर संशय पैदा हो गया है। इससे पहले, रूस ने बुधवार को कहा था कि वह और अधिक सैनिकों तथा हथियारों को सैन्य अड्डों पर वापस ला रहा है।