संवाददाताः संतोष कुमार दुबे
दिल्लीः आज रात करीब 3 बजे एक बड़े आकार का एस्टेरॉयड पृथ्वी से करीब 19 लाख किलोमीटर दूरी से गुजरेगा। आपको बता दें कि यह दूरी पृथ्वी और चंद्रमा के बीच की दूरी का लगभग 5 गुना है। अमेरिका की स्पेस एजेंसी नासा के मुताबिक इस एस्टेरॉयडका आकार में दुनिया की सबसे बड़ी इमारत बुर्ज खलीफा से भी बड़ा है।
नासा ने बताया है कि करीब छह लाख साल बाद कोई इतना बड़ा एस्टेरॉयड पृथ्वी के इतने करीब से गुजर रहा है। नासा के अनुसार आखिरी बार जो एस्टेरॉयड इतना करीब से गुजरा था, उसके कारण पृथ्वी के तापमान में आए बदलाव को ही डाइनासोर्स के खात्मे का जिम्मेदार माना जाता है।
NASA (नासा) यानी नेशनल एयरोनॉटिकल एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन के अनुसार 7482 (1994 PC1) नामक इस एस्टेरॉयड की लंबाई करीब 1 किलोमीटर यानी 3280 फीट है। हालांकि नासा का कहना है कि इससे धरती को कम खतरा है, लेकिन अगर एस्टेरॉयड अपना रास्ता बदल लेता है, तो पृथ्वी के लिए खतरनाक साबित हो सकता है और भारी तबाही मच सकती है। इस एस्टेरॉयड की खोज साल 1994 में की गई थी।
इस बात की जानकारी नासा ने ट्वीट करदी है। नासा ने ट्वीट कर कहा, “बेहत प्रसिद्ध एस्टेरॉयड 1994 PC1 (~1 किमी चौड़ा) आज पृथ्वी के सबसे निकट रहेगा। हमारे #PlanetaryDefense विशेषज्ञों द्वारा दशकों से इसका अध्ययन किया जा रहा है। निश्चिंत रहें, 1994 PC1 मंगलवार 18 जनवरी को हमारे प्लेनेट से 1.2 मिलियन मील दूरी से सुरक्षित रूप से उड़ान भरेगा।
Near-Earth #asteroid 1994 PC1 (~1 km wide) is very well known and has been studied for decades by our #PlanetaryDefense experts. Rest assured, 1994 PC1 will safely fly past our planet 1.2 million miles away next Tues., Jan. 18.
Track it yourself here: https://t.co/JMAPWiirZh pic.twitter.com/35pgUb1anq
— NASA Asteroid Watch (@AsteroidWatch) January 12, 2022
अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने ट्विटर पर इस एस्टेरॉयड को ट्रैक करने के लिए लिंक भी दिया है। इस ट्वीट के बाद लोगों के अंदर काफी उत्सुकता पैदा हो गई। इसके बाद अधिकांश लोगों ने नासा की वेबसाइट के माध्यम से एस्टेरॉयड को मॉनिटर कर रहे हैं।
आपको बता दें कि एस्टेरॉयड की चमक शुक्र की चमक और आकाश में दिखाई देने वाले अन्य तारों की तुलना में कम होती है। नासा के अनुसार, 6 इंच या उससे बड़ा होम टेलीस्कोप एस्टेरॉयड का पता लगाने में मदद कर सकता है, लेकिन कोई बादल या प्रदूषण नहीं होना चाहिए। नासा ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि एस्टेरॉयड से पृथ्वी को कोई खतरा नहीं है।
ऐसा अनुमान है कि इसी साल 26 सितंबर और 1 अक्टूबर के बीच, डिमोर्फोस नामक एक छोटा चंद्रमा डार्ट से टकराएगा। इससे चांद के प्रक्षेपवक्र (trajectory) में मामूली बदलाव का अनुमान है।
अमेरिकी स्पेस एजेंसी के नासा के मुताबिक ऐसा कोई एस्टेरॉयड मौजूद नहीं है, जो आने वाले 100 वर्षों के भीतर पृथ्वी से टकराने के जोखिम हो।
एक रिपोर्ट से मिली जानकारी के अनुसार, आज से करीब 89 साल पहले एक एस्टेरॉयड 7482 (1994 PC 1) धरती के सबसे पास से गुजरा था, जिसकी पृथ्वी से दूरी लगभग 11 लाख किलोमीटर बताई गई थी।
स्पेस एजेंसी नासा की रिपोर्ट के अनुसार 18 जनवरी 2105 को एस्टेरॉयड 7482 (1994 PC 1) धरती के करीब से गुजरेगा। नासा एस्टेरॉयड को धरती से टकराने से रोकने के लिए नई तकनीक की खोज में लगी हुई है। अभी पिछले साल यह एजेंसी ने डार्ट मिशन को लांच किया है।
एस्टेरॉयड क्या है?
एस्टेरॉयड एक प्रकार का उल्कापिंड या क्षुद्रग्रह होता है, जो किसी ग्रह के निर्माण के समय में छोटे-छोटे टुकड़ों में बंट जाते हैं और सूर्य के चारो ओर चक्कर लगाने लगते हैं। इसी टुकड़ों में से कोई एक टुकड़ा अपनी कक्षा से बाहर निकलकर पृथ्वी के करीब आ जाता है। आपको बता दें कि ज्यादातर मौके पर ग्रहों की कक्षा में एस्टेरॉयड जल जाते हैं, लेकिन कई बार एस्टेरॉयड की टक्कर पृथ्वी से हो चुकी है।