दिल्लीः उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस को तगड़ा झटका लगा है। पूर्व केंद्रीय मंत्री आरपीएन (RPN) सिंह यानी कुंवर रतनजीत प्रताप नारायण सिंह ने मंगलवार को कांग्रेस छोड़ दी और बीजेपी का दामन थाम लिया। आपको बता दें कि एक दिन पहले की कांग्रेस ने आरपीएन को स्टार प्रचारक बनाया था।
उन्होंने पार्टी कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी को अपना इस्तीफा भेजा। दोपहर में दिल्ली में बीजेपी की सदस्यता ग्रहण कर ली। उन्हें उत्तर प्रदेश बीजेपी के चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान ने बीजेपी की सदस्यता दिलाई। आरपीएन झारखंड कांग्रेस के प्रभारी थे।
उधर, कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने आरपीएन सिंह के कांग्रेस छोड़ने के बाद उन्हें कायर करार दे दिया है। सुप्रिया ने कहा, “कांग्रेस पार्टी जो लड़ाई लड़ रही है, वह केवल बहादुरी से लड़ी जा सकती है। इसके लिए साहस, ताकत की जरूरत है और प्रियंका गांधी जैसा कहती हैं कि कायर लोग इसे नहीं लड़ सकते।“
वहीं धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, ‘आरपीएन सिंह जी का मैं भारतीय जनता पार्टी परिवार में स्वागत करता हूं। उनके साथ 2 अन्य साथी भी भाजपा में शामिल हुए हैं, मैं उनका भी पार्टी में स्वागत करता हूं।
आपको बता दें कि आरपीएन सिंह के बीजेपी में शामिल होने की खबर महीने भर से सियासी गलियारे में चल रही थी, लेकिन वे इनकार करते रहे।
आरपीएन सिंह ने कहा, “32 सालों तक मैंने एक पार्टी में रहा ईमानदारी से, लगन से मेहनत की। लेकिन जिस पार्टी में इतने साल रहा, अब वो पार्टी रह नहीं गई। न वो सोच रह गई जहां मैंने शुरुआत की थी। देर से सही पर दुरुस्त आया हूं। अगर देश में राष्ट्र निर्माण करना है और देश को आगे बढ़ाना है तो मैं एक छोटे कार्यकर्ता की हैसियत से हमारा प्रधानमंत्री मोदी के सपनों को पूरा करने के लिए जो भी प्रयास होगा, अवश्य करूंगा।“
आरपीएन सिंह ने 2009 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश के कुशीनगर सीट पर कांग्रेस का खाता खोला था। वे यूपीए सरकार में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री रह चुके हैं। उनके पिता कुंवर चंद्र प्रताप नारायण सिंह कांग्रेस के वफादार नेताओं में से एक थे। वे कांग्रेस के टिकट पर पडरौना सीट से 1980 और 1984 का लोकसभा चुनाव जीते थे। उन्हें 1980 में इंदिरा गांधी की सरकार में रक्षा राज्यमंत्री बनाया गया था।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक आरपीएन सिंह यूपी विधानसभा चुनाव में कुशीनगर के पडरौना से अपने किसी खास व्यक्ति को चुनाव लड़ा सकते हैं। हालांकि वे खुद विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे। आपको बता दें कि यहां बीजेपी छोड़कर समाजवादी पार्टी में आए स्वामी प्रसाद मौर्य के चुनाव लड़ने की संभावना है। चर्चा है
बीजेपी नेता आरपीएन सिंह ने सोशल मीडिया पर लिखा, “आज, जब पूरा राष्ट्र गणतंत्र दिवस का उत्सव मना रहा है तो मैं अपने राजनैतिक जीवन में नया अध्याय आरंभ कर रहा हूं।’ पूर्व केन्द्रीय मंत्री आरपीएन सिंह ने तीन दिन पहले बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृहमंत्री अमित शाह, पीएम मोदी से मुलाकात की थी। आरपीएन सिंह बीते दो महीने से यूपी चुनाव में सक्रिय नहीं दिख रहे है।“
आइए अब आपको बताते हैं कि आरपीएन सिंह कौन हैः आरपीएन सिंह कुंवर रतनजीत प्रताप नारायण सिंह को यूपी के पडरौना का राजा साहेब कहा जाता है। वह इसी नाम से प्रसिद्ध हैं। आपको बता दें कि पडरौना बुद्ध स्थली है। यहां भगवान बुद्ध ने आखिरी बार भोजन किया था और भगवान राम ने भी कुछ दिन बिताए थे। यह क्षेत्र यूपी के कुशीनगर जिले के अंदर आता है।
25 अप्रैल 1964 को दिल्ली में जन्मे आरपीएन सिंह 2019 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस के टिकट पर कुशीनगर से ही ताल ठोंका था। आरपीएन सिंह का वह पिछड़ी जाति सैंथवार-कुर्मी हैं। 2002 में उन्होंने पत्रकार सोनिया सिंह से शादी की। आरपीएन और सोनिया के तीन बेटियां हैं। आरपीएन के पिता कुंवर सीपीएन सिंह कुशीनगर से सांसद थे। वह 1980 में इंदिरा गांधी कैबिनेट में रक्षा राज्यमंत्री भी रहे।
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