दिल्ली: दुनिया में एक और युद्ध की आशंका गहराने लगी है। यूक्रेन के साथ जारी तनाव के बीच रूस के नौसैनिकों ने ने काला सागर में अभ्यास शुरू कर दिया है। इस अभ्यास में रूसी नौसेना के काला सागर बेड़े के 30 से अधिक युद्धपोत और पनडुब्बियां हिस्सा ले रही हैं। ये युद्धपोत सेवस्तोपोल और नोवोरोस्सिएस्क में अपने घरेलू बंदरगाहों पर तैनात थे। उधर, अमेरिका ने भी यूएसएस हैरी एस ट्रूमैन एयरक्राफ्ट कैरियर को कई युद्धपोतों और पनडुब्बियों को काला सागर में भेजा हुआ है। इस इलाके में अमेरिकी जहाज इतालवी नौसेना और फ्रांसीसी नौसेना के एयरक्राफ्ट कैरियर के साथ गश्त लगा रहे हैं।
उधर, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन काला सागर में दुश्मन देशों की नौसेनाओं की तैनाती पर नाराजगी जता चुके हैं। वहीं रूसी नौसेना के काला सागर बेड़े ने एक बयान जारी कर कहा कि इस युद्धाभ्यास का मकसद क्रीमियन प्रायद्वीप के तट की रक्षा करना है। इसके जरिए काला सागर बेड़े के ठिकानों के साथ-साथ देश की आर्थिक संसाधन, समुद्री संचार और समुद्री आर्थिक गतिविधियों की भी एक सतर्क दुश्मन की संभावित सैन्य खतरे से बचाना है।
इस युद्ध अभ्यास में शामिल युद्धपोतों में फ्रिगेट, पेट्रोल शिप, स्माल एंड मीडियम शिप, लैंडिंग क्राफ्ट, छोटे एंटी सबमरीन वारफेयर शिप के अलावा डिस्ट्रॉयर भाग ले रहे हैं। इस युद्धाभ्यास में समुद्र, तटों और हवा में नकली लक्ष्यों पर हमले और आर्टिलरी फायर की प्रैक्टिस की जाएगी।
वहीं अमेरिका ने भी एक दिन पहले ही पूर्वी यूरोप में रूस के पास अपनी नौसैनिक ताकत को बढ़ाने के लिए चार नए युद्धपोतों को तैनात किया है। ये सभी अर्ले बर्क क्लास के गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर हैं, जो दुश्मन के ठिकानों पर टॉमहॉक जैसी मिसाइलों की बारिश कर सकते हैं। इनके नाम यूएसएस डोनाल्ड कुक, यूएसएस मित्शेर, यूएसएस द सुलिवन, यूएसएस गोंजालेज हैं।
अमेरिका के नौसेना के प्रवक्ता अरलो अब्राहमसन ने बताया कि ये सभी युद्धपोत अमेरिका के छठे बेड़े और हमारे नाटो सहयोगियों के समर्थन में समुद्री गतिविधियों की एक सीरीज में हिस्सा लेंगे। इन सभी चार जहाजों को बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस सिस्टम से भी लैस किया गया है।
आपको बता दें कि दूर से हमलों के लिए टॉमहॉक मिसाइल बहुत ही सटीक हथियार है। इस क्रूज मिसाइल की रेंज 1,250 किलोमीटर से 2,500 किलोमीटर के बीच होती है। अपनी श्रेणी की दूसरी मिसाइलों से अपेक्षाकृत कम ऊंचाई पर ट्रैवल करने वाली टॉमहॉक को समुद्र से पनडुब्बी या युद्धपोतों के जरिए लॉन्च किया जा सकता है। वहीं कम ऊंचाई पर होने की वजह से इन्हें रडार भी पकड़ नहीं कर पाते हैं। यही कारण है कि दुश्मनों को इन मिसाइलों के हमले की भनक तक नहीं लग पाती है।
टॉमहॉक मिसाइल को अडवांस नैविगेशन सिस्टम के जरिए गाइड किया जाता है। इस मिसाइल की लंबाई 18 फीट 3 इंच (5.56 मीटर) होती है, बूस्टर के साथ लंबाई 5 फीट होती है। मिसाइल की स्पीड 885.139 किलोमीटर प्रति घंटे से 1416.22 किलोमीटर प्रति घंटे तक हो सकती है।
अमेरिका के रक्षा मंत्रालय पेंटागन ने शुक्रवार को घोषणा की कि अमेरिका नाटो यानी उत्तर अटलांटिक संधि संगठन सहयोगियों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दर्शाने और यूक्रेन पर रूस के हमले की आशंका के मद्देनजर पोलैंड में पहले से मौजूद 1,700 सैनिकों के अलावा, वहां 3,000 अतिरिक्त सैनिकों को भेज रहा है। रोमानिया के कॉन्स्टांटा स्थित काला सागर बंदरगाह में अमेरिका भारी सैन्य सामग्री तैनात कर रहा है, जो इस बात का संकेत है कि अमेरिका वहां सैन्य मौजूदगी बढ़ा रहा है तथा 1,000 और सैनिक वहां एयरबेस में पहुंच रहे हैं। सामरिक रूप से महत्वपूर्ण काले सागर में रूस, यूक्रन और तीन नाटो सहयोगियों के सैन्य बेस हैं।
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