दिल्लीः रूसी सैनिकों ने लंबे समय से चल रहे विवाद के बीच यूक्रेन की सीमा को घेरकर सैन्य अभ्यास शुरू कर दिया है। रूसी सैनिकों की तरफ से यूक्रेन बॉर्डर घेरने  की खबर से यूरोप और पश्चिमी देशों में हलचल तेज हो गई है। इसी बीच खबर है कि शनिवार को जो बाइडेन रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन से फोन पर बात करेंगे।

उधर, अमेरिका ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन किसी भी समय यूक्रेन पर हमले का आदेश दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि रूस ने तीन तरफ से यूक्रेन सीमा को घेर रखा है और वहां आर्मी, नेवी और एयरफोर्स को तैनात किया है।

प्राप्त रिपोटों के मुताबिक रूसी सैनिकों ने यूक्रेन सीमा को तीन ओर से घेर लिया है। रूसी सैनिकों ने सीमा पर 550 से अधिक टेंट भी लगाए गए हैं। इसके अलावा रूस ने यूक्रेन सीमा से लगे ओजोव सागर में नौसेना अभ्यास भी शुरू कर दिया है। यूक्रेन ने दावा किया है कि रूस ने इंटरनेशल वॉटर से जुड़े उसके सारे कनेक्शन काट दिए हैं।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमेरिकी खुफिया विभाग के अधिकारियों को इससे पहले लगा था कि व्लादिमीर पुतिन विंटर ओलिंपिक के बाद हमला करेंगे, ताकि उनके साथी चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग नाराज न हों, लेकिन अब खुफिया विभाग को लगता है कि रूस 20 फरवरी को विंटर ओलिंपिक खत्म होने का इंतजार नहीं करेगा। आपको बता दें कि चीन की राजधानी बीजिंग में 20 फरवरी तक विंटर ओलिंपिक खत्म होगा।

अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलीवन ने राष्ट्रपति जो बाइडेन को बताया कि हम रूस के बढ़ते कदमों को देख रहे हैं। यूक्रेन बॉर्डर पर रूस ने नई सेना तैनात की है। इसे देखकर अंदाजा लगाया जा रहा है कि रूस विंटर ओलिंपिक के दौरान ही यूक्रेन पर हमला बोल सकता है।

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने रूस के खिलाफ सख्त चेतावनी जारी की है। कहा जा रहा है कि 24 घंटे में स्थिति समान्य नहीं होने पर पश्चिमी देश रूस पर कड़े प्रतिबंध लगा सकते हैं।

रूस और यूक्रेन के बीत बढ़ते तनाव के मद्देनजर अमेरिका ने अपने नागरिकों से यूक्रेन से तुरंत लौटने की अपील की है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा है कि अभी हम स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। हम अपने नागरिकों से अपील करते हैं कि वे यूक्रेन छोड़ जल्द अमेरिका आ जाएं। अमेरिकी विदेश विभाग ने 24-48 घंटे के भीतर सभी नागरिकों को वापस आने की चेतावनी दी है।

अमेरिका के बाद अब ब्रिटेन, नॉर्वे, जापान, लातविया और डेनमार्क ने भी अपने नागरिकों से यूक्रेन छोड़ने की अपील की है। उधर, अमेरिका ने यूक्रेन की मदद के लिए सैनिकों को भेजने की संभावना को नकार दिया है। शुक्रवार को पेंटागन ने पोलैंड के लिए 3 हजार सैनिकों को रवाना किया है।

चलिए अब आपको बताते है कि रूस और यूक्रेन के बीच विवाद क्या है। यूक्रेन का पूर्वी भाग रूस के बॉर्डर से लगा हुआ है। सोवियत संघ के विघटन के बाद अधिकांश रूसी मूल के लोग यूक्रेन में बस गए। इस वजह से दोनों देशों के बीच आपसी तालमेल बेहतर था, लेकिन 2014 में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के करीबी विक्टर यानुकोविच की सत्ता चली गई। यानुकोविच के हटने के बाद से रूस और यूक्रेन में सियासी टशन शुरू हो गया।

रूस ने इसके बाद यूक्रेन के क्रीमिया प्रायद्वीप पर हमला कर कब्जा कर लिया। यूक्रेन को 1954 में सोवियत संघ के सर्वोच्च नेता निकिता ख्रुश्चेव ने क्रीमिया गिफ्ट में दिया था। क्रीमिया पर रूसी कब्जे के बाद यूक्रेन ने पश्चिमी देशों से मित्रता बढ़ानी शुरू कर दी। ताजा विवाद यूक्रेन के नाटो (NATO) यानी उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन में शामिल होने की खबर से शुरू हुई। यूक्रेन के नाटो में शामिल होने की अटकलों से नाराज रूस ने सीमा पर लाखों सैनिकों की तैनाती कर दी।

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