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बदलेगी 50 साल पुरानी परंपराः इंडिया गेट की बजाय अब नेशनल वॉर मेमोरियल पर प्रज्जवलित होगी अमर जवान ज्योति - Prakhar Prahari
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बदलेगी 50 साल पुरानी परंपराः इंडिया गेट की बजाय अब नेशनल वॉर मेमोरियल पर प्रज्जवलित होगी अमर जवान ज्योति

दिल्लीः राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आज 50 साल पूरानी परंपरा बदल जाएगी। दिल्ली के इंडिया गेट की पहचान बन चुकी अमर जवान ज्योति को गणतंत्र दिवस से पहले यहां से शिफ्ट किया जा रहा है। अब यह ज्योति इंडिया गेट की जगह नेशनल वॉर मेमोरियल पर प्रज्जवलित होगी। प्राप्त जानकारी के मुताबिक शुक्रवार अपराह्न 3.30 बजे इसकी लौ को वॉर मेमोरियल की ज्योति में ही मिला दिया जाएगा।

भारतीय सेना के एक अधिकारी ने बताया कि अमर जवान ज्योति की मशाल को शुक्रवार अपराह्न नेशनल वॉर मेमोरियल लाया जाएगा। वहां एक समारोह में दोनों लौ को आपस में मिला दिया जाएगा। इस समारोह की अध्यक्षता एयर मार्शल बलभद्र राधा कृष्ण करेंगे।

आपको बता दें कि अमर जवान ज्योति को पाकिस्तान के खिलाफ 1971 के युद्ध में शहीद होने वाले 3,843 भारतीय जवानों की याद में बनाया गया था। इसे पहली बार 1972 में प्रज्जवलित किया गया था। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 26 फरवरी 1972 को इसका उद्घाटन किया था।

वहीं, नेशनल वॉर मेमोरियल का निर्माण केंद्र सरकार ने 2019 में किया था। इसे 1947 में देश की आजादी के बाद से अब तक शहादत दे चुके 26,466 भारतीय जवानों के सम्मान में निर्मित किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने  25 फरवरी 2019 को इस स्मारक का उद्घाटन किया था।

सरकार की तरफ से अमर जवान ज्योति को इंडिया गेट से हटाकर नेशनल वॉर मेमोरियल लेकर जाने के फैसले पर अलग-अलग तरह के रिएक्शंस सामने आए हैं। बहुत सारे पूर्व सैनिकों ने इसे अपनी भावनाओं से जुड़ा हुआ बताते हुए नहीं हटाए जाने की अपील भी की है। दिसंबर 2021 में भारत-पाकिस्तान के 1971 युद्ध के 50 साल पूरे हुए हैं।

हालांकि, इसे वॉर मेमोरियल लेकर जाने के समर्थकों का कहना है कि वहां पहले से सैनिकों की याद में एक ज्योति मौजूद है। वह जगह शहीदों को सम्मान देने के लिए ही बनी है। पूर्व नेवी चीफ एडमिरल अरुण प्रकाश ने एक अंग्रेजी अखबार से बातचीत में कहा कि अमर जवान ज्योति को इंडिया गेट पर अस्थाई रूप से स्थापित किया गया था। अब हमारे पास अपना एक वॉर मेमोरियल है, तो इसे वहीं ले जाना बेहतर होगा।

आपको बता दें कि 42 मीटर ऊंचे इंडिया गेट का निर्माण ब्रिटिश सरकार ने किया था। ब्रिटिश सरकार ने 1914-21 के बीच पहले विश्व युद्ध और तीसरे अफगान युद्ध में ब्रिटिश सेना की तरफ से शहीद होने वाले 84,000 भारतीय सैनिकों की याद में इसे बनाया था। इस पर उन सैनिकों के नाम भी खुदे हुए हैं। इसका उद्घाटन 12 फरवरी 1031 को किया गया था।

Shobha Ojha

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