दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को लगातार दूसरे दिन कांग्रेस पर हमला बोला और कहा कि कांग्रेस की सोच पर अर्बन नक्सलियों ने कब्जा कर लिया है। अगर कांग्रेस न होती, तो देश पर इमरजेंसी का कलंक न लगता। कांग्रेस न होती, तो जातिवाद की खाई न होती। कांग्रेस न होती, तो सिखों का नरसंहार न होता।

पीएम मोदी ने आज राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण का जवाब दिया और कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि जिन्होंने देश में इमरजेंसी लगाई, वे लोकतंत्र पर चर्चा कर रहे हैं। इमरजेंसी में लोकतंत्र का गला घोंटा गया। उन्होंने कहा, “अगर कांग्रेस न होती, तो देश पर इमरजेंसी का कलंक न लगता। कांग्रेस न होती, तो जातिवाद की खाई न होती। कांग्रेस न होती, तो सिखों का नरसंहार न होता।“

पीएम मोदी यहीं नहीं रुके। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सोच पर अर्बन नक्सलियों ने कब्जा कर लिया है। उन्होंने कहा, “परिवारवाद लोकतंत्र के लिए सबसे बड़ा खतरा है। जब टेलेंट पर परिवार हावी होता है, तो यह दिखाई देता है। कांग्रेस न होती, तो राजनीति परिवारवाद से मुक्त होती।“

पीएम मोदी ने मंगलवार को राज्यसभा में अपने भाषण की शुरुआत कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और आनंद शर्मा पर तंज कसते हुए की। उन्होंने कहा कि खड़गे जी ने कुछ देश के लिए, कुछ दल के लिए, कुछ खुद के लिए काफी कुछ बातें बताई थीं। आनंद शर्मा जी ने भी ऐसा किया। उनको जरा समय की तकलीफ रही, लेकिन फिर भी उन्होंने कोशिश की है। उन्होंने कहा कि देश की उपलब्धियों को स्वीकारा जाए।

उन्होंने कहा कि कोरोना के समय देश के 80 करोड़ से ज्यादा देशवासियों को मुफ्त राशन की व्यवस्था की गई। गरीबों का चूल्हा कभी बंद न हो ऐसा करके भारत ने पूरी दुनिया के सामने उदाहरण पेश किया। यह बड़ी कामयाबी है कि महामारी की रुकावट के बाद भी लाखों परिवारों को गरीबों को पक्का घर देने की दिशा में हम लगातार चलते रहे। जब तक महामारी रहेगी, तब तक सरकार गरीब का जीवन बचाने के लिए जितना खर्च करना पड़ेगा, उतना करेगी। उन्होंने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा, “कोरोना पर भारत की कोशिशों की दुनियाभर में तारीफ हो रही है। बेहतर होता कि कांग्रेस के लोग इसका यश लेने की कोशिश करते।“

मोदी ने कहा कि इस कोरोना काल में दुनिया को दवाई पहुंचाने की बात हो या पर्यावरण संरक्षण की बात हो, भारत की लीडरशिप की दुनिया में चर्चा है। जब संकट का काल होता है, तो चुनौतियां बहुत होती हैं। उस समय दुनिया की पूरी ताकत अपने बचाव में जुटी होती है। ऐसे में मुझे अटल बिहारी जी कविता की पंक्तियां याद आ रही हैं:

