दिल्लीः रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध की आशंका के मद्देनजर भारत ने अपने नागरिकों को अस्थायी रूप से यूक्रेन छोड़ने की सलाह दी है। यूक्रेन की राजधानी कीव स्थित भारतीय दूतावास ने यूक्रेन में मौजूद भारतीय छात्रों को स्वदेश लौटने के लिए कहा है।

आपको बता दें कि रूस और यूक्रेन के बीच तनाव के कारण अमेरिका, ब्रिटेन, नॉर्वे, जापान, लातविया और डेनमार्क जैसे कई देश पहले ही पहले ही अपने नागरिकों को यूक्रेन छोड़ने के लिए कह चुके हैं। आपको बता दें कि 20 हजार से ज्यादा भारतीय छात्र यूक्रेन में पढ़ाई कर रहे हैं।

भारतीय दूतावास ने यूक्रेन छोड़ने के लिए एक एडवाइजरी लेटर यूक्रेन में मौजूद भारतीयों को भेजा है। लेटर में कहा गया है कि यूक्रेन के मौजूदा अनिश्चित माहौल को देखते हुए भारतीय नागरिकों, खासकर छात्रों को यूक्रेन छोड़कर अस्थायी तौर पर स्वदेश लौटने की सलाह दी जा रही है।

इस पत्र में आगे कहा गया है कि भारतीय नागरिक बिना किसी जरूरी काम के यूक्रेन की यात्रा न करें और वहां मौजूद नागरिक भी अनावश्यक घर से बाहर न जाएं।

भारतीय दूतावास ने यूक्रेन में मौजूद सभी भारतीय नागरिकों से यह भी अपील की है कि वो अपनी मौजूदगी के बारे में दूतावास को जानकारी देते रहें, ताकि जरूरत पड़ने पर उन तक मदद पहुंचाई जा सके। इसमें कहा गया है कि भारतीय दूतावास अपने नागरिकों की मदद करने के लिए यूक्रेन में अपना सामान्य कामकाज जारी रखेगा।

इसी बीच भारत में यूक्रेन के राजदूत इगोर पोलिखा ने कहा है कि यूक्रेन में रह रहे भारतीय छात्रों को घबराने की जरूरत नहीं है। अभी स्थिति इतनी भी खराब नहीं है कि बड़े पैमाने पर भारतीय छात्र देश छोड़े। उन्होंने मीडिया के काम करने के तरीके पर भी सवाल उठाए हैं। इगोर ने कहा कि कुछ भारतीय मीडिया चैनल यूक्रेन के मुद्दे को बढ़ा-चढ़ाकर पेश कर रहे हैं।

भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में रूस के खिलाफ अमेरिका के प्रस्ताव पर मतदान से खुद को अलग रखा। इसके साथ ही भारत ने शांतिपूर्ण बातचीत के जरिए तनाव को तत्काल कम करने की अपील की।

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस. तिरुमूर्ति ने कहा, “भारत का हित एक ऐसा समाधान खोजने में है, जो सभी देशों के वैध सुरक्षा हितों को ध्यान में रखते हुए तनाव को तत्काल कम कर सके और इसका उद्देश्य क्षेत्र और उससे बाहर दीर्घकालिक शांति और स्थिरता कायम करना है।“

उधर, पश्चिम देश यूक्रेन मामले में रूस पर कड़े प्रतिबंध लगाने की धमकी दे रहे हैं। इस बीच भारत ने स्पष्ट कहा है कि वह रूस के खिलाफ किसी भी आर्थिक प्रतिबंध का पक्षकार नहीं बन सकता।

रूस ने यूक्रेन की सीमा के पास एक लाख से ज्यादा सैनिकों का जमावड़ा कर रखा है। इससे इस क्षेत्र में युद्ध की आशंका तेज हो गई है। रूस ने लगातार इस बात से इनकार किया है कि वह यूक्रेन पर हमले की योजना बना रहा है, लेकिन अमेरिका और उसके उत्तरी अटंलांटिक संधि संगठन (NATO) सहयोगियों का मानना है कि रूस युद्ध की ओर बढ़ रहा है और इसके लिए तैयारी कर रहा है।

वहीं रूस की मुख्य मांगों में नाटो में यूक्रेन को शामिल नहीं करना और क्षेत्र से ऐसे हथियारों को हटाना शामिल है, जिससे रूस को खतरा हो सकता है।

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