दिल्लीः राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस की तीसरी लहर पीक पर है, लेकिन शुक्रवार से इस संक्रमण के दैनिक मामलों में गिरावट आ रही है। आज इसके नए मामलों में चार हजार की कमी आने की उम्मीद है। यह कहना है कि दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन का।

जैन ने शनिवार को कहा कि कल दिल्ली में कोरोना के मामले परसों की तुलना में साढ़े 4 हज़ार कम आए थे। उन्होंने कहा कि दिल्ली में कोरोना के मामले पीक पर है लेकिन कल से मामले में गिरावट आ रही है। उन्होंने कहा कि आज, दिल्ली में कोविड के मामलों में 4,000 की कमी होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि पॉजिटिविटी रेट लगभग 30 प्रतिशत होगी। उन्होंने कहा कि पिछले 5-6 दिनों में अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की दर नहीं बढ़ी है। यह इस बात का संकेत है कि आने वाले दिनों में मामले कम होने वाले हैं। जैन ने कहा कि दिल्ली में 85 फीसदी अस्पताल के बिस्तर खाली हैं। किसी को घबराने की जरूरत नहीं है।

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बीते 24 घंटे में कोरोना के कारण 34 व्यक्तियों की मौत हुई है। वहीं बीते तीन दिनों में यहां कोरोना से 105 रोगियों की मृत्यु हो चुकी है। कोरोना के कारण लगातार हो रही इन मौतों पर राज्य सरकार का कहना है कि कोरोना से जिन व्यक्तियों की मृत्यु हुई है। इनमें से 75 फीसदी लोगों ने वैक्सीन नहीं लगवाई थी। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री जैन ने बताया कि दिल्ली में कोरोना के कारण हुई मौत में 75 फीसदी आंकड़ा उनका है, जिन्होंने वैक्सीन नहीं लगवाई थी।

दिल्ली में शुक्रवार को संक्रमण के 24383 नए मामले दर्ज किए गए थे और संक्रमण दर 30 प्रतिशत रही थी।

उन्होंने कहा कि कोरोना को रोकने का सबसे अच्छा तरीका है कि हर समय मास्क पहनें और हर समय कोविड संबंधी सभी प्रोटोकॉल का पालन करें। उन्होंने बताया कि दिल्ली सरकार द्वारा सभी सावधानियां बरती जा रही हैं ताकि संक्रमण की रफ़्तार दिल्ली में धीमी पड़ सके। सरकार का जनता से अनुरोध है कि जिस तरह स्वास्थ्य विभाग और हेल्थ वर्कर्स फ्रंट लाइन पर प्रयास कर रहे है उसी ऊर्जा से लोग भी मास्क लगा कर रखें। हाथों को हैंड सैनिटाइजर से साफ करे और सोशल डिस्टन्सिंग का नियम अनुसार पालन करें

आपको बता दें कि 13 जनवरी तक के आंकड़ों के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी के लगभग 50 प्रतिशत कंटेनमेंट जोन सिर्फ तीन जिलों, मध्य, पश्चिमी और नई दिल्ली में बने हैं। लगभग 10 दिन पहले तक दिल्ली के दक्षिणी और दक्षिणी-पूर्वी जिले में सबसे अधिक कंटेनमेंट जोन थे।

 

कंटेनमेंट जोन की संख्या के लिहाज से सबसे अधिक मध्य दिल्ली (3835), दूसरे स्थान पर पश्चिमी दिल्ली (3553) और तीसरे स्थान पर नई दिल्ली (2346) आता है। 13 जनवरी तक दिल्ली में कुल 17974 कंटेनमेंट जोन बनाए गए थे, जिनमें से 9734 कंटेनमेंट जोन इन्हीं तीनों जिलों में हैं।

आपको बता दें कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान दक्षिणी दिल्ली जिला अधिक संवेदनशील रहा था। उस दौरान दिल्ली में हुए 54 हजार कंटेनमेंट जोन में से 27 हजार अकेले दक्षिणी जिले में थे। दिल्ली के नए इलाकों में कोरोना के बढ़ते मामलों के चलते बनाए जा रहे कंटेनमेंट जोन को देखते हुए प्रशासन भी सख्ती के मूड में दिख रहा है। दिल्ली में बगैर मास्क घूमने वाले और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन न करने वालों पर सख्ती बढ़ाई जा रही है। सरकार ने कहा है कि कंटेनमेंट जोन बढ़ना ठीक नहीं है, इससे कोरोना को फैलने से रोकने में जरूर मदद मिलती है, लेकिन जनता को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। मगर कोरोना नियमों का पालन करने की अधिक जरूरत है।

दिल्ली में कंटेनमेंट जोन की संख्या

उत्तरी 1515
उत्तर-पश्चिमी 571
पश्चिमी 3553
दक्षिण-पश्चिमी 998
नई दिल्ली 2346
मध्य दिल्ली 3835
उत्तर-पूर्वी 339
शाहदरा 1546
पूर्वी दिल्ली 184
दक्षिण-पूर्वी 1094
दक्षिणी दिल्ली 1993

(आंकड़े 13 जनवरी तक के हैं)

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here