दिल्लीः भारत में कोरोना वायरस की तीसरी लहर आ गई है और देश में इस संक्रमण के मामले जी से बढ़ रहे हैं। इस बीच आईसीएमआर (ICMR) यानी भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद ने एक नई एडवाइजरी जारी कर नियमों में कुछ ढील दी है। आईसीएमआर की नई गाइडलाइंस में कई श्रेणियों में लोगों को टेस्टिंग से छूट दी गई है। आईसीएमआर ने यह छूट कोविड-19 के लिए उद्देश्यपूर्ण जांच रणनीति के लिए दी हैं. जिससे कोरोना-ओमिक्रॉन के मरीजों को ठीक तरह से और जल्दी उपचार मिल सके। यह गाइडलाइंस ऐसे समय आई है जब देश में कोरोना के दैनिक मामले करीब दो लाख आने लगे हैं। आइए एक नजर डालते हैं आईसीएमआर की नई टेस्टिंग गाइडलाइंस परः

  •  कोविड-19 से संक्रमित पाए गए व्यक्तियों के संपर्क में आए लोगों की तब तक जांच करने की जरूरत नहीं है, जब तक उनकी पहचान आयु या अन्य बीमारियों से पीड़ित होने के चलते ‘अधिक जोखिम’ वाले के तौर पर न की गई हो।
  • एक राज्य से दूसरे राज्य में यात्रा करने वाले व्यक्तियों को भी जांच कराने की आवश्यकता नहीं है।
  • जांच या तो आरटी-पीसीआर, ट्रूनेट, सीबीएनएएटी, सीआरआईएसपीआर, आरटी-एलएएमपी, रैपिड मॉलिक्यूलर टेस्टिंग सिस्टम्स या रैपिड एंटीजन टेस्ट (आरएटी) के जरिए की जा सकती है।

 

  • प्वाइंट आफ केयर टेस्ट (घर या स्व-जांच या आरएटी) और मॉल्युकर टेस्ट में एक पॉजिटिव को जांच दोहराए बिना संक्रमित माना जाना चाहिए।
  • लक्षण वाले व्यक्तियों, जिनकी घर या सेल्फ टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव आई है उन्हें आरएटी या आरटी-पीसीआर जांच करानी चाहिए।

 

  •  लक्षण न दिखाई देने वाले मरीजों को सर्जिकल या नॉन सर्जिकल प्रक्रियाओं को लेकर राहत दे दी गई है, इसमें वे गर्भवती महिलाएं भी शामिल हैं जिन्हें डिलिवरी के लिए भर्ती किया गया है जबतक कि लक्षण न दिखाई दे।
  • टेस्ट के अभाव में कोई भी इमर्जेंसी प्रक्रिया यहां तक कि सर्जरी और डिलिवरी में देरी नहीं होनी चाहिए
  • अस्पताल में भर्ती मरीजों का हफ्ते में एक बार से ज्यादा टेस्ट नहीं होना चाहिए।
  • बिना लक्षण वाले लोगों, कोविड-19 फसिलिटी से छुट्टी पाने वालों और होम आइसोलेशन के तहत डिस्चार्ज लोगों को भी टेस्ट कराने की जरूरत नहीं है।

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