दिल्लीः एयर इंडिया ने बुधवार को अमेरिका जाने वाली उड़ानों को रद्द कर दिया है। सीधे शब्दों में कहें, तो आज एयर इंडिया के विमान अमेरिका के लिए उड़ान नहीं भरेंगे। इस बात की जानकारी एयर इंडिया ने ट्वीट कर दी है।
दरअसल अमेरिका में 5G मोबाइल टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल की शुरुआत हो रही है। इस वजह से एयर इंडिया के विमानों के कम्युनिकेशन सिस्टम को काम करने में बड़ी परेशानी हो सकती है। एयर इंडिया ने ट्वीट कर कहा है कि बुधवार को उसकी दिल्ली-न्यूयॉर्क, दिल्ली-सैन फ्रांसिस्को, दिल्ली-शिकागो, मुंबई-न्यू जर्सी की उड़ानें संचालित नहीं होंगी। इसके अलावा एयरलाइन ने दिल्ली से वॉशिंगटन जाने वाली उड़ान को भी रीशेड्यूल करने की बात कही है।
#FlyAI: Due to deployment of the 5G communications in USA,we will not be able to operate the following flights of 19th Jan'22:
AI101/102 DEL/JFK/DEL
AI173/174 DEL/SFO/DEL
AI127/126 DEL/ORD/DEL
AI191/144 BOM/EWR/BOMPlease standby for further updates.https://t.co/Cue4oHChwx
— Air India (@airindiain) January 18, 2022
एयर इंडिया के अलावा कई अन्य एयरलाइंस का भी कहना है कि एयरपोर्ट के आसपास 5G टेक्नोलॉजी की वजह से खतरनाक परेशानियां हो सकती हैं। इसे देखते हुए 5G टेक्नोलॉजी को रनवे से दो मील की दूरी पर ही रखा जाए।
एयरलाइन अधिकारियों ने चिंता जाहिर की है कि 5G की वजह से प्लेन के इक्विपमेंट्स में टेकऑफ और लैंडिंग के दौरान बाधा आ सकती है। अधिकारियों की इस चिंता को देखते हुए मोबाइल सर्विस कंपनी एटी एंड टी (AT&T) और वैराइजोन कुछ हवाई अड्डों के पास 5G सर्विस की शुरुआत को सीमित कर देगी।
आपको बता दैं कि कुछ एयरलाइंस के सीईओ (CEO) यानी मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने अमेरिकन ट्रांसपोर्ट सेक्रेटरी को चिट्ठी लिखकर कहा है कि एविएशन इक्विपमेंट में जरूरी अपग्रेड या बदलाव के बिना अगर 5G को अमल में लाया गया तो बहुत बड़ा हादसा हो सकता है। 5G टेक्नोलॉजी की वजह से प्लेन के ऑल्टीट्यूड (ऊंचाई) को नापने की क्षमता प्रभावित हो सकती है।
वहीं यूनाइटेड एयरलाइंस के सीईओ स्कॉट किर्बी ने चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर टेलीकम्युनिकेशन कंपनियां एयरपोर्ट के पास 5G टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करती हैं, तो उनके ऑपरेशंस पर निगेटिव असर पड़ेगा। महत्वपूर्ण हवाई अड्डों के करीब 5G टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल टाला जाना चाहिए। एयरलाइंस कंपनियों की चेतावनी के चलते मोबाइल सर्विस कंपनी एटी एंड टी (AT&T) और वैराइजोन दो बार 5G की लॉन्चिंग टाल चुकी हैं।
एविएशन रेगुलेटर फा (FAA) ने कहा है कि उसने कुछ 5G वाले इलाके के भीतर ट्रॉसपॉन्डर को काम करने की छूट दी है। 5G के C-बैंड से प्रभावित होने वाले 88 एयरपोर्ट में से 48 के पास नई तकनीक को हरी झंडी दी गई है। एयरलाइंस को चिंता है कि इन एयरपोर्ट में अनसर्टिफाइड इक्विपमेंट से हजारों उड़ाने ठप हो सकती हैं। यूनाइडेट एयरलाइंस ने सोमवार को कहा कि मौजूदा 5G वायरलेस के कारण सालभर में 15,000 उड़ानें और 12.5 लाख यात्री प्रभावित होंगे।