व्याप्त हुआ बर्बर अंधियारा
किंतु चीर कर तम की छाती
चमका हिंदुस्तान हमारा।

शत-शत आघातों को सहकर
जीवित हिंदुस्तान हमारा।

जग के मस्तक पर रोली सा
शोभित हिंदुस्तान हमारा।

राज्यसभा में मोदी के भाषण की अहम बातें-

  • आज देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। पिछले 75 साल में कई स्तर पर देश के विकास को गति देने की कोशिश हुई। अगले 25 साल में हमें देश को कैसे आगे ले जाना है, इस पर फोकस करना होगा। राष्ट्रपति के अभिभाषण में इसका संक्षिप्त खाका पेश किया गया था। इसमें जो अच्छा है, उसे आगे बढ़ाना और जहां नई कोशिश करने की जरूरत है, उसका लेखाजोखा शामिल था।
  • जब देश आजादी के 100 साल मनाएगा, उस समय तक हमें देश को कहां पहुंचाना है, कैसे पहुंचाना है इस पर विचार करने के लिए यह बेहद महत्वपूर्ण समय है। हम सभी राजनेताओं को भी 25 साल में देश का विकास कैसे हो, इस पर ध्यान केंद्रित करना है।
  • कोरोना समूची मानव जाति के लिए खतरा है। जब महामारी फैली, तो लोगों ने कहा कि भारत पर इसका कैसा असर होगा। 130 करोड़ देशवासियों की संकल्प शक्ति का सामर्थ्य है कि आज पूरी दुनिया में भारत की कोशिशों की सराहना हो रही है।
  • कोरोना में गरीबों के सशक्तिकरण पर काम हुआ। भारत ने वैक्सीन बनाने और वैक्सीनेशन करने की कोशिश शुरू की। आज हम शत प्रतिशत पहले डोज के लक्ष्य की ओर तेज गति से आगे बढ़ रहे हैं। हमारे फ्रंटलाइन वर्कर्स, हेल्थ वर्कर्स और वैज्ञानिक ने जो काम किया है उससे भारत की प्रतिभा तो बढ़ेगी ही, साथ ही हौसला भी बुलंद होगा। यह सदन अपने फ्रंटलाइन वर्कर्स का गौरव के साथ अभिनंदन करता है।
  • कोरोना के समय में 80 करोड़ से ज्यादा देशवासियों को मुफ्त राशन की व्यवस्था की गई। गरीबों का चूल्हा कभी बंद न हो ऐसा करके भारत ने पूरी दुनिया के सामने उदाहरण पेश किया। यह बड़ी कामयाबी है कि महामारी की रुकावट के बाद भी लाखों परिवारों को गरीबों को पक्का घर देने की दिशा में हम लगातार चलते रहे।
  • 5 करोड़ ग्रामीण परिवारों को नल से जल पहुंचाने का रिकॉर्ड बना है। कोरोनाकाल में जब पहला लॉकडाउन लगाया गया, तब बहुत समझदारी और साहस के साथ गांव में किसानों को लॉकडाउन से मुक्त रखा गया। इसका परिणाम यह हुआ कि हमारे किसानों ने कोरोना कालखंड में बंपर पैदावार की। इस दौरान MSP पर भी रिकॉर्ड खरीदारी की गई। इसी कोरोना काल में इन्फ्रास्ट्रक्चर से जुड़े कई प्रोजेक्ट पूरे किए गए।
  • UP और तमिलनाडु में डिफेंस कॉरिडोर बन रहे हैं, जिस तरह से MSME क्षेत्र के लोग डिफेंस सेक्टर में आ रहे हैं, ये उत्साहवर्धक है और दिखाता है कि देश के लोगों में सामर्थ्य है। देश को डिफेंस के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए MSME के लोग बहुत साहस जुटा रहे हैं।
  • मोदी ने कहा कि हमने महंगाई को रोकने की पूरी कोशिश की। 2014 से 2020 तक महंगाई दर 4 से 5% तक थी। इसकी तुलना में UPA से करें, तो पता चलेगा कि महंगाई होती क्या है? UPA के समय महंगाई डबल डिजिट में थी। आज हम एकमात्र बड़ी इकॉनमी हैं जो उच्चतम विकास और मध्यम महंगाई को देख रहे हैं। दुनिया की अर्थव्यवस्था को देखें तो वहां की अर्थव्यवस्था में या तो ग्रोथ स्लो हुई है या फिर महंगाई दशकों का रिकॉर्ड तोड़ रही है।
  • साल 2021 में एक करोड़ 20 लाख नए EPFO के पेरोल पर जुड़े। इनमें से 60-65 लाख 18 से 25 वर्ष की उम्र के हैं। रिपोर्ट बताती है कि कोरोना के पहले की तुलना में कोविड प्रतिबंध खुलने के बाद नियुक्तियां दोगुनी बढ़ गई हैं।

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